सरकारी Vs प्राइवेट कर्मचारी: NPS में सोना चांदी निवेश के नए नियम, जानें किसे मिलेगा ज्यादा मौका
PFRDA ने NPS में गोल्ड और सिल्वर ETF में निवेश की अनुमति दी है, लेकिन सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के लिए नियम अलग हैं. प्राइवेट सेक्टर के NPS फंड कुल पोर्टफोलियो का पांच फीसदी तक सोना और चांदी ETF में निवेश कर सकते हैं. वहीं सरकारी कर्मचारियों के लिए यह सीमा सिर्फ एक फीसदी रखी गई है.
NPS Gold Investment: NPS में निवेश करने वालों के लिए बड़ी खबर है. पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने अब NPS फंड को सोना और चांदी में निवेश की इजाजत दे दी है. यह निवेश सीधे नहीं बल्कि SEBI से मान्यता प्राप्त गोल्ड और सिल्वर ETF के जरिये होगा.हालांकि यहां सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए नियम अलग रखे गए हैं. यानी हर NPS सब्सक्राइबर को बराबर फायदा नहीं मिलेगा.अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं या प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं, तो यह जानना आपके लिए जरूरी है कि किसे कितना एक्सपोजर मिलेगा. आइए समझते हैं कि नए नियमों में आपके लिए क्या बदला है.
क्या है नया नियम
PFRDA ने NPS स्कीम में गोल्ड और सिल्वर ETF को शामिल करने की अनुमति दी है. इससे निवेशकों को कीमती मेटल्स में इनडायरेक्ट निवेश का मौका मिलेगा. यह निवेश सीधे सोना खरीदने जैसा नहीं होगा, बल्कि ETF के माध्यम से होगा. इससे पोर्टफोलियो में डॉयवर्सिफिकेशन आएगी और रिस्क बैलेंस बेहतर हो सकता है. लेकिन निवेश की लिमिट सभी के लिए समान नहीं रखी गई है. सरकारी और गैर सरकारी सेक्टर के लिए अलग-अलग कैप तय किया गया है.
प्राइवेट सेक्टर कर्मचारियों को क्या फायदा
गैर सरकारी यानी प्राइवेट सेक्टर के NPS सब्सक्राइबर को ज्यादा राहत दी गई है. इस कैटेगरी में पेंशन फंड अपने कुल फंड का 5 फीसदी तक सोना और चांदी ETF में निवेश कर सकते हैं. इससे प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी महंगाई और बाजार के उतार चढ़ाव से बेहतर तरीके से बचाव कर सकते हैं. लंबी अवधि में यह रिटायरमेंट कॉर्पस को स्थिरता दे सकता है. यानी यहां निवेश की आजादी थोड़ी ज्यादा है.
सरकारी कर्मचारियों के लिए क्या है लिमिट
सरकारी कर्मचारियों के NPS खाते के लिए नियम ज्यादा सख्त रखे गए हैं. सरकारी सेक्टर की स्कीम में सोना और चांदी ETF में निवेश सिर्फ 1 फीसदी तक ही हो सकता है. यह सीमा पूरे स्कीम के AUM पर लागू होगी. इसका मकसद सरकारी पेंशन फंड को ज्यादा सुरक्षित और कम जोखिम वाला बनाए रखना है. इसलिए सरकारी कर्मचारियों को यहां कम एक्सपोजर मिलेगा.
सरकारी NPS में इक्विटी निवेश के नियम
सरकारी कर्मचारियों के NPS फंड में इक्विटी निवेश की लिमिट 25 फीसदी तक है. इसमें Nifty 250 और BSE 250 इंडेक्स के शेयर शामिल होते हैं. लेकिन कुल इक्विटी निवेश का अधिकतर हिस्सा टॉप कंपनियों में लगाना जरूरी है. इसके अलावा इक्विटी म्यूचुअल फंड और इंडेक्स ETF में भी सीमित निवेश की अनुमति है. यह नियम रिस्क को कंट्रोल करने के लिए बनाए गए हैं.
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डेट और शार्ट टर्म निवेश का ढांचा
सरकारी NPS स्कीम में डेट इंस्ट्रूमेंट्स का हिस्सा काफी अहम है. कॉरपोरेट बॉन्ड बैंक डिपॉजिट और डेट म्यूचुअल फंड में निवेश की अनुमति है. हालांकि डेट म्यूचुअल फंड और डेट ETF की सीमा तय रखी गई है. शार्ट टर्म इंस्ट्रूमेंट्स जैसे ट्रेजरी बिल और कम अवधि के डिपॉजिट भी शामिल हैं. इससे फंड की लिक्विडिटी बनी रहती है.
निवेशकों के लिए क्या है सबसे जरूरी सीख
अगर आप प्राइवेट सेक्टर में हैं तो नए नियम आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हैं. आपको सोना और चांदी में अपेक्षाकृत ज्यादा निवेश का मौका मिलेगा. सरकारी कर्मचारियों के लिए सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है इसलिए लिमिट कम है. निवेश से पहले अपने सेक्टर और जोखिम प्रोफाइल को समझना जरूरी है. लंबी अवधि के रिटायरमेंट प्लान के लिए सही एसेट एलोकेशन ही सबसे बड़ी कुंजी है.