अनलिस्टेड शेयर का खेल खतरे में! HDB से मिला झटका, NSE-Tata Capital स्टॉक खरीदने से पहले पढ़ें ये रिपोर्ट
HDB Financial Services के IPO ने रिटेल इनवेस्टर्स को गहरी सोच में डाल दिया है. 1200 रुपये में खरीदे गए शेयर अब 700 रुपये में मिल रहे हैं. इससे न सिर्फ निवेशकों को घाटा हुआ है, बल्कि बाकी अनलिस्टेड कंपनियों के दामों पर भी सवाल उठने लगे हैं. पूरी रिपोर्ट पढ़िए…
HDB IPO unlisted Share Price: एक वक्त था जब रिटेल इनवेस्टर्स अनलिस्टेड शेयरों को लेकर खासे उत्साहित थे. IPO से पहले मोटे प्रीमियम पर इन शेयरों की खरीदारी होती थी और लिस्टिंग के बाद बड़ी कमाई की उम्मीदें बंधती थीं. लेकिन HDB फाइनेंशियल सर्विसेज के IPO ने इस सपने पर पानी फेर दिया है. अब इनवेस्टर्स के मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या बाकी अनलिस्टेड शेयर भी फुलाए गए दामों पर बिक रहे हैं?
HDB फाइनेंशियल के IPO ने उड़ाया प्रीमियम का ‘मायाजाल’
HDFC बैंक की सब्सिडियरी HDB फाइनेंशियल सर्विसेज का शेयर अनलिस्टेड बाजार में 1100-1200 रुपये में बिक रहा था कई निवेशकों ने इसमें दिलचस्पी दिखाते हुए शेयरों को खरीदा भी लेकिन इन्हें झटका तब लगा जब कंपनी ने घोषणा की कि उसका आईपीओ का प्राइस बैंड प्रति शेयर 700-740 रुपये तय की गई है. अब ऐसे में निवेशकों को भारी नुकसान होता दिख रहा है. लेकिन जैसे ही IPO का दाम सामने आया, शेयर का प्रीमियम लगभग 30% तक साफ हो गया. इसका असर न केवल HDB तक सीमित रहा, बल्कि अनलिस्टेड शेयरों की पूरी दुनिया में डर का माहौल फैल गया.
अनलिस्टेड शेयरों में दिखी घबराहट की लहर
NSE, NSDL, NCDEX, Orbis, Tata Capital और OYO जैसे नामों में खुदरा निवेशकों की रुचि हाल के महीनों में काफी बढ़ी थी. ये उम्मीद की जा रही थी कि लिस्टिंग पर ये कंपनियां भी मोटा रिटर्न देंगी. लेकिन HDB के बाद अब निवेशक इनके दामों और वैल्यूएशन को लेकर सतर्क हो गए हैं.
उदाहरण के तौर पर, NCDEX का अनलिस्टेड शेयर तीन महीने पहले 170 रुपये था, जो अब 250 रुपये तक पहुंच गया है, सिर्फ इसलिए कि कंपनी ने इक्विटी और डेरिवेटिव्स सेगमेंट लॉन्च करने का ऐलान किया था. लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि FY24 में NCDEX को 27.7 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है और उसका मार्केट शेयर भी महज 0.19 फीसदी है.
अब जबकि HDB ने निवेशकों को झटका दे दिया है, बाजार में यह सवाल गूंज रहा है- क्या NSE, NSDL, NCDEX जैसे अन्य अनलिस्टेड शेयरों की कीमतें भी हकीकत से ज्यादा हैं?
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विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटनाक्रम के बाद रिटेल इनवेस्टर्स थोड़े समय के लिए ‘इंट्रोस्पेक्शन’ की स्थिति में आएंगे, यानी वे अपने निवेश निर्णयों पर दोबारा विचार करेंगे.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.