इजरायल का ईरान पर साइबर अटैक, क्रिप्टो एक्सचेंज नोबिटेक्स से लूटे 750 करोड़, दिया तगड़ा झटका
इजरायल-ईरान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, इसी कड़ी में इजरायल ने एक और वार किया है. इस बार इजरायली हैकर्स ने ईरान के क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज नोबिटेक्स को निशाना बनाया है. हैकर्स ने एक्सचेंज से 750 करोड़ की डिजिटल करेंसी लूट ली. तो क्या है पूरा मामला और कैसे लगा ईरान को झटका, पढ़ें डिटेल.
Israel-Iran Tension: इजरायल-ईरान के बीच चल रहे तनाव में नया मोड़ ले लिया है. अब सिर्फ जमीन ही नहीं बल्कि डिजिटल तरीके से भी इजरायल ईरान पर वार कर रहा है. इजरायली हैकर्स की ओर से ईरान के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज नोबिटेक्स पर किए साइबर हमले ने हड़कंप मचा दिया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल से जुड़े हैकर्स ने 90 मिलियन डॉलर यानी करीब 750 करोड़ रुपये की डिजिटल करेंसी लूट ली है. हैकर्स ने करेंसी को ऐसे वॉलेट्स में डाल दिया, जो अब कोई इस्तेमाल नहीं कर सकता.
इतना ही नहीं हैकर्स ने गुरुवार को नोबिटेक्स का पूरा सोर्स कोड लीक कर दिया और चेतावनी दी कि ईरान के क्रिप्टो एक्सचेंज में बचे एसेट्स अब पूरी तरह खतरे में हैं. इस हमले की जिम्मेदारी गोंजेशके दारांदे (फारसी में प्रीडेटरी स्पैरो) नाम के हैकर ग्रुप ने ली, जिसे इजरायली मीडिया इजरायल से जुड़ा बताता है, हालांकि इजरायल सरकार ने कभी इसकी पुष्टि नहीं की. इस ग्रुप ने पहले भी ईरान पर कई बड़े साइबर हमले किए हैं, जैसे 2021 में ईरान के गैस स्टेशनों को ठप करना और 2022 में एक स्टील मिल में आग लगाने वाला हमला. इस बार, हैकर्स ने नोबिटेक्स का सोर्स कोड और इंटरनल डेटा लीक करने की धमकी दी है, जिससे ईरान की फाइनेंशियल सिक्योरिटी को बड़ा झटका लग सकता है. साथ ही ये इजरायल-ईरान के बीच चल रहे तनाव को और बढ़ा सकता है.
हैकर्स ने कैसे दिया झटका?
ब्लॉकचेन एनालिटिक्स फर्म एलिप्टिक के मुताबिक, हैकर्स ने नोबिटेक्स के हॉट वॉलेट्स से बिटकॉइन, ईथेरियम, डॉजकॉइन, रिपल, सोलाना, ट्रॉन और टन जैसी कई क्रिप्टोकरेंसी चुराईं. हैकर्स ने चुराए गए पैसे को ऐसे ‘वैनिटी एड्रेसेज’ में ट्रांसफर किया, जिनमें कुछ ऐसे संदेश लिखे थे, जो ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के खिलाफ गुस्सा जाहिर करते हैं. एलिप्टिक का कहना है कि ये हमला पैसे कमाने के लिए नहीं, बल्कि एक पॉलिटिकल मैसेज देने के लिए था. हैकर्स ने इन वॉलेट्स की प्राइवेट कीज बनाई ही नहीं, यानी ये 750 करोड़ रुपये अब डिजिटल दुनिया में जल चुके हैं.
नोबिटेक्स ने क्या कहा?
नोबिटेक्स ने X पर पोस्ट कर बताया कि उनकी टेक्निकल टीम ने अनऑथराइज्ड एक्सेस का पता लगाया है और जांच चल रही है. हमले के बाद उनकी वेबसाइट और ऐप डाउन हो गई. कंपनी ने कहा कि ज्यादातर एसेट्स उनके कोल्ड वॉलेट्स में सुरक्षित हैं और वो नुकसान की भरपाई अपने इंश्योरेंस फंड से करेंगे. बता दें नोबिटेक्स के 70 लाख से ज्यादा यूजर्स हैं, और ये ईरान का सबसे बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज है.