डूबते वोडाफोन को मिला तिनके का सहारा! बोर्ड ने 20,000 करोड़ रुपये की फंडिंग को दी मंजूरी, जानें प्लान
वोडाफोन आइडिया एक बार फिर सुर्खियों में है. कंपनी ने एक बड़ी वित्तीय योजना तैयार की है, जो आने वाले महीनों में इसके भविष्य को तय कर सकती है. निवेशक, विश्लेषक और बाजार सबकी नजरें इसी पर टिकी हैं. पूरी जानकारी जानने से पहले जानें आखिर चल क्या रहा है?
Vodafone Idea: संकट के बादलों से घिरी वोडाफोन के ऊपर से ये बादल अब छंटते नजर आ रहे हैं. देश की संकटग्रस्त टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया एक बार फिर फंड जुटाने की तैयारी में है. शुक्रवार यानी 30 मई को कंपनी के बोर्ड ने 20,000 करोड़ रुपये की फंडिंग को मंजूरी दे दी, जिसे इक्विटी या डेट, किसी भी माध्यम से जुटाया जा सकता है. अब इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला 27 जून को होने वाली एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) में शेयरधारकों की मंजूरी के बाद होगा.
पहले भी कर चुकी है ₹61,400 करोड़ की फंडिंग
FY25 में कंपनी ने पहले ही 61,400 करोड़ रुपये का फंड जुटाया है, जिसमें 18,000 करोड़ रुपये का FPO, 4000 करोड़ रुपये की प्रमोटर्स से प्रेफरेंशियल इश्यू, और 2,500 करोड़ रुपये वेंडर्स नोकिया व एरिक्सन से आए हैं. इसके अलावा सबसे बड़ा हिस्सा यानी 36,900 करोड़ रुपये सरकार से आया, जिसने कर्ज को इक्विटी में बदला था.
वोडाफोन आइडिया के CEO अक्षय मूंदड़ा के मुताबिक कंपनी अगले कुछ वर्षों में 50,000–55,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च की योजना बना रही है, जिसके लिए वह बैंकों और लेंडर्स से कर्ज जुटाने की प्रक्रिया में है.
घाटा बढ़ा, नेट वर्थ निगेटिव
मार्च तिमाही में कंपनी का घाटा 7,166 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो पिछली तिमाही से ज्यादा है. मार्च 2025 तक कंपनी की नेट वर्थ निगेटिव 70,320 करोड़ रुपये रही. AGR बकाया 1.95 लाख करोड़ रुपये है, जबकि FY26 में स्पेक्ट्रम भुगतान की किस्त 2,538 करोड़ रुपये देनी है.
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कंपनी के पास फिलहाल 9,930 करोड़ रुपये की नकद और बैंक बैलेंस है, जबकि FY26 में बैंकों को 1,600 करोड़ रुपये चुकाने हैं. शुक्रवार को नतीजों से पहले वोडाफोन आइडिया का शेयर 3.2% गिरकर 6.92 रुपये पर बंद हुआ. बीते एक साल में शेयर करीब 53 फीसदी और इस साल अब तक 14 फीसदी गिर चुका है.