छिड़ गया युद्ध! …तो भारत के पास कितने दिनों का तेल रिजर्व, पाकिस्तान की भी जान लें हैसियत
India-Pakistan Oil Reserve: अगर दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति गंभीर होती है, तो जाहिर सी बात है कि विदेशों से आयात की जाने वाली वस्तुओं की सप्लाई चेन भी प्रभावित होगी. हो सकता है कि कच्चे तेल की सप्लाई पर भी असर पड़े. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि भारत के पास कितना रिजर्व तेल भंडार है.

India-Pakistan Oil Reserve: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति है. भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं, जिसमें से सिंधु जल समझौता का निलंबन भी शामिल है. केंद्र सरकार लगातार हाई लेवल सिक्योरिटी मीटिंग कर रही है. साथ ही सरकार ने देश की सेना को एक्शन लेने के लिए खुली छूट दे दी है. अगर दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति गंभीर होती है, तो जाहिर सी बात है कि विदेशों से आयात की जाने वाली वस्तुओं की सप्लाई चेन भी प्रभावित होगी. हो सकता है कि कच्चे तेल की सप्लाई पर भी असर पड़े. ऐसे में भारत अपनी तेल की जरूरतों को कैसे पूरा करेगा. एक सरकारी सूत्र ने बताया है कि भारत के पास पर्याप्त तेल का भंडार है.
कितने दिनों का तेल भंडार?
युद्ध की स्थिति में एनर्जी की जरूरतों को पूरा करने के लिए फ्यूल की उपलब्धता होनी जरूरी है और सरकार ने इसका प्रबंध कर रखा है. मनीकंट्रोल ने एक सरकारी सूत्र के हवाले से लिखा कि पाकिस्तान के साथ बढ़ता तनाव भारत की एनर्जी सिक्योरिटी के लिए चिंता का विषय नहीं है, क्योंकि देश के पास अगले 75 दिनों के लिए पर्याप्त तेल भंडार है.
पाकिस्तान का तेल भंडार
मनीकंट्रोल ने सरकारी सूत्र के हवाले से लिखा कि भारत सरकार ने पाकिस्तान के भंडार का भी आकलन किया है और पाया कि उसके पास 75 दिनों के लिए भंडार तो है, लेकिन उसका कम विदेशी मुद्रा भंडार चुनौती पैदा करेगा. 18 अप्रैल को पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 15.4 अरब डॉलर था. जबकि 18 अप्रैल को समाप्त सप्ताह के लिए भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 686.145 अरब डॉलर था.
हालांकि, पाकिस्तान के पास कितना स्ट्रैटेजिक तेल भंडार है, इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. पाकिस्तान लगातार विदेशी मुद्रा के संकट से जूझता रहा है, जिसकी वजह से उसकी तेल की सप्लाई भी कई बार बाधित हुई है.
स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व
सूत्र ने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव के बीच भारत की एनर्जी सिक्योरिटी स्थिर बनी हुई है. उन्होंने कहा कि हमारे पास पर्याप्त सप्लाई है. भारत के पास 75 दिनों के लिए तेल भंडार है, इसलिए यह चिंता की बात नहीं है. भारत सरकार का विशेष उद्देश्य वाहन इंडियन स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड (ISPRL) देश की एनर्जी सिक्योरिटी की पुष्टि के लिए पर्याप्त कच्चे तेल के भंडार को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है.
ISPRL के पास तीन स्थानों – आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम, मैंगलोर और कर्नाटक में पादुर (उडुपी के पास) में रणनीतिक कच्चे तेल के भंडारण हैं – जिनमें कुल 75 दिनों का तेल भंडार है.
जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की शुरुआत हुई थी, उसके कुछ दिनों के बाद ही यूरोपीय देशों में नेचुरल गैस की सप्लाई बाधित हो गई थी, जिससे एनर्जी संकट पैदा हो गया था.
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