क्या पब्लिक होगी TATA Sons? कंपनी के IPO पर फिर शुरू हुई हलचल; ट्रस्ट मेंबर के फैसलों से मिल रहे ये संकेत
टाटा संस का IPO जल्द ही आ सकता है. टाटा ट्रस्ट के कई ट्रस्टी अब जुलाई में लिए गए उस फैसले पर दोबारा विचार कर रहे हैं, जिसमें कहा गया था कि टाटा संस को निजी कंपनी ही रहना चाहिए. हाल ही में टाटा ट्रस्ट में मतभेद सामने आए हैं. अब कुछ ट्रस्टी इस फैसले को बदलने की सोच रहे हैं, लेकिन यह साफ नहीं है कि इसके लिए बहुमत मिलेगा या नहीं. ट्रस्टी नहीं चाहते कि उनके बीच मतभेद सार्वजनिक रूप से दिखें.
TATA Sons IPO: टाटा संस का IPO जल्द ही आ सकता है. टाटा ट्रस्ट के कई ट्रस्टी अब जुलाई में लिए गए उस फैसले पर दोबारा विचार कर रहे हैं, जिसमें कहा गया था कि टाटा संस को निजी कंपनी ही रहना चाहिए. यह कदम टाटा संस को भारत के शेयर बाजार में लिस्ट होने की राह खोल सकता है. टाटा ट्रस्ट, टाटा संस में 66 फीसदी हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ा शेयरधारक है. शापूरजी पालोनजी ग्रुप टाटा संस में माइनॉरिटी शेयरधारक है. कई सालों से टाटा संस को पब्लिक करने की मांग कर रही है. यह ग्रुप कर्ज में डूबा हुआ है और लिस्टिंग से मिलने वाली नकदी उसकी मदद कर सकती है.
ट्रस्ट में तनाव
हाल ही में टाटा ट्रस्ट में मतभेद सामने आए हैं. अब कुछ ट्रस्टी इस फैसले को बदलने की सोच रहे हैं, लेकिन यह साफ नहीं है कि इसके लिए बहुमत मिलेगा या नहीं. ट्रस्टी नहीं चाहते कि उनके बीच मतभेद सार्वजनिक रूप से दिखें. हाल ही में टाटा के अधिकारियों ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की. सरकार ने सलाह दी कि टाटा ट्रस्ट में स्थिरता बनाए रखें और मतभेदों को ऑपरेशन्स पर असर न डालने दें. टाटा ग्रुप भारत का सबसे बड़ा बिजनेस ग्रुप है. इसलिए सरकार इसकी स्थिरता को लेकर चिंतित है.
11 सितंबर को चार ट्रस्टी दारियस खंबाटा, मेहली मिस्त्री, प्रमीत झावेरी और जहांगीर जहांगीर ने एक साथी ट्रस्टी, विजय सिंह, को टाटा संस के बोर्ड से हटाने के लिए वोट किया. इसके बाद उन्होंने मेहली मिस्त्री को बोर्ड में शामिल करने का सुझाव दिया, लेकिन चेयरमैन नोएल टाटा, वाइस-चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन और विजय सिंह ने इसे रोक दिया. विजय सिंह अभी भी टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं.
बोर्ड मीटिंग में सामान्य काम
शुक्रवार को टाटा ट्रस्ट की बोर्ड मीटिंग में सामान्य कामकाज हुआ. इसमें प्रोजेक्ट फंडिंग और अन्य नियमित मुद्दों पर चर्चा हुई. हालांकि, एसपी ग्रुप के बाहर निकलने और टाटा संस की वैल्यू को अनलॉक करने का दबाव बढ़ रहा है. एक सूत्र ने कहा, “अब एसपी ग्रुप और टाटा संस के बीच कोई दुश्मनी नहीं है. टाटा ट्रस्ट, टाटा संस में 66 फीसदी हिस्सेदारी रखता है. उसने जुलाई में फैसला किया था कि टाटा संस को निजी कंपनी ही रहना चाहिए. अब इस फैसले पर दोबारा विचार हो सकता है. टाटा ट्रस्ट ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
नोएल टाटा की भूमिका
पिछले साल रतन टाटा के निधन के बाद उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट्स का चेयरमैन बनाया गया. नोएल टाटा की पत्नी अलू मिस्त्री, शापूरजी मिस्त्री और स्वर्गीय सायरस मिस्त्री की बहन हैं. मिस्त्री परिवार ही SP ग्रुप चलाता है. शुक्रवार को एसपी ग्रुप ने फिर से टाटा संस को पब्लिक करने की मांग दोहराई. ग्रुप का कहना है कि लिस्टिंग से पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी.
कानूनी विवाद और कर्ज
SP ग्रुप लंबे समय से टाटा संस की लिस्टिंग की मांग कर रहा है, खासकर साल 2016 में सायरस मिस्त्री को टाटा संस के सीईओ पद से हटाए जाने के बाद शुरू हुए कानूनी विवाद के बाद. एसपी ग्रुप ने अपनी पूरी हिस्सेदारी को निजी क्रेडिट फंड्स से कर्ज लेने के लिए जमानत के रूप में रखा है. टाटा संस में उसकी हिस्सेदारी की कीमत, सिर्फ लिस्टेड टाटा कंपनियों के आधार पर, 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है.
RBI का नियम
अप्रैल में एसपी ग्रुप ने भारतीय रिजर्व बैंक से टाटा संस की लिस्टिंग का समर्थन करने की अपील की. उनका कहना था कि इससे सभी शेयरधारकों को फायदा होगा. एसपी ग्रुप को अपने भारी कर्ज को चुकाने में दिक्कत हो रही है. ग्रुप ने यह भी शिकायत की कि टाटा संस ने अपनी नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी की रजिस्ट्रेशन को रद्द करने के लिए आवेदन किया, लेकिन इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई.
लिस्टिंग के फायदे
एसपी ग्रुप का कहना है कि टाटा संस की लिस्टिंग से टाटा समूह की लिस्चेड कंपनियों के 12 करोड़ से ज्यादा शेयरधारकों को फायदा होगा. साथ ही, टाटा ट्रस्ट्स को भी पारदर्शी डिविडेंड नीति से फायदा होगा, जिससे उनकी परोपकारी गतिविधियों को निरंतर फंडिंग मिलेगी.
RBI का नियम और समयसीमा
RBI के नियमों के तहत, ‘अपर लेयर’ कैटगरी की कंपनियों, जैसे टाटा संस, को 30 सितंबर 2025 तक पब्लिक होना होगा. SP ग्रुप ने कहा कि इस समयसीमा को गंभीरता से लिया जाना चाहिए. टाटा संस ने कोर इनवेस्टमेंट कंपनी के रूप में अपनी रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कोशिश की है, ताकि लिस्टिंग से बचा जा सके.