Income Tax Act 2025: अब टैक्स रिफंड और देरी पर भी मिलेगा ब्याज; जानें नए नियम के तहत कब और कैसे मिलेगा पैसा

Income Tax Act 2025 अगले साल लागू होगा और इससे रिफंड नियम ज्यादा साफ और आसान होंगे. सेक्शन 431 से 438 के अनुसार रिफंड तभी मिलेगा जब भरा हुआ टैक्स आपकी रियल टैक्स लायबिलिटी से ज्यादा हो और ITR फाइल किया गया हो. देरी होने पर रिफंड पर 0.5 फीसदी मासिक ब्याज भी मिलेगा.

Income Tax Act 2025 में रिफंड नियम ज्यादा साफ और आसान होंगे. Image Credit: Money9live/Canva

Income Tax Act 2025 एक अप्रैल 2026 से लागू होने जा रहा है और यह पुराने Income Tax Act 1961 की जगह लेगा. नए कानून में टैक्सपेयर्स पर सीधे असर डालने वाले बदलाव भले ही कम हों, लेकिन रिफंड से जुड़ी प्रक्रिया अब और स्पष्ट और सरल हो जाएगी. नए नियमों में यह बताया गया है कि किस स्थिति में टैक्स रिफंड मिलेगा, कब रिफंड पर ब्याज देय होगा और उसकी कैलकुलेशन कैसे की जाएगी. नया कानून सेक्शन 431 से 438 तक रिफंड प्रक्रिया को कवर करता है.

Income Tax Refund कब मिलेगा

नए कानून के सेक्शन 431 और 433 के अनुसार अगर किसी taxpayer ने जितना टैक्स भरा है वह उसकी टैक्स लायबिलिटी से ज्यादा है तो उसे रिफंड मिलेगा. इसके लिए taxpayer को ITR दाखिल करना जरूरी है. यानी रिफंड केवल वही ले सकता है जिसने रिटर्न फाइल किया है.

स्पेशल केस में रिफंड की सुविधा

सेक्शन 432 के तहत कुछ खास स्थितियों में अलग तरीके से रिफंड मिलेगा.

रिफंड पर इंटरेस्ट मिलेगा या नहीं

सेक्शन 437 के अनुसार रिफंड में देरी होने पर टैक्सपेयर्स को इंटरेस्ट भी मिलेगा. ब्याज प्रति महीने 0.5 फीसदी की दर से दिया जाएगा. यानी जितनी देरी उतना ब्याज. यह इंटरेस्ट सिंपल बेसिस पर गिना जाएगा.

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इंटरेस्ट की कैलकुलेश कैसे होगी

अगर रिफंड TCS, एडवांस टैक्स या धारा 390 के तहत जमा टैक्स से बनता है तो इंटरेस्ट दो स्थितियों में तय होगा.

Refund Section 266 के तहत हो तो नियम अलग

यदि refund Section 266 के तहत भरे गए टैक्स से बनता है तो इंटरेस्ट उस दिन से गिना जाएगा जिस दिन रिटर्न फाइल किया गया या टैक्स भरा गया जो भी डेट बाद की होगी. इंटरेस्ट रिफंड जारी होने तक मिलेगा. 10 फीसदी से कम रिफंड पर इंटरेस्ट नहीं मिलेगा. तो वहीं, सेक्शन 437(2) के अनुसार अगर रिफंड राशि कुल टैक्स लायबिलिटी के 10 फीसदी से कम है तो ब्याज नहीं दिया जाएगा. यानी छोटी राशि के रिफंड पर इंटरेस्ट लागू नही होगा.

रिफंड पर भी इंटरेस्ट मिलेगा

अगर टैक्सपेयर्स की एप्लीकेश परएसेसिंग ऑफिसर कोई ऑर्डर पास करता है और रिफंड जेनरेट होता है तो ऐसे रिफंड पर भी 0.5 फीसदी मासिक ब्याज मिलेगा. यह इंटरेस्ट एप्लीकेशन डेट से रिफंड क्रेडिटेड होने तक लागू रहेगा.

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