अडाणी के विझिनजाम बंदरगाह ने बनाया रिकॉर्ड, पहुंचा दुनिया का सबसे बड़ा मालवाहक कंटेनर
सोमवार सुबह दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज MSC IRINA विझिनजाम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह पहुंचा. अडानी का यह बंदरगाह ने नया रिकॉर्ड बनाया है. MSC IRINA के पहुंचने से भारत का समुद्री व्यापार में कद बढ़ा है. आइए जानते हैं कि दुनिया के सबसे बड़े जहाज का विझिनजाम पहुंचने के क्या हैं मायने और भारत के लिए यह क्यों है महत्वपूर्ण.
सोमवार, 9 जून की सुबह विश्व का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज MSC IRINA विझिनजाम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह पर पहुंचा. हाल ही में शुरू किए गए इस अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह के लिए MSC IRINA का पहुंचना एक मील का पत्थर है. यह जहाज मंगलवार तक बंदरगाह पर खड़ा रहेगा.
विझिनजाम बंदरगाह भारत के लिए क्यों है खास?
हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने 2 मई को केरल में लगभग 9,000 करोड़ रुपये की लागत से बने विझिंजम डीपवाटर मल्टीपर्पज बंदरगाह का उद्घाटन किया था. यह भारत का पहला कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है. इस बंदरगाह का उद्देश्य मुख्य रूप से सिंगापुर, कोलंबो, सलालाह और दुबई के विदेशी बंदरगाहों पर किए जा रहे इंडियन कार्गो ट्रांसशिपमेंट को भारत लाना है. दरअसल, भारत में अब तक अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्ग के पास गहरे पानी के बंदरगाह नहीं थे. विझिंजम बंदरगाह 24,000 टीईयू क्षमता तक के बहुत बड़े मदर वेसल की जरूरत को पूरा कर रहा है.
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MSC IRINA विझिनजाम बंदरगाह के लिए क्यों है खास?
दक्षिण एशियाई बंदरगाह पर MSC IRINA की पहली यात्रा अल्ट्रा लार्ज कंटेनर वेसल्स (ULCVs) को संभालने में विझिनजाम की क्षमताओं को दर्शाती है. यहां पर हाल ही में MSC Türkiye और MSC Michel Cappellini सहित अन्य आइकन-क्लास जहाज पहुंची है. इससे यह साबित होता है कि समुद्री व्यापार में विझिनजाम एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है.
MSC IRINA की क्या है खासियत?
एमएससी इरिना को मार्च 2023 में लॉन्च किया गया था और इसी साल अप्रैल में इसकी पहली यात्रा शुरू हुई थी. इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि इस पर 26 लेयर तक ऊंचे कंटेनरों को रखा जा सकता है. एमएससी इरिना की क्षमता 24,346 टीईयू (Twenty Foot Equivalent Units) है. यह क्षमता इसे ग्लोबल शिपिंग में एक मजबूत प्लेयर बनाती है. 399.9 मीटर की लंबाई और 61.3 मीटर की चौड़ाई के साथ, यह जहाज फीफा द्वारा नामित एक मानक फ़ुटबॉल मैदान से लगभग चार गुना बड़ा है. इसे एशिया और यूरोप के बीच बड़ी मात्रा में कंटेनरों के परिवहन की सुविधा के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है.