डबल और सिंगल इंजन सरकार की क्या है हकीकत? बहस से पहले जान लें ये फैक्ट
भारत में कुछ राज्यों में डबल इंजन की सरकार है, जहां केंद्र और राज्य दोनों में एक ही पार्टी की सरकार है. लेकिन क्या यह सच है कि डबल इंजन की सरकार वाले राज्यों में विकास ज्यादा होता है? और सिंगल इंजन वाले राज्य में कितना विकास हो रहा है?

दिल्ली में बीजेपी की जीत के बाद से डबल इंजन की सरकार का जश्न मनाया जा रहा है. कई राज्यों में केंद्र वाली बीजेपी ही सत्ता में हैं. इसे कई लोग फायदेमंद बताते हैं. ऐसा मानना है कि केंद्र में बैठी पार्टी की सरकार ही अगर राज्य में है (डबल इंजन) तो इससे राज्य को ज्यादा फायदा मिलेगा और विकास होगा. तो क्या सिंगल इंजन की सरकार से राज्य नुकसान में हैं? मतलब जिन राज्यों में केंद्र वाली बीजेपी सरकार नहीं है वहां क्या बुरे हालात हैं? चलिए कुछ राज्यों का विश्लेषण करते हैं जहां डबल इंजन और सिंगल इंजन की सरकार है.
ये 6 राज्य गुजरात, तमिलनाडु, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, बिहार और दिल्ली है. इनमें से दिल्ली, तमिल नाडु और पश्चिम बंगाल में सिंगल इंजन की सरकार है. इन 6 राज्यों के आर्थिक प्रदर्शन की तुलना आर्थिक विकास, महंगाई, बेरोजगारी, बुनियादी ढांचे पर खर्च, शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं के आधार पर की गई है.
प्रति व्यक्ति GSDP की वृद्धि दर (CAGR)
इससे पता चलता है कि राज्य की अर्थव्यवस्था प्रति व्यक्ति कितनी तेजी से बढ़ रही है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2014-15 से 2023-24 के बीच इसमें सबसे तेज तेज वृद्धि गुजरात ने दर्ज की है जो 6.6% है जबकि सबसे कम वृद्धि दिल्ली (3.2%) ने दर्ज की है.
गुजरात (6.6%), तमिलनाडु (5.8%), हरियाणा (4.5%), पश्चिम बंगाल (4.0%), बिहार (3.5%), दिल्ली (3.2%).
चीजों की कीमतों में उछाल
चीजों की कीमतों में तेज उछाल हर किसी को प्रभावित करती है. रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा चीजों की कीमतों में तेजी तमिलनाडु (69%) और सबसे कम उछाल दिल्ली (51%) में दर्ज किया गया है.
राष्ट्रीय औसत 64%
तमिलनाडु (69%), पश्चिम बंगाल (67%), हरियाणा (64%), गुजरात (59%) बिहार (57%), दिल्ली (51%).
शहरी बेरोजगारी दर
रिपोर्ट के मुताबिक, 1,000 लोगों पर सबसे ज्यादा बेरोजगारी बिहार में हैं, जो 73 प्रति 1,000 लोग, सबसे कम बेरोजगारी दिल्ली जहां 20 प्रति 1,000 लोग है.
राष्ट्रीय औसत (51)
बिहार (73), तमिलनाडु (41), हरियाणा (40), पश्चिम बंगाल (33), गुजरात (23), दिल्ली (20).
रोजगार दर
यह दर्शाता है कि शहरी आबादी में कितने लोग काम कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा रोजगार पश्चिम बंगाल (41.3%) में हैं. सबसे कम रोजगार बिहार (26.7%) में हैं.
राष्ट्रीय औसत 37%
पश्चिम बंगाल (41.3%), गुजरात (40.5%), तमिलनाडु (39.5%), हरियाणा (35.2%), दिल्ली (32.8%), बिहार (26.7%).
सड़कों और पुलों पर खर्च (राज्य बजट का %)
अब जानते हैं कि ये 6 राज्य अपने बजट का कितना हिस्सा सड़क और पुलों पर खर्च कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा खर्च गुजरात (6.3%) करता है और सबसे कम खर्च पश्चिम बंगाल (2.0%) में होता है.
राष्ट्रीय औसत 4.6%
गुजरात (6.3%), तमिलनाडु (5.4%), दिल्ली (4.6%), बिहार (4.0%), हरियाणा (2.7%), पश्चिम बंगाल (2.0%).
शिक्षा पर खर्च
अब जानते हैं कि राज्य सरकारें शिक्षा पर अपने कुल खर्च का कितना प्रतिशत खर्च कर रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा खर्च दिल्ली (21.0%) करती है और सबसे कम खर्च हरियाणा (10.3%) सरकार करती है.
राष्ट्रीय औसत 13.2%
दिल्ली (21.0%), बिहार (18.5%), पश्चिम बंगाल (14.2%), गुजरात (13.6%), तमिलनाडु (11.8%), हरियाणा (10.3%).
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर खर्च
अब जानते हैं कि राज्य सरकारें स्वास्थ्य सेवाओं पर कितना खर्च कर रही हैं. रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा खर्च दिल्ली (12.0%) और सबसे कम खर्च हरियाणा (4.5%) सरकार करती है.
राष्ट्रीय औसत 5.6%
दिल्ली (12.0%), बिहार (6.1%), पश्चिम बंगाल (6.0%), गुजरात (5.9%), तमिलनाडु (4.6%), हरियाणा (4.5%).
फिस्कल डेफिसिट
फिस्कल डेफिसिट या राजकोषीय घाटा यह बताता है कि सरकार अपनी कमाई से कितना ज्यादा खर्च कर रही है. इस मामले में सबसे ज्यादा घाटा बिहार (8.9%) का है और सबसे कम घाटे में दिल्ली (0.7%) है.
बिहार (8.9%), पश्चिम बंगाल (3.5%), तमिलनाडु (3.5%), हरियाणा (2.8%), गुजरात (1.7%), दिल्ली (0.7%).
कर्ज
कर्ज के मामले में डबल इंजन और सिंगल इंजन कहां खड़े हैं? इस मामले में सबसे ज्यादा कर्ज पश्चिम बंगाल (38%) और सबसे कम कर्ज दिल्ली (2%) पर हैं.
पश्चिम बंगाल (38%), बिहार (37%), तमिलनाडु (31%), हरियाणा (30%), गुजरात (18%), दिल्ली (2%).
प्रति व्यक्ति बिजली उपलब्धता की वृद्धि दर (CAGR %)
इससे पता चलेगा कि प्रति व्यक्ति बिजली की उपलब्धता कितनी तेजी से बढ़ रही है. सबसे ज्यादा वृद्धि बिहार (10.7%) ने दर्ज की जबकि सबसे कम वृद्धि दिल्ली (2.9%) ने दर्ज की है.
राष्ट्रीय औसत 5.4%
बिहार (10.7%), गुजरात (5.1%), पश्चिम बंगाल (4.7%), हरियाणा (4.0%), तमिलनाडु (3.7%), दिल्ली (2.9%).
गरीबी दर
सबसे कम गरीबी तमिलनाडु (2.2%) में है और सबसे ज्यादा गरीबी बिहार (33.8%) में हैं. इसके अलावा दिल्ली (3.4%), हरियाणा (7.1%), गुजरात (11.7%), पश्चिम बंगाल (11.9%) और राष्ट्रीय औसत 15% है.
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