कौन हैं HDFC बैंक के CEO शशिधर, जिनके पीछे पड़ गया लीलावती ट्रस्ट का मेहता परिवार; FIR से लेकर रिश्वत के आरोप
HDFC बैंक के CEO शशिधर जगदीशन पर लीलावती ट्रस्ट ने 2.05 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप लगाया है, जिसमें धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. शशिधर पर आरोप है कि उन्होंने ट्रस्ट में दखल देने के लिए रिश्वत ली. कौन हैं CEO यहां पढ़ें...
HDFC Bank CEO Sashidhar Jagdishan: लीलावती ट्रस्ट का मेहता परिवार HDFC बैंक के सीईओ और एमडी शशिधर जगदीशन के पीछे पड़ चुका है. उन पर FIR दर्ज करवा दी, फ्रॉड के आरोप लगाए, रिश्वत का आरोप लगाया. ये मामला इतना बड़ा हो गया कि इसका असर HDFC बैंक के शेयर्स पर भी दिखा. आपको इस मामले के बारे में बताए उससे पहले चलिए जानते हैं कौन हैं HDFC बैंक के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर शशिधर जगदीशन.
29 साल से HDFC बैंक में…
शशिधर लंबे समय से HDFC बैंक में काम कर रहे हैं. अब तक उन्हें 29 साल हो चुके हैं. हालांकि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत Deutsche Bank, मुंबई से की थी. वहां तीन साल तक काम करने के बाद 1996 में उन्होंने HDFC बैंक को जॉइन किया. तब बैंक के शुरुआती साल थे क्योंकि दो साल पहले ही बैंक खड़ा हुआ था.
शुरुआत में शशिधर बैंक के फाइनेंस डिवीजन में बतौर मैनेजर की पोजिशन पर थे. फिर 1999 में फाइनेंस हेड बने और 2008 में बैंक के CFO यानी चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर बन गए.
5 साल बैंक के CEO
शशिधर साल 2020 में HDFC बैंक के सीईओ और एमडी बने थे. उन्होंने बैंक के सबसे लंबे समय तक सीईओ रहे आदित्य पुरी की जगह ली थी. उनकी पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद University of Sheffield से उन्होंने इकोनॉमिक्स ऑफ मनी, बैंकिंग एंड फाइनेंस में मास्टर्स किया. इसके अलावा वो एक चार्टर्ड अकाउंटेंट भी हैं.
2019 में उन्हें बैंक का स्ट्रैटेजिक चेंज एजेंट घोषित किया गया. अगले ही साल यानी 2020 में वो बैंक के शीर्ष पद पर पहुंच गए.
उनके कामकाज को देखते हुए RBI ने 2023 में उन्हें दोबारा तीन साल के लिए नियुक्त किया यानी अब उनका कार्यकाल अक्टूबर 2026 तक चलेगा.
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बेस्ट CEO का अवॉर्ड
शशिधर की लीडरशिप की सराहना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हुई. 2024 में उन्हें एशिया पैसिफिक का बैंक सीईओ ऑफ द ईयर अवॉर्ड मिला. डिजिटल बदलाव, फाइनेंशियल एक्सेस और सस्टेनेबिलिटी को लेकर उनके योगदान को सराहा गया.
क्या है विवाद?
हाल ही में लीलावती अस्पताल ट्रस्ट ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. FIR भी दर्ज हुई है. आरोप धोखाधड़ी का है. आरोप है कि उन्होंने ट्रस्ट के एक पूर्व सदस्य के पिता से 2.05 करोड़ की रिश्वत ली ताकि ट्रस्ट के अंदर दखल दे सकें. लीलावती ट्रस्ट का कहना है कि उन्होंने इस आरोप के समर्थन में हाथ से लिखी डायरी की एंट्रीज बतौर सबूत पेश की हैं.
हालांकि HDFC बैंक ने आरोप को निराधार और दुर्भावनापूर्ण बताया. साथ ही बैंक ने यह भी कहा कि ट्रस्ट के ट्रस्टी प्रशांत मेहता और उनके परिवार ने बैंक से कर्ज लिया था जो अब तक नहीं चुकाया है.
सच क्या है यह तो जांच और कोर्ट की प्रक्रिया तय करेगी. लेकिन फिलहाल यह मामला HDFC और लीलावती ट्रस्ट दोनों को सुर्खियों ले आया है.