कार बनाने के लिए इतना जरूरी क्यों है रेयर अर्थ, कौन-कौन से पार्ट्स इसके बिना नहीं बन पाएंगे?

Rare Earth Use in Car: इलेक्ट्रोमोबिलिटी के विस्तार के कारण रेयर अर्थ एलिमेंट्स की मांग बढ़ रही है, लेकिन दुनिया भर में सड़कों पर चलने वाली अधिकांश कारों में अभी भी कंबशन इंजन हैं. अप्रैल 2025 में चीन ने सात रेयर अर्थ एलिमेंट और तैयार मैग्नेट पर निर्यात प्रतिबंध लगा दिए.

कार बनाने में रेयर अर्थ का इस्तेमाल. Image Credit: Getty image

Rare Earth Use in Car: भारतीय ऑटो इंडस्ट्री को रेयर अर्थ संकट में डाल सकता है, क्योंकि इसकी सप्लाई पर चीन ने लाइसेंस अनिवार्य कर दिया है. इसकी वजह से दुनिया भर की ऑटो कंपनियों की हाथ-पैर फुलने लगे हैं. चूंकि चीन से भारत के संबंध अच्छे नहीं है. इसलिए आशंका जताई जा रही है कि भारत को लाइसेंस मिलने में देरी का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में भारतीय ऑटो कंपनियों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो जाएगी, क्योंकि कार को बनाने में बहुत सारे रेयर अर्थ का इस्तेमाल होता है. इनके बिना मैन्युफैक्चरिंग मुश्किल हो जाएगी. ऐसे में आइए समझते हैं रेयर अर्थ का इस्तेमाल कार बनाने में कैसे होते है.

रेयर अर्थ का इस्तेमाल

रेयर अर्थ मैग्नेट, परमानेंट मैग्नेट मोटर्स का अभिन्न अंग हैं, जिनका उपयोग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV)में उनके हाई टॉर्क, एनर्जी एफिशिएंट और कॉम्पैक्ट साइज के लिए किया जाता है. हाइब्रिड भी एफिशिएंट प्रोपल्शन के लिए उन पर निर्भर हैं. इंटरनल कंबशन इंजन (ICE) वाले वाहनों में रेयर अर्थ मैग्नेट का उपयोग मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक पावर स्टीयरिंग और अन्य मोटर ऑपरेटिंग सिस्टम तक सीमित है.

कार की इंजन में इस्तेमाल

रेयर अर्थ का इस्तेमाल मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक कार इंजन में होता है. इसके अलावा पारंपरिक कारों में भी इसका उपयोग किया जाता है. मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस से लेकर व्हीकल कॉम्पोनेंट्स में इनकी जरूरत पड़ती है. रेयर अर्थ न केवल इलेक्ट्रिक कारों के लिए, बल्कि डीजल और पेट्रोल वाहनों के लिए भी प्रासंगिक हैं. हालांकि, ज्यादातर इलेक्ट्रिक पावर्ड इंजनों में इसका इस्तेमाल किया जाता है.

सेंटर फॉर क्रिटिकल मिनरल्स स्ट्रेटजी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, एक इलेक्ट्रिकल कार दरअसल क्रिटिकल मिनरल कार है. एक पारंपरिक कार को बनाने में करीब 35 एलिमेंट्स का इस्तेमाल होता है. लेकिन जबकि एक इलेक्ट्रिक वाहन को बनाने के लिए 200 तरीके के एलिमेंट्स चाहिए.

नियोडिमियम या टेरबियम: विंडो रेगुलेटर या एयर कंडीशनिंग सिस्टम को चलाने के लिए छोटे मोटरों में परमानेंट्स मैग्नेट में इस्तेमाल किया जाने वाला नियोडिमियम या टेरबियय भी रेयर अर्थ है.

सेरियम ऑक्साइड: पॉलिशिंग एजेंट में मौजूद सेरियम ऑक्साइड कार की खिड़कियों को चमक देता है और डीजल ईंधन में यह CO2-उत्सर्जन को कम करता है. यह भी रेयर अर्थ की कैटेगरी में ही आता है.

यिट्रियम निकेल-यिट्रियम: मॉडर्न स्पार्क प्लग में यिट्रियम निकेल-यिट्रियम मिक्स धातुओं में पाया जाता है, जो लंबी सर्विस लाइफ देने में सक्षम बनाता है.

इलेक्ट्रोमोबिलिटी के विस्तार के कारण रेयर अर्थ एलिमेंट्स की मांग बढ़ रही है, लेकिन दुनिया भर में सड़कों पर चलने वाली अधिकांश कारों में अभी भी कंबशन इंजन हैं. कुल मिलाकर, उनकी संख्या ई-कारों की तुलना में कई गुना अधिक है.

रेयर अर्थ का एक्सपोर्टर चीन

अप्रैल 2025 में चीन ने सात रेयर अर्थ एलिमेंट और तैयार मैग्नेट पर निर्यात प्रतिबंध लगा दिए. निर्यात के लिए लाइसेंस अनिवार्य किया गया है. चीन दुनिया में रेयर अर्थ मैग्नेट का प्रमुख निर्यातक है. क्रिसिल ने दावा किया कि भारत, जिसने पिछले वित्त वर्ष में अपने 540 टन मैग्नेट इंपोर्ट का 80 फीसदी से अधिक हिस्सा चीन से प्राप्त किया था.

क्रिसिल के अनुसार, मई 2025 के अंत तक भारतीय कंपनियों के लगभग 30 आयात अनुरोधों को भारतीय सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया था, लेकिन अभी तक चीनी अधिकारियों द्वारा किसी को भी मंजूरी नहीं दी गई है और कोई शिपमेंट नहीं आया है.

सप्लाई साइड रिस्क

क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार अगर चीन के निर्यात प्रतिबंध और शिपमेंट मंजूरी में देरी जारी रहती है, तो कम लागत वाले लेकिन महत्वपूर्ण रेयर अर्थ मैग्नेट भारत के ऑटोमोटिव सेक्टर के लिए प्रमुख सप्लाई साइड रिस्क के रूप में उभर सकते हैं.

रेटिंग एजेंसी के अनुसार, एक महीने से अधिक समय तक चलने वाला व्यवधान पहले से ही इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) लॉन्च को प्रभावित कर सकता है, उत्पादन को प्रभावित कर सकता है और इस सेक्टर की ग्रोथ की गति को प्रभावित कर सकता है.

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