क्या होम लोन के साथ क्लेम कर सकते हैं HRA, जानें किस टैक्स रिजीम में कैसे मिलेगा फायदा
Income Tax Return: HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस एक ऐसा अलाउंस है जो कंपनियां अपने कर्मचारियों को किराए के मकान का खर्चा उठाने में मदद करने के लिए देती हैं. पुराने टैक्स सिस्टम में HRA पर टैक्स छूट मिलती है, लेकिन नए टैक्स सिस्टम में नहीं.
ITR HRA: सैलरी में एक बड़ा और महत्वपूर्ण हिस्सा HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस का होता है. ये एक ऐसा अलाउंस है जो कंपनियां अपने कर्मचारियों को किराए के मकान का खर्चा उठाने में मदद करने के लिए देती हैं. लेकिन इसकी एक और खास बात है ये आपके टैक्स को कम करने में भी मदद करता है. पुराने टैक्स सिस्टम में तो ये काफी फायदेमंद है ही लेकिन क्या नए रिजीम में भी फायदा मिलता है? HRA और होम लोन दोनों पर छूट मिलती है? कैसे कैलकुलेशन होता है? यहां आपको HRA से जुड़े हर सवाल का जवाब मिलेगा.
क्या नए टैक्स सिस्टम में HRA पर छूट मिलती है?
नहीं, नए टैक्स सिस्टम में HRA पर कोई टैक्स छूट नहीं मिलती. सिर्फ HRA ही नहीं, इनकम टैक्स को लेकर मिलने वाली कई दूसरी तरह की छूट भी नए रिजीम में नहीं मिलती जैसे-
- यात्रा भत्ता (Leave Travel Concession)
- स्पेशल अलाउंस (जैसे बच्चों की पढ़ाई, हॉस्टल, यूनिफॉर्म आदि)
- होम लोन पर ब्याज (Section 24b)
- पारिवारिक पेंशन से मिलने वाला फायदा
- 80C, 80D जैसी धारा के तहत मिलने वाली अधिकतर छूटें (सिर्फ 80CCD(2) को छोड़कर)
क्या HRA और होम लोन दोनों पर टैक्स छूट मिल सकती है?
हां, पुराने टैक्स सिस्टम में आप दोनों का फायदा ले सकते हैं. यानी HRA पर टैक्स छूट भी और होम लोन के ब्याज पर डिडक्शन भी ले सकते हैं. ये स्थिति तब होती है जब कोई व्यक्ति किसी और शहर में किराए के मकान में रह रहा होता है, लेकिन उसी समय उसका खुद का घर कहीं और होता है, जिस पर वो लोन चुका रहा होता है. कभी-कभी वो घर उनके परिवार के लोग इस्तेमाल कर रहे होते हैं. अगर आपके पास इसका सही कारण और दस्तावेज हैं, तो आप दोनों छूट क्लेम कर सकते हैं. एक और उदाहरण मान लीजिए कि आपने खुद का घर किराए पर दे दिया है और खुद ऑफिस के पास किराए के घर में रहते हैं. तब भी दोनों टैक्स फायदे मिल सकते हैं, लेकिन किराए से मिलने वाली इनकम को टैक्स रिटर्न में दिखाना जरूरी है.
HRA टैक्स छूट कैसे कैलकुलेट होता है
पुराने टैक्स सिस्टम में HRA छूट का कैलकुलेशन एक तय फॉर्मूले से होता है. तीन चीजों में से जो भी सबसे कम हो, वही छूट मिलती है:
- जो HRA आपको कंपनी से मिला
- अगर आप मेट्रो सिटी में रहते हैं तो सैलरी का 50% वरना 40%
- साल भर में दिए गए किराए से सैलरी का 10% घटाने के बाद जो रकम बचे
यहां पर सैलरी का मतलब सिर्फ बेसिक सैलरी होता है. अगर डीए मिलता है और वो रिटायरमेंट का हिस्सा है, तो उसे भी जोड़ा जाता है.
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HRA छूट के लिए ये दस्तावेज जरूरी होते हैं
छूट पाने के लिए इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है-
- रेंट एग्रीमेंट
- किराए की रसीद
- मकान मालिक का PAN (अगर सालाना किराया 1 लाख से ज्यादा है)
- किराए के पेमेंट करने के सबूत (खासकर जब आप रिश्तेदार को किराया दे रहे हों)
- अगर किराया 50,000 रुपये प्रति माह से ज्यादा है, तो TDS की कटौती भी दिखानी होगी