भारत से पानी की भीख मांग रहा पाकिस्तान, चार बार लिख चुका है चिठ्ठी, सिंधु जल समझौते पर फिर करें विचार
पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया है, जिससे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है. अब तक पाकिस्तान भारत को चार पत्र भेज चुका है, जिसमें जल आपूर्ति बहाल करने की गुहार लगाई गई है. भारत ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए सख्त रुख अपनाया है और प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा है कि आतंक और व्यापार साथ नहीं चल सकते.
Pakistan wants Indus Water Treaty: हाल में जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत की ओर से किए गए तमाम कार्रवाइयों ने पाकिस्तान को घुटने पर ला दिया. उसी कड़ी में भारत ने सिंधु जल समझौता के तहत पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी पर भी लगाम लगा दिया था. भारत के इस कदम ने पाकिस्तान को और भी कमजोर कर दिया है. इससे परेशान हो कर पाकिस्तान ने सिंधु जल को वापस से बहाल करने के लिए अब तक चार पत्र भारत को भेज चुके हैं. इन तमाम पत्रों में पाक ने भारत द्वारा जल समझौते को निलंबित करने के फैसले पर गहरी चिंता जताई है. पाकिस्तान ने भारत से इस फैसले पर पुनर्विचार करने और वार्ता के जरिए समस्या का समाधान निकालने का अनुरोध किया है.
भारत का जवाब और स्थिति
भारत के जल शक्ति मंत्रालय की सचिव, देबश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के अपने समकक्ष, सैयद अली मुर्तजा को लिखे पत्र में बताया कि भारत सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों का शिकार है, जिसके कारण उसे सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इन सुरक्षा चिंताओं की वजह से भारत समझौते के तहत अपने अधिकारों का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है. इसलिए भारत ने यह कदम उठाया है ताकि अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सके.
पाकिस्तान ने पत्रों में क्या कहा?
CNBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मई की शुरुआत में पाकिस्तान ने पहला पत्र भेजकर भारत से समझौते के निलंबन पर पुनर्विचार करने को कहा था. इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तीन और पत्र भेजे गए. ये सभी पत्र भारत के जल शक्ति मंत्रालय के जरिए विदेश मंत्रालय तक पहुंचे. पाकिस्तान का मानना है कि इस निलंबन से उसकी रबी फसलों को काफी नुकसान होगा, हालांकि खरीफ फसलों पर इसका असर कम होगा.
इसके अलावा, इस कदम से वहां के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में पानी की जरूरत प्रभावित हो सकती है और पानी को लेकर संकट भी पैदा हो सकता है. पाकिस्तान ने इस विवाद में मध्यस्थता के लिए विश्व बैंक का भी सहारा लिया है. हालांकि, विश्व बैंक ने अभी तक इस मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार किया है. इससे पता चलता है कि यह मुद्दा अभी भी गंभीर स्थिति में है और कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है.
क्या है सिंधु जल समझौता?
सिंधु जल समझौता, 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच साइन की गई एक महत्वपूर्ण समझौता है. जिसके तहत सिंधु नदी के 6 प्रमुख नदियों के पानी के इस्तेमाल और वितरण को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद को सुलझाने का काम करती है. इस समझौते के तहत दोनों देश अपने-अपने हिस्से का पानी सुरक्षित रूप से इस्तेमाल करते हैं. यह समझौता दक्षिण एशिया में जल संसाधनों के साझा प्रबंधन का एक प्रमुख उदाहरण माना जाता है.
भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. इस हमले के बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर नाम से आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए. इसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को जवाबी हमले किए. दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों ने 10 मई को बातचीत कर सभी सैन्य कार्रवाई रोकने का फैसला किया. इन घटनाओं के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था.
पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार कहा कि आतंकवाद और व्यापार साथ नहीं चल सकते. उन्होंने यह भी कहा कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते. यह बात इस तनावपूर्ण स्थिति में शांति और समझदारी की जरूरत पर जोर देती है. उन्होंने भारत की सुरक्षा और जल संसाधनों के संरक्षण के लिए किए गए कदमों का समर्थन किया.
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