सरकार ने वक्फ संपत्तियों की निगरानी के लिए उठाया बड़ा कदम, लॉन्च किया UMEED पोर्टल
सरकार ने UMEED पोर्टल लॉन्च किया है, जो देशभर की वक्फ संपत्तियों का डिजिटल रजिस्टर बनाएगा और उनकी भू-टैगिंग करेगा. इससे वक्फ संपत्तियों का पारदर्शी और सही उपयोग सुनिश्चित होगा, खासकर गरीब मुसलमानों के लिए. हालांकि, आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस कदम का विरोध किया है, क्योंकि वक्फ (संशोधन) अधिनियम सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. जानें क्या है इसकी विशेषताएं.

Umeed Portal for Waqf Property Management: सरकार ने शुक्रवार, 6 जून को UMEED पोर्टल लॉन्च कर दिया है. इस पोर्टल का उद्देश्य देश भर की सभी वक्फ संपत्तियों का डिजिटल रजिस्टर तैयार करना और उनकी Geo-tagging करना है. यह पहल अल्पसंख्यक अफेयर्स के मंत्री किरेन रिजिजू ने एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि इससे समुदाय की वक्फ संपत्तियों का सही और पारदर्शी इस्तेमाल सुनिश्चित होगा, खासकर गरीब मुसलमानों के लिए. आइए विस्तार से इस पोर्टल और इसकी जरूरत को समझते हैं.
क्या है UMEED पोर्टल?
UMEED का पूरा नाम है- Unified Waqf Management, Empowerment, Efficiency and Development एक्ट, 1995. यह एक सेंट्रलाइज्ड डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जहां वक्फ संपत्तियों की जानकारी रियल टाइम में अपलोड, वेरिफिकेशन और मॉनिटरिंग की जाएगी. इस पोर्टल के जरिए वक्फ संपत्तियों का बेहतर मैनेजमेंट संभव होगा. किरन रिजिजू ने कहा, “UMEED पोर्टल वक्फ संपत्ति मैनेजमेंट के इतिहास में एक नया चैप्टर जोड़ने जा रहा है. यह न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ाएगा, बल्कि आम मुसलमानों, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा.” उन्होंने इस पहल को सरकार की अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की सुरक्षा और संपत्तियों के सही इस्तेमाल के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया.
पोर्टल की मुख्य विशेषताएं
- सभी वक्फ संपत्तियों की डिजिटल सूची और भू-टैगिंग
- ऑनलाइन शिकायत निवारण सिस्टम, जिससे शिकायतों का तुरंत समाधान संभव हो सके
- पारदर्शी लीजिंग और उपयोग की निगरानी
- GIS मैपिंग और अन्य ई-गवर्नेंस उपकरणों के साथ इंटीग्रेशन
- जनता को सत्यापित रिकॉर्ड और रिपोर्ट्स तक पहुंच
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का विरोध
हालांकि, इस पोर्टल के लॉन्च का विरोध भी हुआ है. आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इसे गैरकानूनी बताते हुए कहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन याचिकाएं अभी लंबित हैं. बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि यह नया कानून मुस्लिम संगठनों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों द्वारा अस्वीकार किया गया है. इसके बावजूद सरकार ने 6 जून से वक्फ संपत्तियों की रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को अनिवार्य कर दिया है जो कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है.
पोर्टल पर किसने क्या कहा?
माइनॉरिटी अफेयर्स के राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने कहा कि यह पोर्टल लंबे समय से प्रतीक्षित सुधार है जो वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगा. साथ ही ये पोर्टल प्रशासन को लोगों के करीब ले आएगा. मंत्रालय के सचिव चंद्रशेखर कुमार ने उम्मीद जताई कि यह पोर्टल वक्फ संपत्तियों के बेहतर डिजिटल प्रबंधन का आधार बनेगा और शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक कल्याण जैसे क्षेत्रों में अल्पसंख्यक समुदाय की मदद करेगा.
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