कौन हैं IndusInd बैंक के वो 5 अधिकारी, जिन्होंने कर दिया बड़ा खेल, जानें क्यों चढ़े सेबी के हत्थे
इंडस्इंड बैंक में इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला सामने आया है, इसे लेकर सेबी ने सख्ती की है. बाजार नियामक ने पांच अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया है. तो क्या है मामला, कैसे किया जा रहा था पैसों का हेरफेर, यहां समझें पूरी डिटेल
IndusInd Bank insider trading issue: डेरिवेटिव अकाउंट्स में मिली गड़बडि़यों के चलते सुर्खियों में रहने वाले इंडस्इंड बैंक की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है. ये दोबारा चर्चाओं में है. दरअसल इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोप में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी SEBI ने इंडसइंड बैंक के अधिकारियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. सेबी ने बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुमंत कठपालिया, पूर्व डिप्टी सीईओ अरुण खुराना और तीन अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर नियमों के उल्लंघन पर सिक्योरिटीज ट्रेडिंग पर बैन लगा दिया है. सेबी ने इन पांच व्यक्तियों को कुल 19.78 करोड़ रुपये की अवैध कमाई वापस करने का निर्देश भी दिया है. तो कौन हैं ये पांच अधिकारी जिन पर सेबी ने कसा है शिकंजा और कैसे इन्होंने पैसों का किया हेरफेर, यहां जानें पूरी डिटेल.
कठपालिया पर लगे ये आरोप
सुमंत कठपालिया इंडस्इंड बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक रहे हैं. सेबी की जांच के अनुसार उन्हें डेरिवेटिव ट्रेड में अकाउंटिंग से जुड़ी खमियों के बारे में पता था. साथ ही वे दिसंबर 2023 में इसके होने वाले बड़े प्रभाव से भी वाकिफ थे. प्रारंभिक जांच में पता चला कि नोटिस प्राप्तकर्ताओं सहित IBL के वरिष्ठ प्रबंधन के सदस्य डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में विसंगतियों से संबंधित UPSI के बारे में जानते थे. अंदरूनी सूत्र होते हुए भी इन्होंने इंडसइंड बैंक के शेयरों में कारोबार किया था. इससे हुई कमाई की वसूली के लिए सेबी ने कठपालिया को 5.2 करोड़ रुपये चुकाने के निर्देश दिए हैं.
पैसों के हेरफेर में ये लोग भी थे शामिल
इंडस्इंड बैंक घोटाले के मामले में कठपालिया के अलावा बैंक के पूर्व डिप्टी सीईओ अरुण खुराना, ट्रेजरी ऑपरेशन्स के हेड रोहन जथन्ना, जीएमजी ऑपरेशंस के हेड सुशांत सौरव और चीफ एनडमिनिस्ट्रेटिव अधिकारी अनिल मार्को राव के भी शामिल होने की बात सामने आई है. सेबी की जांच में पाया गया कि कठपालिया, अरुण खुराना और रोहन ने दिसंबर 2023 में अपने शेयर बेचे थे, जबकि सुशांत सौरव और अनिल राव ने नवंबर 2023 में अपने शेयर बेचे थे.
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सेबी ने कहा कि बैंक की इंटरनल टीम ने मार्च 2024 में डेरिवेटिव गैप से 2,362 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रभाव का अनुमान लगाया था. आदेश के अनुसार, बैंक ने जनवरी 2024 में बाहरी जांच करने के लिए पेशेवर फर्म केपीएमजी को भी नियुक्त किया और फरवरी 2024 में 2,093 करोड़ रुपये के प्रभाव का अनुमान लगाया. इसके बावजूद उन्होंने इन सबकी जानकारी जनता को नहीं दी. खुराना को 14.39 करोड़ रुपये चुकाने का निर्देश दिया गया है. जबकि सुशांत को 0.07 करोड़, रोहन को 0.07 करोड़ और अनिल मार्को को 0.04 करोड़ रुपये चुकाने को कहा गया है.