सरकारी तेल कंपनी में प्राइवेट एंट्री! विकास कौशल बने HPCL के चेयरमैन, सरकार ने क्यों तोड़ा 50 साल का ट्रेंड?

सरकारी तेल कंपनियों में पहली बार निजी क्षेत्र के व्यक्ति को शीर्ष पद मिला है। विकास कौशल की HPCL में नियुक्ति सरकार की नई रणनीति को दर्शाती है. इस घोषणा के साथ यह भी सवाल हैं कि सरकार ने यह फैसला क्यों लिया, जवाब के लिए आर्टिकल को पढ़ें.

विकास कौशल Image Credit: Money9 Live

HPCL Chairman Vikas Kaushal: भारत सरकार ने शुक्रवार को हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) के नए चेयरमैन के रूप में विकास कौशल की नियुक्ति की घोषणा की. यह पहली बार है जब किसी राज्य संचालित तेल कंपनी की कमान निजी क्षेत्र के किसी व्यक्ति को सौंपी गई है. सरकार के इस कदम को एनर्जी सेक्टर में नए और अनुभवी प्रतिभाओं को शामिल करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, खासकर तब जब वैश्विक ऊर्जा बाजार बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है.

कौन हैं विकास कौशल?

विकास कौशल, पहले प्रबंधन परामर्श कंपनी Kearney के भारत प्रमुख के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वह एक रासायनिक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं और उन्होंने IIM-अहमदाबाद से MBA की डिग्री भी हासिल की है. साथ ही वह Kearney में ऊर्जा और प्रोसेस इंडस्ट्रीज के वैश्विक प्रमुख भी रह चुके हैं. Kearney के वैश्विक बोर्ड में दो कार्यकाल के लिए चुने जाने वाले वे एकमात्र भारतीय रहे हैं. उनका वैश्विक और घरेलू तेल और गैस उद्योग का गहरा अनुभव HPCL के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति माना जा रहा है.

क्यों किया गया निजी क्षेत्र से चयन?

पब्लिक एंटरप्राइज सिलेक्शन बोर्ड (PESB) ने पिछले साल HPCL चेयरमैन पद के लिए 8 उम्मीदवारों का इंटरव्यू लिया था लेकिन सभी को खारिज कर दिया था. इसके बाद सरकार ने सीधे lateral entry के जरिए बाहरी विशेषज्ञ को चुनने का फैसला किया.कंपनी के 50 साल के ट्रेंड में पहली बार कोई प्राइवेट सेक्टर का व्यक्ति इसकी कमान संभालेगा. HPCL के नए प्रमुख के रूप में विकास कौशल की नियुक्ति से कंपनी में रणनीतिक बदलाव और निजी क्षेत्र की कार्यशैली लाने की उम्मीद है. विशेषज्ञों का मानना है कि उनके नेतृत्व में HPCL नई तकनीकों और बाजार के बदलते रुझानों के अनुरूप खुद को ढाल सकेगा.

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एचपीसीएल की स्थापना 5 जुलाई 1952 को स्टैंडर्ड वैक्यूम रिफाइनिंग कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के रूप में की गई थी. 1974 में, भारत में एस्सो (Esso) अधिग्रहण अधिनियम 1974 के तहत एस्सो स्टैंडर्ड और ल्यूब इंडिया लिमिटेड के अधिग्रहण और विलय के बाद इसका नाम बदलकर हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) कर दिया गया. इस प्रेटो

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