तेल का खेल शुरू! ईरान को मिली होर्मुज स्ट्रेट बंद करने की हरी झंडी, अमेरिका की कार्रवाई से ईंधन संकट की आशंका

ईरान की संसद ने होर्मुज स्ट्रेट बंद करने को मंजूरी दे दी है, जो दुनिया के सबसे अहम तेल रूट्स में से एक है. यह फैसला अमेरिका के एयरस्ट्राइक के बाद लिया गया, जिससे दुनियाभर में तेल आपूर्ति और कीमतों को लेकर चिंता बढ़ गई है. भारत जैसे आयात-निर्भर देशों के लिए यह संकट गहरा सकता है.

होर्मुज स्टेट को लेकर ईरान का बड़ा फैसला Image Credit: Money9live

Iran approves Hormuz Strait Closure: मिडिल ईस्ट में तनाव अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है. ईरान की संसद ने रविवार, 22 जून को होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है. यह वही रास्ता है जिससे दुनिया का करीब 20–25 फीसदी कच्चा तेल रोजाना गुजरता है. ईरान की सरकारी प्रेस टीवी के मुताबिक, अमेरिका की ओर से ईरान के परमाणु ठिकानों पर एयरस्ट्राइक के बाद यह कदम ईरान की तरफ से आर्थिक जवाब के तौर पर देखा जा रहा है. ईरान के इस कदम से पूरे विश्व सहित भारत पर भी इसका गहरा असर पड़ सकता है.

क्या कहा ईरानी नेवी कमांडर ने?

ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) नेवी के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अलिरेजा टांगसीरी ने कहा कि “होर्मुज स्ट्रेट कुछ ही घंटों में बंद किया जा सकता है.” हालांकि अंतिम फैसला ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल को लेना है, जिसकी अगुवाई सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई करते हैं. अब बात कि ईरान का होर्मुज स्ट्रेट इतना अहम क्यों है. इसके बंद होने से दुनिया सहित भारत पर क्या असर पड़ सकता है.

क्या है होर्मुज स्ट्रेट और क्यों है इतना अहम?

होर्मुज स्ट्रेट एक पतला समुद्री रास्ता है जो फारस की खाड़ी को अरब सागर से जोड़ता है. यह रास्ता दुनिया के सबसे अहम तेल सप्लाई रूट्स में से एक है. हर दिन यहां से करीब 17–20 मिलियन बैरल तेल गुजरता है. सऊदी अरब, कतर, UAE, इराक और कुवैत जैसे देशों के तेल और गैस के एक्सपोर्ट इसी मार्ग से होते हैं. इसके बंद हो जाने से तेल की कीमतों में जबरदस्त तेजी आ सकती है. इससे इतर, होर्मुज स्टेट की अहमियत, लोकेशन को समझने और जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.

क्या हो सकते हैं इसके असर?

भारत के लिए क्या मायने हैं?

भारत के लिए यह संकट आर्थिक मोर्चे पर कई तरह की चुनौतियां खड़ी कर सकता है. चूंकि भारत, 60 फीसदी से अधिक कच्चा तेल खाड़ी देशों से मंगाता है. रुकावट आने से तेल महंगा होगा जिससे आयात लागत बढ़ेगी. इससे देश में ईंधन की कीमतों में उछाल आएगा. इसका सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा और महंगाई का दबाव फिर से बढ़ सकता है. व्यापारिक दृष्टि से भी नुकसान होगा क्योंकि यह रूट भारत के लिए मिडल ईस्ट के साथ व्यापार का मुख्य माध्यम है.

क्या ईरान को भी नुकसान होगा?

ईरान के लिए यह फैसला दोधारी तलवार बन सकता है. उसकी खुद की तेल सप्लाई और रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा इसी स्ट्रेट से गुजरता है. इसे बंद करने से खुद उसकी अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हो सकती है. साथ ही अमेरिका और उसके सहयोगी देशों से सैन्य प्रतिक्रिया का खतरा भी बना रहेगा. मौजूदा समय में इजरायल से तनाव के कारण ईरान की स्थिति पहले से ही लचर है. ऐसे में उसकी ओर से उठाए इस कदम का असर उसे और भी तंग कर सकता है.

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