फिर रफ्तार के एक्सप्रेसवे पर लौटेगा टाटा मोटर्स का शेयर? ऐसे बैरियर ने यूटर्न को किया था मजबूर

Tata Motors Share Outlook: गाड़ियां बिकती गईं, शेयर चलता गया और एक दिन 1000 रुपये के आंकड़े को पार कर लिया. निवेशकों की बल्ले-बल्ले हो गई. लेकिन फिर एक स्पीडब्रेकर आया. रफ्तार धीमी हुई और फिर धीमी ही होती चली गई. अब आने वाले दिनों में टाटा मोटर्स के शेयरों की चाल कैसी रहने वाली है, एक्सपर्ट से जान लीजिए.

टाटा मोटर्स शेयर आउटलुक. Image Credit: AI

Tata Motors Share Outlook: पिछले साल की बात है. टाटा मोटर्स के शेयर ने दलाल स्ट्रीट पर ठीक उसी रफ्तार के साथ ऊपर उड़ान भरी, जिस स्पीड से उसकी गाड़ियों की संख्या देश की सड़कों पर बढ़ी. गाड़ियां बिकती गईं, शेयर चलता गया और एक दिन 1000 रुपये के आंकड़े को पार कर लिया. निवेशकों की बल्ले-बल्ले हो गई. लेकिन फिर एक स्पीडब्रेकर आया. रफ्तार धीमी हुई और फिर धीमी ही होती चली गई. चूंकि सेल्स ने शेयर में फ्यूल भरा था, जैसे ही इसके आंकड़े नीचे की तरफ लुढ़के, शेयर ने हरे रंग से निकालकर खुद को लाल रंग में रंग लिया. अब टाटा मोटर्स के शेयरधारक इस इंतजार में हैं कि आखिर फिर से कब इसमें तेजी आएगी. भविष्य में इसका प्रदर्शन कैसा रहेगा. क्या अभी इसमें और गिरावट आने वाली है. आइए टाटा मोटर्स के शेयर का हिसाब-किताब समझ लेते हैं.

सुस्त हो गया है शेयर

टाटा मोटर्स का शेयर थोड़ा सा सुस्त हो गया है. अगस्त 2024 में शेयर ने 1179 रुपये का अपना हाई हिट किया था. फिर इसके बाद शेयर पिछले 4 महीनों से 742-740 तक जाता है, लेकिन वहां से वापस लौट आता है और अब तो हालत ये हो गई है कि 700 के पार टिके रहना भी इसके लिए थोड़ा सा मुश्किल हो गया है.

टाटा मोटर्स ने मई 2025 में 70,187 यूनिट की कुल बिक्री दर्ज की थी, जो मई 2024 में 76,766 यूनिट से 9 फीसदी साल-दर-साल आधार पर कम थी.

शेयर के इस हालात के पीछे हैं कई फैक्टर्स

ग्लोबल मार्केट में टैरिफ लगा. अमेरिका ने टैरिफ लगाया, तो सबसे अधिक टाटा मोटर्स पर असर पड़ा. क्योंकि कंपनी का एक्सपोज़र अमेरिका में भी है. इसके अलावा चीन और यूरोप में भी कंपनी कारोबार करती है. इन सभी जियोग्राफी में कंपनी को झटका लगा. इसलिए टाटा मोटर्स का शेयर थोड़ा सा फंसा हुआ नजर आ रहा है. कंपनी ने जगुआर लैंड रोवर के मार्जिन भी घटा दिए हैं. हाल ही में एक एनालिस्ट कॉल आई थी, जिसमें बताया गया कि जेएलआर के मार्जिन घटा दिए गए हैं. इसे 10 फीसदी से घटाकर 5-7 फीसदी इस साल के लिए कर दिया गया है. यानी मार्जिन आधा ही रह जाएगा. इसका मतलब है कि इस वित्तीय वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही थोड़ी खराब रह सकती है.

फ्री कैश फ्लो

इसके अलावा फ्री कैश फ्लो की गाइडेंस को 180 करोड़ पाउंड से निल कर दिया गया है. यानी कि इस साल में फ्री कैश फ्लो आएगा ही नहीं. फ्री कैश फ्लो (FCF) उस नकदी को दर्शाता है, जो कंपनी अपने ऑपरेशनल खर्च और कैपिटल एक्सपेंडिचर को कवर करने के बाद जेनरेट करती है. अनिवार्य रूप से निवेश, कर्ज चुकौती या शेयरधारक रिटर्न जैसे उपयोग के लिए उपलब्ध नकदी होती है. यह किसी कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य और फंड ग्रोथ देने या शेयरहोल्डरों को वैल्यू बांटने की उसकी क्षमता का एक महत्वपूर्ण इंडिकेटर है.

