कार का केबिन फिल्टर जाम होते ही घट जाती है हीटर की क्षमता, समय पर सफाई न करने से बढ़ सकती है परेशानी
सर्दियों में कार का हीटर सही काम करे, इसके लिए केबिन फिल्टर की समय पर सफाई बेहद जरूरी है. जाम केबिन फिल्टर के कारण एयर फ्लो रुकता है, जिससे हीटर और एसी की परफारमेंस प्रभावित होती है. अगर आपकी कार में हीटर कमजोर हो गया है, दुर्गंध आने लगी है या कांच जल्दी साफ नहीं हो रहा, तो यह केबिन फिल्टर जाम होने का संकेत हो सकता है.
Car Cabin Filter: सर्दियों के मौसम में कार का हीटर यात्रियों को गर्म और आरामदायक माहौल देने का काम करता है, लेकिन कई बार लोगों को शिकायत रहती है कि उनकी कार का हीटर ठीक से काम नहीं कर रहा है. ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट के अनुसार, इसका एक बड़ा कारण कार का केबिन फिल्टर जाम होना है. जब केबिन फिल्टर धूल, मिट्टी और गंदगी से भर जाता है, तो एयर फ्लो प्रभावित होता है और हीटर की गर्म हवा केबिन तक पूरी मात्रा में नहीं पहुंच पाती. केबिन फिल्टर का मुख्य काम बाहर से आने वाली हवा को साफ करना होता है, ताकि कार के अंदर प्रदूषण, धूल और दुर्गंध न पहुंचे. लेकिन समय पर इसकी सफाई या बदलाव न किया जाए, तो यही फिल्टर हवा के रास्ते में रुकावट बन जाता है. इसका सीधा असर हीटर और एसी दोनों की परफारमेंस पर पड़ता है.
केबिन फिल्टर जाम होने के लक्षण
यदि आपकी कार का हीटर पहले जैसा असरदार नहीं रह गया है, तो इसके पीछे केबिन फिल्टर का जाम होना एक बड़ी वजह हो सकती है. इसके कुछ साफ संकेत होते हैं, जैसे हीटर चालू करने पर हवा का दबाव कम महसूस होना, कांच जल्दी साफ न हो पाना, केबिन के अंदर दुर्गंध आना और एसी या हीटर से असामान्य आवाज आना. इन लक्षणों को नजरअंदाज करना आगे चलकर बड़ी समस्या बन सकता है.
हीटर पर सीधे पड़ता है असर
केबिन फिल्टर जाम होने से हवा का फ्लो कम हो जाता है, जिससे हीटर से निकलने वाली गर्म हवा कमजोर हो जाती है. ऐसी स्थिति में हीटर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे उसके मोटर और ब्लोअर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है. लंबे समय तक इसे नजरअंदाज करने पर हीटर सिस्टम में खराबी भी आ सकती है, जिससे मरम्मत का खर्च बढ़ सकता है.
कब और कैसे करें केबिन फिल्टर की सफाई
ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट्स के अनुसार, केबिन फिल्टर को हर 6 महीने या 10,000 किलोमीटर के बाद जरूर जांच लेना चाहिए. यदि आपकी कार ज्यादा धूल-प्रदूषण वाले इलाके में चलती है, तो यह अवधि और भी कम हो सकती है. कई कारों में केबिन फिल्टर को खुद भी साफ किया जा सकता है, जबकि कुछ मॉडल्स में इसे बदलना ही बेहतर होता है.
केबिन फिल्टर की सफाई के लिए पहले कार का ग्लोव बॉक्स खोलकर फिल्टर को बाहर निकालें. इसके बाद हल्के हाथ से ब्रश या हवा के प्रेशर से धूल हटाएं. अगर फिल्टर ज्यादा खराब हो चुका हो, तो नया फिल्टर लगाना ही सुरक्षित विकल्प है.
अनदेखी करने पर बढ़ सकता है खर्च
अगर समय पर केबिन फिल्टर की सफाई या बदलाव नहीं किया गया, तो सिर्फ हीटर की क्षमता ही नहीं घटती, बल्कि एसी सिस्टम पर भी बुरा असर पड़ता है. इससे ईंधन की खपत बढ़ सकती है और कार की ओवरऑल परफारमेंस प्रभावित होती है. साथ ही यात्रियों के स्वास्थ्य पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है, क्योंकि गंदी हवा सीधे केबिन में पहुंचती है.
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