IT प्रोफेशनल कर देते हैं ITR फाइलिंग में ये गलतियां, जिससे देना पड़ता है ज्यादा इनकम टैक्स, इस बार रखें ध्यान

Income Tax Return: टैक्स रिटर्न भरते समय कई गलतियां हो सकती हैं जिससे अधिक टैक्स देना पड़ सकता है. सही टैक्स रिजीम चुनना, डिडक्शन का फायदा उठाना और टैक्स प्लानिंग करना जरूरी है ताकि आप टैक्स की बचत कर सकें.

ITR फाइलिंग Image Credit: Money9live/Canva

Income Tax: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त कई बार ऐसी गलतियां भी होती है जिसकी वजह से आप जरूरत से ज्यादा टैक्स भर देते हैं. हाल ही में 1 फाइनेंस के एक सर्वे में पाया गया कि 68% आईटी प्रोफेशनल्स ने औसतन 49,094 रुपये की टैक्स बचत का मौका गंवा दिया. यानी ज्यादा टैक्स दे दिया. अगर आप सीए से आईटीआर फाइल करवा रहे हैं तो भी इन गलतियों को समझ लें नहीं तो टैक्स बचत का मौका गंवा बैठेंगे और ज्यादा पैसा कट जाएगा. इसकी वजह साफ है कि आपकी टैक्स प्लानिंग कमजोर है और टैक्स डिडक्शन के बारे में आपकी जानकारी अधूरी है.

गलत टैक्स रिजीम चुनना

कई ऐसे सर्वे आते रहते हैं कि कई लोग गलत टैक्स रिजीम चुन लेते हैं या फिर बस डिफॉल्ट सेटिंग पर रह जाते हैं या बिना कैलकुलेशन के कोई फैसला कर लेते हैं.

पुरानी vs नई टैक्स रिजीम: बेसिक फर्क

पुरानी रिजीम में HRA, 80C, 80D जैसे कई डिडक्शन मिलते हैं. नए रिजीम में ज्यादातर डिडक्शन नहीं मिलते और कई लोग ये फर्क समझे बिना ही नया रिजीम चुन लेते हैं. वहीं कुछ लोग मार्च आते-आते जल्दी में टैक्स डिक्लेरेशन कर देते हैं और किसी टैक्स एडवाइजर से सलाह नहीं लेते है जिससे उन्हें नुकसान होता है.

डिडक्शन और फायदे

कॉरपोरेट NPS

अधिकतर लोग कॉरपोरेट NPS का फायदा नहीं उठाते, क्यों? क्योंकि जानकारी की कमी है. दरअसल कॉरपोरेट NPS कंपनी द्वारा ऑफर किया जाने वाला रिटायरमेंट स्कीम है. इसमें आप 80C के फायदे लेने के अलावा 80CCD(2) के तहत 50,000 अतिरिक्त टैक्स भी बचा सकते हैं. इससे लॉन्ग टर्म रिटायरमेंट सेविंग्स भी बनती हैं और टैक्स डिफर का भी फायदा मिलता है.

कानूनी गड़बड़ियां

सिर्फ डिडक्शन ही नहीं खुद टैक्स रिटर्न भरने से कई बार कानूनी गलती भी हो जाती है. जैसे:

बस ये ध्यान रखें…

एक बार किसी टैक्स एडवाइजर या फाइनेंशियल प्लानर से मिलकर बात करें. आप कई ऐसी बचतें जान पाएंगे, जिनका आपने अब तक फायदा नहीं उठाया.