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खराब रह सकती है तिमाही

इसके अलावा कहा गया है कि अमेरिका में एक्सपोर्ट रोके जाने से JLR के लिए यूरोप में भी पहली तिमाही खराब रह सकती है. चीन में करीब 50 फीसदी ऑटो डीलर्स ने अपने बिजनेस बंद कर दिए हैं. चीन कंपनी का दूसरा बड़ा मार्केट था, जहां पर कि ऑटो डीलर्स ने अपना दुकान ही बंद कर दी है. करीब 4400 ऑटो डीलर्स ने अपनी शॉप बंद कर दी है. यानी कि टैरिफ का असर ना सिर्फ अमेरिका में पड़ रहा है, बल्कि इसमें चीन का ऑटो सेक्टर भी झुलस रहा है. हाल ही में चीन की कंपनियों ने गाड़ियों की कीमतों में कटौती की थी. प्राइसिंग प्रेशर वहां पर भी दिख रहा है.

क्यों फंसा है रेंज में?

  • ग्लोबल मार्केट में टैरिफ लगने से बुरा असर.
  • JLR के मार्जिन्स गाइडेंस घटाने का असर.
  • JLR की मार्जिन गाइडेंस 10% से घटाकर 5-7% की.
  • चीन-अमेरिकी मार्केट में बिक्री पर बुरा असर.
  • FCF गाइडेंस 180 करोड़ पाउंड से घटाकर Nil की.
  • पाउंड के मुकाबले डॉलर की कमजोरी से मार्जिन्स घटेंगे.

कब तक ट्रैक पर होगी वापसी?

एनालिस्ट कॉल में कहा गया कि लागत को कम करने की कोशिश की जा रही है और मार्जिन पर फोकस भी है. कॉस्ट कटिंग से कंपनी सालाना करीब 140 करोड़ पाउंड बचाने का टारगेट कर रही है. अगर ऐसा हो पाता है, तो फिर अक्टूबर के बाद यानी कि Q3, Q4 से मार्जिन दोबारा 10 फीसदी हो जाएगा. इसलिए निवेशकों को थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि कंपनी खुद कह रही है कि वो तीसरी तिमाही में अपने पुराने मार्जिन पर लौट पाएगी.

ये फैक्टर्स सुधार देंगे टाटा मोटर्स की सेहत

इस साल कंपनी अपने विस्तार पर खर्च में कोई कटौती नहीं कर रही है. 380 करोड़ पाउंड यूरोप में विस्तार पर करेगी. अमेरिका और ब्रिटेन के बीच होने वाले ट्रेड डील से कंपनी को काफी राहत मिलने वाली है, क्योंकि अमेरिका का सबसे पहला एग्रीमेंट ब्रिटेन के साथ ही बना है. जब डील हो जाएगी पूरी तरह से तो टाटा मोटर्स को राहत मिल जाएगी. अगर अमेरिका के साथ यूरोप की डील होती है तो कंपनी का एक बड़ा मार्केट बच जाएगा. अमेरिका भी और यूरोप भी. साथ ही अगर देखें तो FY26-27 में अनुमानित अर्निंग पर शेयर (EPS) करीब 46 रुपये है और अगले साल 52 रुपये होने का अनुमान है. मोतीलाल ओसवाल ने टाटा मोटर्स के शेयर पर न्यूट्रल राय के साथ 690 रुपये का टारगेट दिया है.

टाटा मोटर्स के लिए ट्रिगर्स

  • लागत कम करके मार्जिन बढ़ाने पर करेगी फोकस.
  • लागत कम कर सालाना 140 करोड़ पाउंड बचाने का लक्ष्य.
  • अक्टूबर के बाद दोबारा मार्जिन्स 10% पर लौटेंगे.
  • इस साल 380 करोड़ पाउंड विस्तार पर खर्च करेगी.
  • अमेरिकी-ब्रिटेन ट्रेड डील से मिलेगी राहत.
  • अमेरिका-यूरोप के बीच जल्द डील की उम्मीद.

टाटा मोटर्स के शेयर का टारगेट प्राइस

लक्ष्मीश्री सिक्योरिटीज के HoR अंशुल जैन ने टाटा मोटर्स के शेयर पर अपनी राय दी है. उन्होंने कहा कि जितनी भी खराब खबरें थीं, मार्केट पहले ही भांप चुका था. तभी टाटा मोटर्स का शेयर 1168 से 531 रुपये तक आया. लेकिन अब खराब चीजें निकल गई हैं. अब एक्यूमुलेशन शुरू हुआ है. मार्जिन धीरे-धीरे सुधरती जाएगी और बॉटम लाइन पे उसका पॉजिटिव इंपैक्ट आएगा. तब तक इंस्टिट्यूशन बहुत सारा माल एक्यूमुलेट कर चुका होगा और स्टॉक ऊपर चलना स्टार्ट कर देगा. इसलिए धीरे-धीरे एक्यूमुलेट कीजिए.अंशुल जैन ने कहा कि हो सकता है कि स्टॉक 730 रुपये पर एक बार अटके, लेकिन ये 810 रुपये तक जाएगा.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक में निवेश की सलाह नहीं देता है. यह सामग्री केवल सूचना के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है और इसे निवेश सलाह या सिफारिश के रूप में न माना जाए. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें. बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन होता है.