चीन पर निर्भरता खत्म! EV के लिए गुरुग्राम की ये कंपनी बनाएगी रेयर अर्थ मैग्नेट्स; जल्द शुरू होगा प्रोडक्शन
रेयर अर्थ मैग्नेट्स के सबसे बड़े आयातकों में शामिल Sona Comstar अब भारत में ही इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए जरूरी कंपोनेंट्स का उत्पादन शुरू करने जा रही है. चीन की आपूर्ति बाधाओं और सरकार की घरेलू उत्पादन नीति को देखते हुए कंपनी ने यह रणनीतिक कदम उठाया है. जानें कंपनी और शेयर के बारे में.

Rare Earth Magnets and Sona Comstar: देश की सबसे बड़ी रेयर अर्थ मैग्नेट इंपोर्ट करने वाली कंपनी Sona Comstar अब भारत में ही इन जरूरी कंपोनेंट्स का प्रोडक्शन शुरू करने जा रही है. यह कदम चीन की ओर से एक्सपोर्ट पर लगाए गए नए प्रतिबंधों और भारत सरकार की घरेलू प्रोडक्शन को बढ़ावा देने वाली योजनाओं को देखते हुए उठाया गया है. कंपनी के इस कदम के बाद रेयर अर्थ मैग्नेट को लेकर भारत में आने वाली तमाम दिक्कतों को सहारा मिल सकता है.
चीन की पकड़ और भारत की तैयारी
दुनिया भर में रेयर अर्थ मैग्नेट के कुल प्रोडक्शन का लगभग 90 फीसदी हिस्सा चीन के पास है. लेकिन हाल ही में चीन ने इन मैग्नेट्स के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिए हैं, जो अमेरिका और बाकी देशों के लिए चिंता का विषय बन गया है. इसके जवाब में दुनियाभर की कंपनियां और सरकारें अब अल्टरनेटिव सोर्स की तलाश में जुट गई हैं. भारत, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार है और रेयर अर्थ एलिमेंट्स के भंडार में पांचवें स्थान पर है, अब इन मैग्नेट्स के घरेलू उत्पादन के लिए नई इंसेंटिव स्कीम लाने की तैयारी में है.
पहली पहल करने वाली कंपनी बनी Sona Comstar
गुरुग्राम की कंपनी Sona BLW Precision Forgings (Sona Comstar) भारत की पहली कंपनी है जिसने सरकार की इस योजना के पब्लिक होने के बाद देश में मैग्नेट बनाने की योजना का ऐलान किया है. कंपनी के CEO विवेक विक्रम सिंह ने रॉयटर्स से बातचीत में बताया, “हम भारत में रेयर अर्थ मैग्नेट्स के सबसे बड़े इंपोर्टर हैं, इसलिए इस बदलाव से सबसे ज्यादा प्रभावित भी हम ही हैं. अब वक्त है कि भारत इन मैग्नेट्स में आत्मनिर्भर बने और हम सरकार के साथ इस दिशा में काम कर रहे हैं.”
निवेश की तैयारी पूरी
Sona Comstar ने पिछले वित्तीय वर्ष में चीन से 120 मीट्रिक टन मैग्नेट्स का आयात किया था और मौजूदा साल में यह आंकड़ा 200 टन तक पहुंचने का अनुमान है. यह मैग्नेट्स कंपनी की इलेक्ट्रिक व्हीकल्स यूनिट की मांग को पूरा करने में इस्तेमाल होते हैं, जो कंपनी की कुल आमदनी का लगभग एक-तिहाई हिस्सा हैं. सिंह ने कहा कि कंपनी के पास स्थानीय निर्माण के लिए जरूरी वित्तीय संसाधन उपलब्ध हैं. पिछले पांच सालों में कंपनी की इनकम 5 गुना बढ़कर 400 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई है.
अंतरराष्ट्रीय विस्तार की भी योजना
फिलहाल, Sona Comstar की इनकम का 40 फीसदी हिस्सा अमेरिका से आता है, इसके बाद भारत और यूरोप आते हैं. हाल ही में कंपनी ने Escorts Kubota की रेलवे यूनिट को खरीदा है, जिससे उसका बिजनेस ऑटोमोबाइल से आगे बढ़कर रेलवे तक पहुंच गया है. इससे इस साल कंपनी की आमदनी में भारत की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा होने की उम्मीद है. भविष्य में कंपनी चीन, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में नए ग्राहक जोड़ने की प्लानिंग कर रही है.
नेतृत्व में बदला, लेकिन रणनीति बरकरार
जून में चेयरमैन सुंजय कपूर के आकस्मिक निधन से कंपनी के शेयरों में गिरावट देखी गई थी. हालांकि कंपनी ने अब जेफरी मार्क ओवरली को नया चेयरमैन नियुक्त कर दिया है. CEO सिंह का कहना है कि कंपनी की टीम इस दिक्कत से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और रणनीति में कोई बदलाव नहीं होगा. इससे इतर, कंपनी के शेयर की बात करें तो सोमवार, 30 जून को कंपनी के शेयर 0.44 फीसदी की बढ़त के साथ 481.50 रुपये पर कारोबार करते हुए बंद हुए.
पिछले 1 महीने में कंपनी ने अपने निवेशकों को 10.95 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न दिया है. वहीं 1 साल के दौरान निवेशकों को 25.61 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न मिला है. हालिया अपडेट के बाद कंपनी के शेयर में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है.
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