DII Vs FII: अब भारतीय निवेशक बने Market के नए King! DII Holdings रिकॉर्ड हाई पर, Mutual Fund और SIP ने बदला खेल
भारतीय निवेशकों ने इस बार वो कर दिखाया जो पहले कभी नहीं हुआ था. सितंबर तिमाही में घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की होल्डिंग रिकॉर्ड 18.26% तक पहुंच गई है, जबकि विदेशी निवेशकों (FII) की ओनरशिप घटकर 13 साल के निचले स्तर 16.71% पर आ गई. यानी अब भारतीय बाजार का असली इंजन बन चुका है Desi Money. SIPs, म्यूचुअल फंड्स और रिटेल इन्वेस्टर्स की लगातार बढ़ती ताकत ने विदेशी निवेश के पलायन के बावजूद बाजार को मजबूती दी है.
डेटा के मुताबिक, FIIs ने सितंबर तिमाही में ₹1.02 लाख करोड़ के शेयर बेचे, वहीं DIIs ने ₹2.21 लाख करोड़ के शेयर खरीदे. यही नहीं, म्यूचुअल फंड की ओनरशिप भी बढ़कर 10.9% तक पहुंच गई है, जो अब तक की सबसे ऊंची है. बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि घरेलू निवेशकों की लगातार निवेश करने की आदत ने भारत के शेयर बाजार को crash-proof बना दिया है. अब भारतीय निवेशक ही Sensex और Nifty की दिशा तय कर रहे हैं, और यह ट्रेंड आने वाले समय में और मजबूत होने वाला है.
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