अहमदाबाद विमान हादसे में पॉलिसी होल्डर समेत नॉमिनी तक की हो गई मौत, कैसे क्लेम सेटल करेंगी बीमा कंपनियां?
AI plane crash Insurance: अहमदाबाद से 12 जून को लंदन जाने वाले विमान की भयावह दुर्घटना में पूरे परिवार के खत्म हो जाने या पति-पत्नी में से किसी एक की मृत्यु हो जाने के मामले सामने आए हैं. ऐसे में बीमा कंपनियों को क्लेम सेटलमेंट करने में परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है.
AI plane crash Insurance: इंश्योरेंस कंपनियों को पिछले सप्ताह अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे के पीड़ितों के क्लेम को निपटाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, कई मामलों में पॉलिसीधारक और उनके नॉमिनी दोनों की ही इस हादसे में मौत हो गई है. ऐसे में अब कंपनियों के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है. अहमदाबाद से 12 जून को लंदन जाने वाले विमान की भयावह दुर्घटना में पूरे परिवार के खत्म हो जाने या पति-पत्नी में से किसी एक की मृत्यु हो जाने के मामले सामने आए हैं. इस विमान में सवार 241 लोगों और जमीन पर मौजूद 29 लोगों की जान चली गई थी.
रिजेक्ट नहीं होगा क्लेम
हादसे के तुरंत बाद इंश्योरेंस अथॉरिटी और डेवलपमेंट ऑफ इंडिया (IRDAI) ने बीमा कंपनियों से कहा कि वे विदेशी हेल्थ इंश्योरेंस, व्यक्तिगत दुर्घटना और जीवन बीमा पॉलिसियों के जारी करने संबंधी अपने आंकड़ों से मृतक की डिटेल्स को वेरिफाई करें. यह भी कहा गया कि यात्रियों की सूची में शामिल मृत व्यक्तियों तथा दुर्घटना से प्रभावित इमारतों में रहने वाले व्यक्तियों के मामले में प्रक्रिया औपचारिकताओं के कारण किसी भी क्लेम को अस्वीकार या विलंबित नहीं किया जाएगा.
बीमा कंपनियों ने उठाया ये कदम
इसके बाद भारतीय जीवन बीमा निगम, न्यू इंडिया एश्योरेंस, एचडीएफसी लाइफ, इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस, बजाज आलियांज जीआईसी और टाटा एआईए इंश्योरेंस जैसी प्रमुख बीमा कंपनियों ने प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अहमदाबाद सिविल अस्पताल में अपनी सहायता विंडो स्थापित की हैं.
डेटा मैच कर रही हैं कंपनियां
बीमा कंपनियों ने कहा कि वे प्राधिकारियों द्वारा साझा किए गए डेटा का अपने डेटा से मिलान कर रही हैं तथा एक्टिव रूप से परिवारों से संपर्क कर रहे हैं. LIC के प्रशासनिक अधिकारी आशीष शुक्ला ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कंपनी को अब तक अस्पताल और उसके कार्यालयों में 10 दावे प्राप्त हुए हैं.
नॉमिनी की मौत से बढ़ी चुनौती
बीमा कंपनी के अधिकारी ने कहा कि एक मामला ऐसा भी है, जिसमें बीमित व्यक्ति ने अपने जीवनसाथी को नॉमिनी बनाया था. लेकिन प्लेन दुर्घटना में दोनों की मौत हो गई. इफ्को टोकियो इंश्योरेंस के मैनेजर (क्लेम) मनप्रीत सिंह सभरवाल ने भी एक ऐसे मामले का जिक्र किया जिसमें एक कंपनी के निदेशक और उनकी पत्नी (जो उनकी नॉमनी थी) दोनों की विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई. उन्होंने बताया कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों का इफ्को टोकियो के साथ ग्रुप बीमा कराया है.
टाटा एआईए के जोनल ऑपरेशन के प्रमुख अधिकारी निश्चल बुच ने कहा कि उन्हें अब तक सात क्लेम प्राप्त हुए हैं, जिनमें से एक ऐसा मामला है जिसमें मृतक ने अपने जीवनसाथी को नामित किया था और उसकी भी विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई.
बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह काम तब कठिन हो जाता है जब बीमाकृत व्यक्ति और नामित व्यक्ति दोनों की मृत्यु हो जाती है, जैसा कि विमान दुर्घटनाओं के मामले में होता है.
कैसे क्लेम सेटल करेंगी कंपनियां
शुक्ला ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में, वे उत्तराधिकार प्रमाणपत्र तब मांगते हैं जब बीमाधारक और नॉमिनी व्यक्ति, दोनों की मृत्यु हो जाती है. एक विशेष मामले के रूप में कंपनी ने अब अपवाद बनाया है.
उन्होंने कह कि अगर बीमाधारक और नॉमिनी व्यक्ति, दोनों की मृत्यु हो गई है, तो हम कैटेगरी-1 के वारिसों की तलाश करते हैं, जो आमतौर पर बच्चों जैसे बल्ड रिलेशन में होते हैं. यदि कई बच्चे हैं, तो हम वारिसों से एक का घोषणापत्र लेते हैं कि क्लेम का निपटान कैसे किया जाना है और कंपनी को क्षतिपूर्ति बॉन्ड जमा करना होता है.
बुच ने कहा कि उनकी कंपनी की कानूनी टीम इस बात पर विचार कर रही है कि क्या उन मामलों में उत्तराधिकारियों की संयुक्त घोषणा मांगी जा सकती है, जहां बीमाधारक और नामित व्यक्ति दोनों की मृत्यु हो गई हो.