स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स की ब्याज दर पर सरकार का बड़ा फैसला, जानें- PPF से लेकर सुकन्या समृद्धि तक का इंटरेस्ट रेट

Small Savings Scheme Interest Rate: रेपो रेट में कटौती के जवाब में बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर कम कर दी है. इसके बाद चर्चा थी कि सरकार छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में भी कटौती कर सकती है. सरकार स्मॉल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दर समीक्षा हर तीन महीने पर करती है.

स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स की ब्याज दर. Image Credit: Getty image

Small Savings Scheme Interest Rate: केंद्र सरकार ने एक बार फिर से सुकन्या समृद्धि योजना और पब्लिक प्रोविडेंड फंड जैसी स्मॉल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही के दौरान निवेशकों को पुरानीदर पर ही ब्याज का लाभ मिलेगा. सरकार स्मॉल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दर समीक्षा हर तीन महीने पर करती है.

पिछली तिमाही की दरें बरकरार

वित्त मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही के लिए विभिन्न स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स पर ब्याज दरें 1 जुलाई 2025 से शुरू होकर 30 सितंबर 2025 को समाप्त होंगी, जो वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (1 अप्रैल, 2025 से 30 जून, 2025) के लिए अधिसूचित दरों से अपरिवर्तित रहेंगी.

सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर

नोटिफिकेशन के अनुसार, सुकन्या समृद्धि योजना के तहत जमा पर 8.2 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा. जबकि तीन साल की फिक्स्ड डिपॉजिट पर 7.1 फीसदी की ब्याज दर बरकरार रहेगी. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और डाकघर बचत जमा योजनाओं की ब्याज दरें भी क्रमश: 7.1 फीसदी और 4 फीसदी पर बरकरार रखी गई हैं.

किसान विकास पत्र

किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 7.5 फीसदी होगी और निवेश 115 महीनों में मैच्योर होंगे. जुलाई-सितंबर 2025 की अवधि के लिए नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) पर ब्याज दर 7.7 फीसदी पर बनी रहेगी. मौजूदा तिमाही की तरह, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान मंथली इनकम स्कीम में निवेश राशि पर 7.4 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा.

साथ ही डाकघरों और बैंकों के जरिए ऑपरेट होने वाली छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर में भी बदलाव नहीं किया गया है. सरकार ने पिछली बार 2023-24 की चौथी तिमाही के लिए कुछ योजनाओं में बदलाव किया था.

रेपो रेट में कटौती

केंद्रीय बैंक ने सबसे पहले फरवरी में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की. फिर अप्रैल में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई और जून में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती हुई. अब तक केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 1 फीसदी की कटौती की है. रेपो रेट में कटौती के जवाब में बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर कम कर दी है. इसके बाद चर्चा थी कि सरकार छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में भी कटौती कर सकती है. हालांकि, सरकार ने जून तिमाही के लिए पुरानी दर को ही बरकरार रखा है.

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