ITR Deadline 15 सितंबर बढ़ने से टैक्सपेयर्स को मिलेगा रिफंड पर ज्यादा ब्याज, जानें क्या है पूरा गणित?
CBDT ने इस साल इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन को बढ़ाकर 15 सितंबर कर दिया है. इससे टैक्सपेयर्स को आईटीआर फाइल करने के लिए ज्यादा समय तो मिलेगा ही, इसके साथ ही रिफंड पर ज्यादा ब्याज भी मिल सकता है.
ITR दाखिल करने की समय सीमा 15 सितंबर तक बढ़ा दी गई है. इससे टैक्सपेयर्स को आईटीआर फाइल करने के लिए अतिरिक्त समय मिलने के साथ ही रिफंड पर 33 फीसदी तक ज्यादा ब्याज भी मिल सकता है. असल में इनकम टैक्स कानून की धारा 244A के तहत, रिफंड पर प्रति माह 0.5% यानी 6% वार्षिक के हिसाब से साधारण ब्याज मिलता है. लेकिन, जब डेडलाइन को 31 जुलाई की जगह बढ़ाकर 15 सितंबर किया गया है, तो अब इस बढ़ी हुई अवधि के लिए भी ब्याज मिलेगा, जिससे रिफंड पर मिलने वाले ब्याज की राशि में 33 फीसदी का इजाफा हो सकता है.
कब होंगे रिफंड प्रॉसेस?
वित्त वर्ष 2024-25 यानी असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए आईटीआर दाखिल करने की आखिरी तारीख अब 15 सितंबर, 2025 तक बढ़ा दी गई है. इससे, टैक्सपेयर्स को करीब डेढ़ महीने का अतिरिक्त समय मिल गया है. इसके अलावा जिन्हें रिफंड मिलना है, उनको इस बा ज्यादा ब्याज मिलना तय है. क्योंकि, अगर इस डेडलाइन के भीतर अगर रिटर्न फाइल किया गया है और आपको रिफंड मिलना है, तो रिफंड को अक्टूबर में प्रॉसेस किया जाएगा. इसकी वजह से रिफंड पर मिलने वाला ब्याज 33 फीसदी तक बढ़ सकता है.
ब्याज को लेकर क्या है नियम?
इनकम टैक्स कानून की धारा 244A के तहत TDS, TCS या एडवांस टैक्स पर 0.5% प्रति माह की दर से साधारण ब्याज चुकाना होता है. हालांकि, यह ब्याज तभी चुकाया जाता है, जब रिफंड की रकम चुकाए गए कुल टैक्स की 10 फीसदी या इससे ज्यादा होती है. इसके अलावा यह ब्याज अगले असेसमेंट ईयर में अन्य स्रोतों से आय के रूप में कर योग्य होता है.
कितना रिफंड जारी किया?
वित्त वर्ष 2024-25 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नॉन-कॉर्पोरेट टैक्सपेयर्स यानी व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स और HUF को 1.9 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया. इससे पहले वित्त वर्ष 2023-24 में 1.57 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का रिफंड जारी किया था.
क्या 15 सितंबर का इंतजार करें?
आईटीआर दाखिल करने की समयसीमा भले ही 15 सितंबर तक बढ़ा दी गई है. लेकिन, टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि बेहतर होगा कि आप 31 जुलाई तक ही रिटर्न फाइल कर दें. आखिरी दिन तक ऐसे काम को टालना किसी भी लिहाज से सही नहीं माना जा सकता है. इसके अलावा इसे आखिरी दिन तक टालने में कोई अलग फायदा नहीं मिलना है. ऐसे में समय रहते रिटर्न भरना ही समझदारी है.