भारत के पास केवल 15-16 दिन की LPG स्टोरेज क्षमता, हर 3 में से 2 सिलेंडर अरब देशों के भरोसे, युद्ध बढ़ाएगा संकट !
देश के 33 करोड़ घरों में लोग खाना बनाने के लिए LPG सिलेंडर इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में इस्तेमाल होने वाली LPG का बड़ा हिस्सा विदेश से आता है? अब मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ रहा है. इससे भारत को LPG की सप्लाई में दिक्कत हो सकती है. अगर वहां हालात और बिगड़ते हैं, तो भारत के घरों में रसोई गैस की कमी हो सकती है.
LPG supplies may be choked: भारत में रसोई गैस (LPG) का इस्तेमाल बहुत ज्यादा है. देश के 33 करोड़ घरों में लोग खाना बनाने के लिए LPG सिलेंडर इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में इस्तेमाल होने वाली LPG का बड़ा हिस्सा विदेश से आता है? जी हां, भारत की 95 फीसदी LPG जरूरतें सऊदी अरब, UAE, और कतर जैसे मिडिल ईस्ट के देशों से पूरी होती हैं. यानी, हर 3 में से 2 सिलेंडर इन देशों से आते हैं.
अब मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ रहा है. अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए हैं. इससे भारत को LPG की सप्लाई में दिक्कत हो सकती है. अगर वहां हालात और बिगड़ते हैं, तो भारत के घरों में रसोई गैस की कमी हो सकती है. यह इसलिए चिंता की बात है क्योंकि LPG भारत में बहुत जरूरी है और इसे तुरंत किसी और देश से लाना आसान नहीं है.
भारत के पास केवल 16 दिन की है LPG स्टोरेज क्षमता
पिछले 10 साल में भारत में LPG का इस्तेमाल दोगुना हो गया है. सरकार ने इसे बढ़ावा दिया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे इस्तेमाल करें. लेकिन इसके साथ ही भारत की निर्भरता विदेशी LPG पर भी बढ़ी है. Ministry of Petroleum and Natural Gas के मुताबिक भारत में केवल 15-16 दिन की LPG स्टोरेज क्षमता है. यानी, अगर सप्लाई रुक गई तो सिर्फ 15-16 दिन तक ही स्टॉक चलेगा. भारत में कुल LPG टैंकेज लगभग 1189.7 TMT है, जो करीब 15 दिन की जरूरत को पूरा कर सकता है. हालांकि, पेट्रोल और डीजल के मामले में भारत की स्थिति बेहतर है. भारत इन दोनों को निर्यात करता है. अगर जरूरत पड़ी तो निर्यात को रोककर घरेलू जरूरतें पूरी की जा सकती हैं. लेकिन LPG के लिए ऐसा करना मुश्किल है. अमेरिका, यूरोप, मलेशिया या अफ्रीका जैसे देशों से LPG लाया जा सकता है, लेकिन वहां से शिपमेंट आने में समय लगता है.
LPG के मुकाबले तेल के स्टॉक बेहतर स्थिति में..
LPG का दूसरा विकल्प पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) हो सकता है, लेकिन यह केवल 1.5 करोड़ घरों में उपलब्ध है. 33 करोड़ LPG कनेक्शनों की तुलना में यह बहुत कम है. पहले लोग मिट्टी का तेल इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब ज्यादातर जगहों पर यह बंद हो चुका है. ऐसे में, अगर LPG की कमी हुई, तो शहरों में बिजली से खाना बनाना एकमात्र रास्ता बचेगा. तेल के लिए भारत के पास 74 दिन का स्टॉक है. रिफाइनरी, पाइपलाइन और नेशनल रिजर्व में इतना तेल है कि रिफाइनरियां 74 दिन तक चल सकती हैं.
तेल कंपनियां अभी घबराहट में खरीदारी नहीं कर रही हैं. उनका मानना है कि सप्लाई पूरी तरह रुकेगी, ऐसा होने की संभावना कम है. ET के हवाले से एक्सपर्ट का कहना है कि तेल की कीमतें थोड़े समय के लिए बढ़ सकती हैं, लेकिन जल्दी ही सामान्य हो जाएंगी. पिछले कुछ सालों से पेट्रोल और डीजल की कीमतें नहीं बदली हैं और आगे भी स्थिर रहने की उम्मीद है. लेकिन LPG की सप्लाई पर नजर रखना जरूरी है ताकि आम लोगों को परेशानी न हो.
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