अब सभी दस्तावेज होंगे डिजिटल! जानें डिजिलॉकर के फायदे और इस्तेमाल का तरीका

डिजिलॉकर न केवल दस्तावेजों को सुरक्षित रखता है बल्कि पेपरलेस सिस्टम को बढ़ावा देता है. अब न तो कागज खोने का डर रहेगा, न फोटोकॉपी की जरूरत. बस कुछ क्लिक में सभी जरूरी कागज आपके मोबाइल या लैपटॉप पर मौजूद रहेंगे. डिजिटल इंडिया की दिशा में यह एक बड़ा कदम है जो समय और मेहनत दोनों बचाता है.

डिजिलॉकर Image Credit:

आज के डिजिटल युग में जब हर चीज ऑनलाइन हो रही है, तो अब पहचान पत्र और प्रमाणपत्र भी डिजिटल हो चुके हैं. अब फिजिकल फाइल्स में दस्तावेज संभालने की झंझट नहीं. सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के तहत शुरू किया गया डिजिलॉकर (DigiLocker) एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो आपके सभी सरकारी और निजी दस्तावेजों को सुरक्षित डिजिटल स्पेस में रखता है. इसमें रखे गए डॉक्यूमेंट्स कानूनी रूप से असली दस्तावेजों के बराबर माने जाते हैं.

क्या है डिजिलॉकर?

डिजिलॉकर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया एक सुरक्षित क्लाउड-बेस्ड डिजिटल वॉलेट है. इसमें आप अपने आधार नंबर से जुड़ा अकाउंट बनाकर सभी दस्तावेज डिजिटल रूप में रख सकते हैं. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत डिजिलॉकर में मौजूद फाइलें वैध और प्रमाणिक मानी जाती हैं. इसका उद्देश्य है पेपरलेस और आसान गवर्नेंस सुनिश्चित करना.

डिजिलॉकर की मुख्य विशेषताएं

कौन-कौन से दस्तावेज रखे जा सकते हैं?

इसे भी पढ़ें- अक्टूबर में अब और 12 दिन बंद रहेंगे बैंक, दिवाली से छठ पूजा तक; देखें छुट्टियों की पूरी लिस्ट



Latest Stories

HUF संपत्ति के स्वामित्व और उत्तराधिकार के क्या हैं नियम? जानें Karta और सह-वारिस के अधिकार

575 क्रेडिट स्कोर वाले लोग भी ले सकते हैं पर्सनल लोन, बस फॉलो करें ये टिप्स, झट से मिलेगा अप्रूवल

क्या आप एक दिन में कैश में ₹2 लाख का ट्रांजैक्शन कर सकते हैं? जान लें इनकम टैक्स के नियम वरना देना पड़ेगा भारी जुर्माना

पोस्ट ऑफिस और SBI के सेविंग्स अकाउंट को लेकर हैं कन्फ्यूज, कहां मिलता है ज्यादा ब्याज, जानें सब कुछ

SBI, ICICI नहीं बल्कि यह बैंक दे रहा सेविंग अकाउंट पर सबसे ज्‍यादा ब्‍याज, इंटरेस्ट रेट जानकर हो जाएंगे हैरान

पर्सनल लोन vs PPF पर लोन: आपके जेब के लिए कौन ज्यादा सुरक्षित, फायदा या जोखिम? यहां जानें पूरी डिटेल