6900 करोड़ रुपये लोन डिफॉल्ट से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग तक, जानें विजय माल्या पर कितने केस

भगोड़े कारोबारी विजय माल्या फिर चर्चा में हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने बैंकों का कर्ज वसूल लिया है, फिर भी केस खत्म नहीं हो रहे. लेकिन सच्चाई यह है कि माल्या पर सिर्फ लोन डिफॉल्ट ही नहीं, मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और कॉर्पोरेट गड़बड़ी जैसे गंभीर आरोप हैं.CBI और ED की जांचों में हजारों करोड़ की हेराफेरी सामने आई है.

भगोड़े कारोबारी विजय माल्या फिर चर्चा में हैं. Image Credit: social media

Vijay Mallya: भगोड़े कारोबारी विजय माल्या एक बार फिर चर्चा में हैं. हाल ही में एक पॉडकास्ट में उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार ने बैंकों का पैसा वसूल लिया है, फिर भी उनके खिलाफ मामले वापस नहीं लिए जा रहे हैं. बातचीत के दौरान उन्होंने भारत लौटने की इच्छा भी जताई. माल्या ने कहा कि अगर सरकार उन्हें निष्पक्ष सुनवाई (फेयर ट्रायल) की गारंटी दे, तो वह देश वापस आ सकते हैं. हालांकि, जानकारों का कहना है कि माल्या का “बैंकों का पैसा वसूल हो गया” वाला दावा पूरी तरह सही नहीं है. लेकिन अगर उनकी बात को मान भी लिया जाए, तो भी उन पर बैंकों का कर्ज चुकाने के अलावा कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. ऐसे में अगर वह भारत लौटते हैं, तो उन्हें इन मामलों का सामना करना होगा और जेल भी जाना पड़ सकता है. आइए जानते हैं कि माल्या पर बैंकों का पैसा लेकर भागने के अलावा और कौन-कौन से केस दर्ज हैं.

लोन डिफाल्ट और धोखाधड़ी के मामले

वर्ष 2016 में माल्या और किंगफिशर एयरलाइंस पर 6900 करोड़ रुपये के लोन डिफाल्ट का केस दर्ज हुआ. यह लोन 17 सरकारी बैंकों से लिया गया था. इसके बाद 2017 में IDBI बैंक से 900 करोड़ का लोन धोखाधड़ी का मामला सामने आया. 2024 में इंडियन ओवरसीज बैंक से जुड़े 180 करोड़ के लोन डिफाल्ट मामले में सीबीआई कोर्ट ने माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है.

3547 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

प्रवर्तन निदेशालय ने माल्या के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया है. आरोप है कि किंगफिशर एयरलाइंस को मिले लोन में से 3547 करोड़ रुपये का गलत इस्तेमाल किया गया. इस राशि से महंगे जहाजों का किराया चुकाया गया, निजी जेट खरीदे गए और खेल टीमों को पैसा भेजा गया.

100 करोड़ के टैक्स चोरी का आरोप

वर्ष 2012 और 2015 में किंगफिशर एयरलाइंस पर 100 करोड़ रुपये की सेवा कर चोरी का आरोप लगा. कहा गया कि यात्रियों से टैक्स तो लिया गया लेकिन सरकार को नहीं दिया गया. इस पर मुंबई की अदालत ने माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया.

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कंपनी संचालन में गड़बड़ी का आरोप

2016 में एसएफआईओ ने 17 कंपनियों को नोटिस भेजे जो बैंकों से लोन लेकर किंगफिशर एयरलाइंस को फाइनेंस कर रही थीं. जांच में कई वित्तीय गड़बड़ियों और कंपनी गवर्नेंस की अनदेखी के मामले सामने आए.