10वीं की पढ़ाई बीच में ही छोड़ 1000 रुपये लेकर घर से निकले, आज Zoho में कर रहे टेक एक्सपर्ट का काम; खूब हो रही चर्चा

दसवीं कक्षा की पढ़ाई बीच में ही छोड़ देने वाले अब्दुल सलीम की यह प्रेरणादायक कहानी बताती है कि हुनर और लगन से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है. 1000 रुपये लेकर घर से निकले सलीम ने एक सिक्योरिटी गार्ड से शुरुआत की और आज Zoho में टेक एक्सपर्ट बनकर मिसाल कायम की है. आठ महीने की ट्रेनिंग में बनाया पहला ऐप उनके करियर की नई शुरुआत बना.

Zoho में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर अब्दुल सलीम Image Credit: money9live.com

Zoho success story: इन दिनों भारत में Zoho की चर्चा खूब हो रही है. इसी बीच कंपनी से एक अहम जानकारी सामने आई है, जिसने सबका ध्यान खींचा है. Zoho में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर अब्दुल सलीम ने एक ब्लू-कॉलर नौकरी से लेकर ऐप्स डेवलपिंग में टेक एक्सपर्ट बनने तक का शानदार सफर तय किया. दसवीं कक्षा की पढ़ाई बीच में ही छोड़ देने वाले इस व्यक्ति ने एक सिक्योरिटी गार्ड से लेकर एक जाने-माने टेक एक्सपर्ट बनने तक का मुकाम हासिल किया है. एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले इस डेवलपर ने अपने रास्ते में आने वाली कई बाधाओं को पार किया और अपने लिए उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिए अडिग रहे.

LinkedIn पर लिखा पोस्ट

LinkedIn पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें उन्होंने लिखा था, “2013 में, सिर्फ 1000 रुपये लेकर मैं घर से निकला था. 800 रुपये ट्रेन टिकट पर खर्च किए थे. दो महीने सड़कों पर भटकने के बाद, आखिरकार मुझे एक सिक्योरिटी डेस्क पर नौकरी मिल गई.” अपनी किस्मत बदलने में Zoho के एक वरिष्ठ कर्मचारी की भूमिका को स्वीकार करते हुए उन्होंने लिखा, “एक दिन कंपनी के एक वरिष्ठ कर्मचारी ने मेरा नाम पूछा और कहा — आलिम, मुझे तुम्हारी आंखों में कुछ दिख रहा है (सुनने में फिल्मी लग रहा है, मुझे पता है). उन्होंने मुझसे मेरी पढ़ाई और कंप्यूटर ज्ञान के बारे में पूछा.”

8 महीने की ट्रेनिंग में तैयार किया ऐप

अब्दुल सलीम ने दावा किया कि स्कूल के दिनों से HTML का कम ज्ञान होने के बावजूद, वरिष्ठ कर्मचारी ने उन्हें सीखने और अपने कौशल को निखारने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा, “स्कूल में मैंने थोड़ा-बहुत HTML सीखा था. फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं और सीखना चाहता हूं, और इस तरह मेरी सीखने की शुरुआत हुई.”

12 घंटे की शिफ्ट पूरी करने के बाद, उन्होंने नए कंसेप्ट और टेक डिटेल्स को सीखने में समय बिताया. वरिष्ठ कर्मचारी का अब्दुल पर विश्वास रंग लाया, और उन्होंने लगभग आठ महीने की ट्रेनिंग के बाद एक छोटा सा ऐप तैयार किया.

Zoho में किया 8 साल पूरा

उनके करियर में एक बड़ी सफलता तब मिली जब “वरिष्ठ कर्मचारी ने अपने मैनेजर को ऐप दिखाया और उन्हें यह पसंद आया. उन्होंने पूछा कि क्या मेरा इंटरव्यू लेना संभव है.” अब्दुल के कौशल पर विश्वास करते हुए वरिष्ठ कर्मचारी ने इंटरव्यू के लिए संपर्क किए जाने पर कहा था, “Zoho में आपको कॉलेज की डिग्री की आवश्यकता नहीं है, यहां जो मायने रखता है वह है… कौशल.”

अब्दुल ने Zoho में अपना आठवां वर्ष पूरा करते हुए लिखा, “मैं शिबू एलेक्सिस (वरिष्ठ कर्मचारी) को सभी ज्ञान और सबक के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं और Zoho को मुझे खुद को साबित करने का मौका देने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं.”
एक ऐसे स्कूल छोड़ने वाले व्यक्ति की प्रेरणादायक यात्रा, जो कभी कॉलेज नहीं गया, उसने एक अमिट छाप छोड़ी है. वर्तमान में, Zoho के 24 देशों में 30 कार्यालय हैं और 18,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं.

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