बांग्लादेश लाएगा नए नोट, नहीं दिखेंगे शेख मुजीबुर रहमान; यूज होगी इनकी तस्वीरें

बांग्लादेश ने रविवार को नई करेंसी नोट्स जारी किए. नए नोट्स में पहले की तरह शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर नहीं होगी. शेख मुजीबुर रहमान साल 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाने वाले नेता थे. उनकी हत्या साल 1975 में सैनिकों ने की थी. अब नए नोट्स में किसी व्यक्ति की तस्वीर की जगह देश के प्राकृतिक दृश्य और ऐतिहासिक स्थल होंगे.

बांग्लादेश लाएगा नए नोट Image Credit: Internet

Bangladesh New Bank Note: बांग्लादेश में राजनैतिक उठापटक के बीच साल 2024 में शेख हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ गया. इसके बाद खूब तामझाम के साथ मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया. यूनुस के प्रमुख बनने के बाद ऐसी उम्मीद थी कि देश की राजनैतिक-आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी. हालांकि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ , इसके ठीक उलट बांग्लादेश ने रविवार को नई करेंसी नोट्स जारी किए. नए नोट्स में पहले की तरह शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर नहीं होगी.

आजादी दिलाने वाले नेता थे शेख मुजीबुर रहमान

शेख मुजीबुर रहमान साल 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाने वाले नेता थे. उनकी हत्या साल 1975 में सैनिकों ने की थी. अब नए नोट्स में किसी व्यक्ति की तस्वीर की जगह देश के प्राकृतिक दृश्य और ऐतिहासिक स्थल होंगे. बांग्लादेश बैंक के प्रवक्ता अरिफ हुसैन खान ने AFP से बात करते हुए बताया कि नई नोट्स में हिंदू और बौद्ध मंदिरों, ऐतिहासिक महलों और मशहूर चित्रकार जैनुल आबेदीन की पेंटिंग्स की तस्वीरें होंगी. ये पेंटिंग्स ब्रिटिश शासन के दौरान बंगाल के अकाल को दर्शाती हैं.

इससे पहले भी बदला गया था नोट

एक नोट में राष्ट्रीय शहीद स्मारक की तस्वीर होगी. यह साल 1971 की आजादी की लड़ाई में शहीद हुए लोगों को सम्मान देता है. नौ अलग-अलग नोट्स में से तीन नोट रविवार को जारी किए गए. बाकी नोट बाद में धीरे-धीरे आएंगे. यह पहली बार नहीं है जब नोट्स का डिजाइन बदला गया है. साल 1972 में जब बांग्लादेश का नाम पूर्वी पाकिस्तान से बदलकर बांग्लादेश हुआ, तब नोट्स में नक्शा था. बाद में शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर जोड़ी गई. ये शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के नेता थे.

1,400 लोग मारे गए

इसी बीच शेख हसीना पर रविवार को गंभीर आरोप लगाए गए. उन पर पिछले साल देशव्यापी प्रदर्शनों के दौरान हत्याओं का आदेश देने का आरोप है. ये प्रदर्शन अगस्त 2024 में सरकारी नौकरियों में कोटा सिस्टम के खिलाफ शुरू हुए थे. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, जुलाई और अगस्त 2024 में हसीना सरकार की कार्रवाई में करीब 1,400 लोग मारे गए. यह बांग्लादेश की आजादी के बाद सबसे बड़ा प्रदर्शन था.