कच्चे तेल की बढ़ती कीमत से फिसला रुपया, 19 पैसे की कमजोरी के साथ दो महीने के निचले स्तर पर बंद
मंगलवार कच्चे तेल की बढ़ती कीमत के साथ ही घरेलू और वैश्विक कारणों से डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर रहा. दिन के आखिर में रुपया 19 पैसे की कमजोरी के बाद दो महीने से ज्यादा के निचले स्तर पर 86.23 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ.
Rupee vs Dollar के कारोबार में मंगलवार 17 जून को रुपया कमजोर रहा. घरेलू शेयर बाजारों के कमजोर रुझान के साथ ही FII की तरफ से आउटफ्लो बढ़ने का असर भी रुपये पर देखने को मिला. इसके साथ ही विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा वैश्विक राजनीतिक अस्थिरता और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें रुपये के लिए चुनौतियां पेश कर रही हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में रुपये में और गिरावट आ सकती है.
कैसा रहा रुपये का कारोबार?
इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज पर मंगलवार को रुपया 85.96 पर ओपन हुआ. इसके बाद 85.96 से 86.28 की इंट्रा डे हाई और इंट्रा डे लो रेंज में कारोबार किया. दिन के आखिर में 19 पैसे की कमजोरी के साथ 86.23 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर सेटल हुआ.
बढ़ रहा जोखिम
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी चीफ अनिल कुमार भंसाली ने कहा रुपया 86.20 से नीचे बंद हुआ है. ऐसे में फिलहाल किसी भी रिकवरी से पहले यह 86.70 के स्तर तक गिर सकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि युद्ध के कारण डॉलर की बिक्री फिलहाल सीमित है, जिससे रुपये में गिरावट का जोखिम बढ़ रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यूरोप और पश्चिम एशिया में संघर्ष तेज हो गया है. इसकी वजह से कच्चे तेल के दाम में उछाल देखने को मिला है, जिसका असर भी रुपये पर दबाव बढ़ा रहा है. उन्होंने कहा कि बुधवार को रुपया 85.80-86.50 के दायरे में रह सकता है.
फार्मा टैरिफ पर ट्रंप का ऐलान
डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी को लेकर एक बड़ा कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से फार्मा प्रोडक्ट पर टैरिफ को लेकर दिया गया बयान है. ट्रंप ने मंगलवार को जी 7 की बैठक के बाद टैरिफ के मुद्दे पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जल्द ही फार्मा प्रोडक्ट पर टैरिफ का ऐलान किया जाएगा. इसकी वजह से भारत की फार्मा कंपनियों शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. रुपये की गिरावट में इसका भी असर रहा है.