FB, X या किसी अन्य सोशल मीडिया से करते हैं कमाई, जानें कब और कितना टैक्स देना होगा; GST भी है लगता

सोशल मीडिया से कमाई करने वालों के लिए इनकम टैक्स भरना जरूरी है, चाहे आप टैक्स के दायरे में आते हों या नहीं. सोशल मीडिया की कमाई पर टैक्स कैसे लगता है और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? यही आपको यहां डिटेल में बताया जाएगा.

सोशल मीडिया की कमाई पर इनकम टैक्स Image Credit: Money9live/Canva

Income Tax on Social Media: सोशल मीडिया पर इन दिनों ज्यादातर लोग एक्टिव रहते हैं, कई लोग इससे कमाई भी करते हैं, फेसबुक से, या एक्स से भी कमाई होती है, अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी है. यहां से कमाई होने पर क्या आप इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं? अगर आप टैक्स के दायरे में आते हैं तो इनकम टैक्स भरना जरूरी है अगर नहीं भी आते तो भी आपको आईटीआर भरना चाहिए. चलिए समझते हैं कि सोशल मीडिया की कमाई पर टैक्स कैसे लगता है, किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, और किन लोगों को सतर्क हो जाना चाहिए.

सोशल मीडिया इनकम होती क्या है?

कई लोग कंटेंट बना कर इंस्टाग्राम, यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म पर अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं. ये कमाई ब्रांड प्रमोशन, स्पॉन्सर्ड पोस्ट, एफिलिएट मार्केटिंग या विज्ञापनों के जरिए हो सकती है.

कई मामलों में देखा गया है कि कुछ लोगों की सोशल मीडिया से होने वाली कमाई उनकी मेन नौकरी से ज्यादा हो जाती है. कई लोग फुल टाइम भी सोशल मीडिया से कमाई करते हैं.

कैसे देना होता है टैक्स?

अगर आप सोशल मीडिया से कमाई करते हैं, तो आपको यह इनकम टैक्स कानून के तहत रिपोर्ट करना होता है.

कितना टैक्स देना होता है?

सोशल मीडिया इनकम पर कोई विशेष टैक्स दर नहीं है. यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी कमाई किस श्रेणी में आती है. यदि इसे बिजनेस से होने वाली इनकम माना गया है, तो इसे आपकी कुल आय में जोड़कर स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा. वहीं, अगर यह ‘अन्य स्रोत’ की आय मानी गई है, तो उस आधार पर टैक्स लगेगा.

अगर किसी व्यक्ति को ब्रांड्स से कोई गिफ्ट या पेमेंट 20,000 से अधिक का मिलता है, तो उस पर TDS कट सकता है. ऐसे सभी लेन-देन की जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में देनी जरूरी है.

सोशल मीडिया कमाई पर मिलता है डिडक्शन

हां, लेकिन इसमें नियम अलग हैं. अगर आपकी कमाई बिजनेस/प्रोफेशन श्रेणी में आती है, तो सेटअप, एडिटिंग सॉफ्टवेयर, कैमरा, माइक, यात्रा, आदि जैसे खर्चों के लिए डिडक्शन मिल सकता है. वहीं, यदि यह आय ‘अन्य स्रोत’ से है, तो सिर्फ वही खर्च मान्य होगा जो पूरी तरह से उसी कमाई से जुड़ा हो.

सोशल मीडिया कमाई पर लगता है GST

अगर आपकी सालाना सोशल मीडिया से कमाई 20 लाख (कुछ राज्यों में 10 लाख) से अधिक है, तो आपको जीएसटी के तहत पंजीकरण कराना होगा. सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स, यूट्यूबर्स और ब्लॉगर्स द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को OIDAR (Online Information and Database Access or Retrieval) सेवाओं में गिना जाता है. इन सेवाओं पर 18% जीएसटी लागू होता है.