PMS Vs Mutual Funds: सोशल मीडिया पर रिटर्न को लेकर जंग, जानें असल में कहां हो रही है ज्यादा कमाई

हाल ही में एक उदाहरण सामने आया है जहां एक निवेशक ने 2022 में Basant Maheshwari PMS में 65 लाख रुपये का निवेश किया था. तीन साल बाद 2025 में वह बढ़कर 74.38 लाख रुपये हो गया. यानी सालाना केवल 6.9 फीसदी रिटर्न. इतना रिटर्न तो एक साधारण फिक्स्ड डिपॉजिट या इंडेक्स फंड से भी मिल सकता था. इतना ही नहीं, PMS ने हर साल 2 फीसदी फीस भी काट ली.

PMS Vs Mutual Funds: इन दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक निवेश के तरीके को लेकर माहौल गरम है. ये चर्चा म्यूचुअल फंड (MF) और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (PMS) को लेकर है. जिसमें निवेशकों को सचेत किया जा रहा है कि ऐसे मूर्ख बनने से बचें. दरअसल, आज के समय में लोग शेयर बाजार में निवेश करके अपनी संपत्ति बढ़ाना चाहते हैं. इसके लिए भारत में कम जोखिम वाले दो बड़े विकल्प हैं म्यूचुअल फंड (MF) और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (PMS). अब सवाल है कि इन दोनों में फर्क क्या है और इसको लेकर किस बात की बहस छिड़ी है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसको लेकर चिंता जाहिर की

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साल 2022 में एक निवेशक ने भरोसे और उम्मीद के साथ 65 लाख रुपये का निवेश Basant Maheshwari की PMS (Portfolio Management Service) में किया. उन्हें लगा कि एक अनुभवी और चर्चित निवेश सलाहकार के साथ जुड़ने से उन्हें बाजार से बेहतर रिटर्न मिलेगा, जोखिम घटेगा और उनका पोर्टफोलियो अच्छी रफ्तार से बढ़ेगा.

तीन साल बीत गए. अब, मई 2025 तक उस निवेश की वैल्यू 74.38 लाख रुपये हो गई है. यह CAGR (Compound Annual Growth Rate) के हिसाब से देखें तो लगभग 6.9 फीसदी सालाना रिटर्न. पहली नजर में यह ठीक-ठाक लग सकता है, लेकिन जब तुलना की जाती है FD, म्यूचुअल फंड या Nifty Index से तो यह रिटर्न ना के बराबर लगता है.

इसके साथ ही वह लिखते हैं कि इस PMS ने हर साल 2 फीसदी की फीस आराम से वसूल ली भले ही निवेशकों को फिक्स्ड डिपॉजिट जितना भी रिटर्न ना मिला हो. न कोई आउटपरफॉर्मेंस, न कोई अल्फा. यानी पैसा कमाया तो PMS ऑपरेटर ने लेकिन जोखिम पूरा निवेशक ने उठाया.

अब सवाल ये कि निवेशक कहां जाएं?

म्यूचुअल फंड क्या है?

म्यूचुअल फंड एक प्रोफेशनल तरीके से मैनेज किया जाने वाला फंड होता है, जिसमें आम निवेशकों के पैसे को एक साथ मिलाकर एक्सपर्ट्स शेयर बाजार में लगाते हैं. इसकी सबसे खास बात ये है कि कोई भी व्यक्ति 500 रुपये जैसी छोटी रकम से निवेश शुरू कर सकता है. इसके अलावा इसमें 40-50 कंपनियों के शेयर हो सकते हैं, जिससे जोखिम बंट जाता है. हर स्कीम के रिटर्न, पोर्टफोलियो और फीस की जानकारी सार्वजनिक होती है. म्यूचुअल फंड छोटे निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है क्योंकि इसमें फीस कम होती है और टैक्स व्यवस्था भी आसान होती है.

PMS क्या होता है?

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (PMS) उन निवेशकों के लिए होती है जिनके पास ज्यादा कैपिटल होती है. PMS में निवेश शुरू करने के लिए नियमों के तहत कम से कम 50 लाख रुपये (2019 से पहले 25 लाख रुपये जरूरी) की जरूरत होती है. इसमें हर निवेशक के लिए अलग और कस्टमाइज पोर्टफोलियो तैयार किया जाता है. इसमें आमतौर पर 20-30 शेयर होते हैं, जिससे फोकस्ड निवेश होता है. PMS ज्यादा लचीलापन देता है लेकिन इसकी फीस भी अधिक होती है. जो आमतौर पर 1-2 फीसदी मैनेजमेंट फीस और कभी-कभी परफॉर्मेंस फीस के बेस पर होती है. टैक्स नियम थोड़े जटिल होते हैं. PMS में पारदर्शिता म्यूचुअल फंड के मुकाबले कम होती है क्योंकि इसके डाटा आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं होते.

पीएमएस सेवाएं देने वाली मुख्य कंपनियां कौन-कौन हैं?

इस सेक्टर में यह प्रमुख कंपनियां हैं जो अपने ग्राहकों को पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सेवाएं प्रदान करती हैं. इनमें ICICI Bank, Kotak Bank, HDFC Bank, Axis Bank, Edelweiss और Orbis शामिल हैं.

एक यूजर ने 932 PMS स्कीम्स का विश्लेषण करके अहम बात बताई

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इस पर एक यूजर ने दावा किया कि उसने 932 PMS स्कीम्स का विश्लेषण किया और पाया कि इनमें से 47 फीसदी स्कीम्स ने पिछले 5 सालों में एक सामान्य फ्लेक्सीकैप म्यूचुअल फंड से भी कम रिटर्न दिया. इसके अलावा, PMS में टैक्स को लेकर भी नुकसान होता है, जिससे रिटर्न और कम हो जाता है. सच यह है कि बहुत ही कम PMS स्कीमें टैक्स के बाद अच्छा रिटर्न देती हैं, और उन्हें पहचान पाना भी आसान नहीं होता.

क्या कहती है रिपोर्ट (pmsaifworld के मुताबिक)

सोर्स- pmsaifworld

हमारी पड़ताल में पता चला कि PMS ने 5 साल में 20 फीसदी से लेकर 32 फीसदी तक का रिटर्न दिया है. मतलब 5-7 फीसदी CAGR का रिटर्न दिया है.

निवेशक कहां करें रुख?

आज के समय में म्यूचुअल फंड 35 फीसदी तक रिटर्न दे रहे हैं, जो उसकी तुलना में PMS से मिलने वाला रिटर्न से कहीं ज्यादा है. हाल में ही Motilal Oswal Midcap Fund ने 37 फीसदी तक का रिटर्न दिया है. इसकी तुलना में जिस निवेशक ने ट्वीट किया उसे PMS ने 6.9 फीसदी सालाना रिटर्न दिया है, ऊपर से 1-2 फीसदी फीस देने के बाद. वहीं FD 7 बिना रिस्क के 7 फीसदी तक रिटर्न देता है.

आखिरी अहम बात

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.