NITI Aayog Report: ओडिशा, छत्तीसगढ़ और गोवा की आर्थिक सेहत मजबूत, आंध्र प्रदेश-केरल की हालत खराब
नीति आयोग ने फिस्कल हेल्थ रिपोर्ट जारी किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, ओडिशा, छत्तीसगढ़, गोवा और झारखंड की आर्थिक सेहत सबसे सही है. वहीं, पंजाब, आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल और केरल की खराब है.
NITI Aayog Fiscal Health Report: नीति आयोग ने देश के 18 प्रमुख राज्यों की फिस्कल हेल्थ को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के जरिए यह बताया गया है कि ये राज्य भारत की अर्थव्यवस्था, जीडीपी, जनसंख्या, सार्वजनिक खर्च और राजस्व में कितना योगदान दे रहे हैं और उनकी आर्थिक स्थिति कैसी है.
किन राज्यों ने किया बेहतरीन प्रदर्शन?
इस रिपोर्ट के अनुसार, खनिज संसाधनों से भरपूर ओडिशा, छत्तीसगढ़, गोवा, झारखंड और गुजरात सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्य हैं. वहीं पंजाब, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल और हरियाणा वित्तीय सेहत के लिहाज से सबसे निचले स्थान पर हैं.
चार कैटेगरी में बांटे गए राज्य
नीति आयोग ने इन राज्यों को चार कैटेगरी में रखा है, इनमें अचीवर्स (Achievers), फ्रंट रनर्स (Front Runners), परफॉरमर्स( Performers) और एस्पिरेशनल (Aspirational) है.
Achievers
ओडिशा, गोवा, छत्तीसगढ़, झारखंड और गुजरात इस लिस्ट में शामिल हैं. इन राज्यों ने हाई कैपिटल आउटले यानी बुनियादी ढांचे और विकास कार्यों पर अधिक निवेश किया है. ये राज्य टैक्स के अलावा दूसरे सोर्स से भी इनकम बना कर रहे हैं और राजस्व अधिशेष (Revenue Surplus) में हैं.
Front Runners
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और कर्नाटक इस कैटेग्री में हैं. इन राज्यों ने कुल खर्च का 73% विकास कार्यों पर खर्च किया है. साथ ही, इन राज्यों ने स्थिर टैक्स रेवेन्यू ग्रोथ दिखाया है. इनका Debt-to-GSDP अनुपात लगभग 24% है, जो एक संतुलित वित्तीय स्थिति को दिखाता है.
Performers
तमिलनाडु, राजस्थान, बिहार और हरियाणा को इस श्रेणी में रखा गया है. ये राज्य अपने कुल खर्च का 70% विकास कार्यों पर खर्च कर रहे हैं. हालांकि, इन्हें बढ़ते कर्ज (Debt Levels) और ऊंचे ब्याज भुगतान (High-Interest Payouts) की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
Aspirational
केरल, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और पंजाब इस सूची में शामिल हैं. इन राज्यों को कम राजस्व संग्रह और बढ़ते राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही, बढ़ते कर्ज और नकारात्मक ऋण स्थिरता (Negative Debt Sustainability) ने इनकी वित्तीय सेहत को कमजोर बना दिया है. इन राज्यों में राजस्व जुटाने की क्षमता कमजोर है.
उत्तर प्रदेश और बिहार की स्थिति
उत्तर प्रदेश और बिहार एक्सपेंडिचर के मामले में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन राजस्व जुटाने (Revenue Mobilisation) के मामले में ये निचले स्थान पर हैं.