8वें वेतन आयोग में बड़ा बदलाव संभव, सरकारी कर्मचारियों को मिल सकती है प्राइवेट जैसी सैलरी! हो गई है यह अहम सिफारिश

8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) से संकेत मिला है कि सरकार अब सरकारी कर्मचारियों की सैलरी को प्राइवेट सेक्टर के बराबर करने पर विचार कर रही है. इसका मकसद है कि सरकारी नौकरी को अधिक अट्रैक्टिव और कंपीटेटिव बनाया जाए. साथ ही, नई स्ट्रक्चर में कार्यकुशलता (efficiency), जवाबदेही (accountability) और जिम्मेदारी (responsibility) पर भी जोर दिया जाएगा, ताकि सरकारी विभागों की प्रोडक्टिविटी बढ़ सके.

सरकार सरकारी कर्मचारियों की सैलरी को प्राइवेट सेक्टर के बराबर करने पर विचार कर रही है. Image Credit: Getty image

8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है. वित्त मंत्रालय ने हाल ही में 8वें सेंट्रल पे कमीशन (8th CPC) के लिए टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) जारी किए हैं, जिसमें इस बार फोकस सिर्फ वेतन बढ़ोतरी पर नहीं, बल्कि सरकारी नौकरी को ज्यादा अट्रैक्टिव और कंपीटेटिव बनाने पर है. इससे संकेत मिलता है कि नई सैलरी स्ट्रक्चर प्राइवेट सेक्टर के स्तर तक पहुंच सकती है. सरकार का मकसद अब यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी नौकरी सिर्फ एक “सुरक्षित विकल्प” न रहकर, बेहतरीन अवसर और उच्च सैलरी वाला करियर बने. अगर आयोग की सिफारिशें लागू होती हैं, तो आने वाले वर्षों में सरकारी कर्मचारियों की सैलरी प्राइवेट सेक्टर के लेवल पर पहुंच सकती है.

टैलेंट को आकर्षित करने पर फोकस

8वें वेतन आयोग को दिए गए निर्देशों में साफ कहा गया है कि उसका मकसद ऐसा सैलरी स्ट्रक्चर तैयार करना है जो प्रतिभाशाली और कुशल लोगों को सरकारी सर्विस की ओर अट्रैक्ट करे. यानी अब सरकारी नौकरी सिर्फ परमानेंट नहीं, बल्कि करियर ग्रोथ और बेहतर वेतन के लिए भी जानी जा सकती है.

सैलरी स्ट्रक्चर होगा प्राइवेट के बराबर

ToR के मुताबिक, आयोग को इस बात पर विचार करना है कि सरकारी कर्मचारियों की सैलरी प्राइवेट सेक्टर के बराबर या करीब लाई जा सके, खासकर उन पदों के लिए जहां विशेष स्किल की जरूरत होती है. इसका मतलब यह है कि IT, डेटा, इंजीनियरिंग, विज्ञान या प्रशासन जैसे क्षेत्रों में काम करने वालों को ज्यादा फायदा मिल सकता है.

स्किल और जिम्मेदारी पर जोर

नई सिफारिशों में efficiency (कार्यकुशलता), accountability (जवाबदेही) और responsibility (जिम्मेदारी) पर भी जोर दिया गया है. सरकार चाहती है कि वर्क कल्चर में बदलाव लाकर सरकारी विभागों को ज्यादा रिजल्ट ओरिएंटेड बनाया जाए.

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परफॉर्मेंस बोनस की योजना

8वें वेतन आयोग को यह भी कहा गया है कि वह मौजूदा बोनस सिस्टम की समीक्षा करे और नई इंसेंटिव स्कीम तैयार करे ताकि कर्मचारियों को बेहतर प्रदर्शन और प्रोडक्टिविटी के आधार पर पुरस्कृत किया जा सके. जहां 7वें वेतन आयोग का फोकस सैलरी स्ट्रक्चर को आसान और तर्कसंगत बनाने पर था, वहीं 8वां आयोग प्रदर्शन, कंपटीशन और प्राइवेट सेक्टर जैसी प्रोफेशनल कल्चर पर ध्यान देगा.