India-USA Trade Deal: कृषि उत्पादों को लेकर भारत ने कड़ा किया रुख, 9 जुलाई को फट सकता है टैरिफ बम!

भारत-अमेरिका के बीच ट्रंप के टैरिफ ऐलान से भी पहले से व्यापार पर समझौते को लेकर बात हो रही है. इस बातचीत में भारत का रुख साफ रहा है कि अपने हितों के साथ समझौता किए बिना ही अमेरिका के साथ कोई सौदा हो सकता है. फिलहाल, दोनों देशों के बीच कृषि उत्पादों पर मतभेद है.

भारत अमेरिका में टैरिफ पर तकरार Image Credit: Getty Images/Canva

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ प्लान टाइम बॉम्ब की तरह डरा रहा है. 2 अप्रैल को ऐलान के बाद ट्रंप ने इस प्लान को 90 दिन के लिए पॉज कर दिया था. लेकिन, अब जुलाई का महीना आते ही इस पॉज की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. क्योंकि, 90 दिन की अवधि 9 जुलाई को पूरी हो रही है. यह पॉज आगे जारी रहेगा या नहीं इसे लेकर अभी ट्रंप और उनके प्रशासन की तरफ से कुछ भी साफ नहीं किया गया है. ऐसे में हर गुजरते दिन के साथ टैरिफ पर तनाव बढ़ता जा रहा है.

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर चल रही बातचीत में भारत ने कृषि उत्पादों को लेकर अपना रुख कड़ा कर दिया है. अमेरिका चाहता है कि उसकी कंपनियों को भारत में कृषि और डेयरी उत्पादों को बेचने की छूट दी जाए. जबकि भारत ने अपने किसानों की आजीविका को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे रुख कड़ा कर लिया है, जिससे बातचीत में गतिरोध बना हुआ है.

वाशिंगटन में मौजूद भारतीय अधिकारी

रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से दावा किया गया है कि वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल की अध्यक्षता में भारतीय दल अमेरिका के साथ अंतरिम व्यापार समझौते पर बातचीत को लेकर वाशिंगटन में मौजूदा है. बातचीत को अंतिम रूप देने के लिए भारतीय दल अभी वहां कुछ और दिन रुक सकता है. दोनों ही पक्ष समझौते को नौ जुलाई से पहले अंतिम रूप देना चाहते हैं. क्योंकि, अगर ऐसा नहीं होता है, तो 26 फीसदी टैरिफ अमल में आ जाएगा.

फिलहाल अंतरिम समझौता होगा

रिपोर्ट में एक अन्य अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि वाणिज्य मंत्रालय ने घरेलू निर्यातकों और उद्योगों को सूचित किया है कि प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते का यह पहला चरण है. इस दौरान एक अंतरिम समझौता किया जाएगा, इसके बाद बातचीत के अगले चरण जारी रहेंगे. इसके साथ ही अधिकारियों का कहना है कि अगर कोई अंतरिम समझौता नहीं होता है, तो उस सूरत में 26 फीसदी टैरिफ लागू होगा.

अब तक किसी के लिए नहीं दी छूट

रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका भारतीय बाजार में शुल्क मुक्त कृषि और डेयरी उत्पाद बेचने की छूट चाहता है. जबकि, भारत ने दो टूक कह दिया है कि इस मामले में भारत कोई समझौता नहीं करेगा. क्योंकि, भारत के करोड़ों किसान आज भी आजीविका के लिए खेती और कृषि पर निर्भर हैं. ऐसे में इस क्षेत्र को अमेरिकी कंपनियों के खोलना संभव नहीं है. भारत ने अमेरिकी अधिकारियों के सामने यह भी साफ कर दिया है कि अब तक भारत ने जितने भी समझौते किए हैं, उनमें से किसी भी समझौते में कृषि और डेयरी क्षेत्र को नहीं खोला गया है.