Kalpataru IPO: 1590 करोड़ के इश्यू में आज से दांव लगाने का मौका, निवेश से पहले जानें कंपनी की ताकत और कमजोरी
मुंबई की दिग्गज रियल एस्टेट कंपनी कल्पतारू का आईपीओ 24 जून से सब्सक्रिप्शन के लिए खुल रहा है. यह IPO पूरी तरह से फ्रेश इक्विटी शेयरों का है, जिसमें कोई ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल नहीं है. अगर आप भी इसमें दांव लगाने की सोच रहे हैं तो इसका जीएमपी कितना है, कंपनी के फंडामेंटल्स कैसे हैं, यहां करें चेक.
Kalpataru IPO: इन-दिनों आईपीओ का बाजार गुलजार है. ऐसे में 24 जून को एक और इश्यू अपना डेब्यू करने जा रहा है. मुंबई की रियल एस्टेट दिग्गज कंपनी कल्पतरु लिमिटेड अपना इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लेकर आई है, जिसमें आज से बोली लगा सकेंगे. ये इश्यू 1590 करोड़ का होगा. यह कंपनी न केवल आलीशान अपार्टमेंट्स और कमर्शियल प्रोजेक्ट्स के लिए जानी जाती है, बल्कि यह जमीन अधिग्रहण से लेकर प्रोजेक्ट की मार्केटिंग तक हर कदम पर अपनी छाप छोड़ती है. ऐसे में अगर आप भी इस IPO में निवेश की सोच रहे हैं तो कंपनी की ताकत और कमजोरियों पर नजर डालते हैं.
IPO का पूरा लेखा-जोखा
24 जून से 26 जून तक खुला रहेगा, जिसमें प्रति शेयर ₹387 से ₹414 की कीमत तय की गई है. प्रत्येक शेयर का फेस वैल्यू ₹10 है. निवेशकों को कम से कम 36 शेयरों का लॉट खरीदना होगा. यानी, रिटेल निवेशकों के लिए न्यूनतम निवेश ₹14,904 होगा. यह IPO पूरी तरह से फ्रेश इक्विटी शेयरों का है, जिसमें कोई ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल नहीं है. कंपनी इस फंड का इस्तेमाल कर्ज चुकाने और सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए करेगी. शेयर 1 जुलाई को BSE और NSE पर लिस्ट होने की उम्मीद है.
क्या करती है कंपनी?
1969 में मोफतराज पी. मुनोत की ओर से स्थापित कल्पतरु ग्रुप की यह कंपनी MMR में रियल एस्टेट की दिग्गज है. 31 दिसंबर 2024 तक, कंपनी ने 120 प्रोजेक्ट्स पूरे किए, जिनमें 25.87 मिलियन वर्ग फीट का डेवलपेबल एरिया शामिल है. ये प्रोजेक्ट्स मुंबई, ठाणे, पनवेल, पुणे, हैदराबाद, इंदौर, बेंगलुरु और जोधपुर में फैले हैं. कंपनी लग्जरी, प्रीमियम और मिड-इनकम रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स के साथ-साथ कमर्शियल, रिटेल और टाउनशिप डेवलपमेंट का भी काम करती है.
कैसा है वित्तीय हाल?
FY22-24 के दौरान कंपनी का रेवेन्यू 39% की सालाना दर से बढ़ा, लेकिन इस दौरान ऑपरेटिंग और नेट लेवल पर नुकसान हुआ है. इसका औसत रिटर्न ऑन इक्विटी (RoE) -12.2% और रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉइड (RoCE) -0.1% रहा. FY24 में कंपनी का नुकसान ₹116.51 करोड़ था, लेकिन दिसंबर 2024 तक के नौ महीनों में यह ₹5.51 करोड़ के मुनाफे में आ गई. हालांकि, कंपनी पर ₹11,056 करोड़ का भारी कर्ज है, जो उसकी कुल पूंजी का 81% है.
Kalpataru IPO GMP
इंवस्टरगेन के मुताबिक कल्पतरु आईपीओ का जीएमपी 24 जून को ₹5 दर्ज किया गया. ये अपने प्राइस बैंड 414 रुपये के मुकाबले ₹419 पर लिस्ट हाे सकता है. यानी इसमें महज 1.21% के लिस्टिंग गेन का अनुमान है.
कल्पतरु की ताकत
रेवेन्यू प्लान
वैल्यू रिसर्च के मुताबिक कंपनी के पास 36 प्रोजेक्ट्स में 48.9 मिलियन वर्ग फीट का डेवलपेबल एरिया है. ऐसे में कंपनी के पास ग्रोथ की संभावनाएं हैं. यह ₹13,000 प्रति वर्ग फीट की औसत कीमत पर ₹63,500 करोड़ की संभावित बिक्री का रास्ता खोलता है.
मजबूत ब्रांड
55 साल पुराने कल्पतरु ग्रुप का हिस्सा होने के कारण कंपनी को MMR में प्रीमियम प्राइसिंग का फायदा मिलता है.
प्रोजेक्ट डिलीवरी
94.74% प्री-सेल्स ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट से पहले और 60.25% लॉन्च के पहले साल में बिक्री का रिकॉर्ड दमदार है.
कमजोरियों को भी जानें
भारी कर्ज का बोझ
वैल्यू रिसर्च के मुताबिक कंपनी पर ₹10,120.52 करोड़ का नेट कर्ज है. कर्ज का बोझ नए प्रोजेक्ट्स के लिए कैश फ्लो को सीमित कर रहा है.
क्षेत्रीय निर्भरता
कंपनी के 95% प्रोजेक्ट्स MMR और पुणे में हैं. इन बाजारों में मंदी या नीतिगत बदलाव से बिक्री और कैश फ्लो पर भारी असर पड़ सकता है. इसके अलावा कई प्रोजेक्ट्स, जैसे अमोदा रिजर्व (9 साल 9 महीने), लंबे समय से चल रहे हैं, जो लागत और मुनाफे को प्रभावित कर सकता है.
डिस्क्लेमर: इस खबर में GMP संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.