GRSE Vs Cochin Vs Mazagon: जानें किस PSU का ऑर्डर बुक दमदार, कौन है समंदर का सरताज
तीन हैं सरकारी औऱ है बड़ा नाम. इसके साथ ही है एक सवाल- कौन है भारत का सबसे दमदार शिपयार्ड? किसी के पास है रिकॉर्ड ऑर्डर बुक, तो कोई बना रहा है नेवी का फ्यूचर शिप. पढ़िए पूरी रिपोर्ट जिसमें खुलेंगे मुनाफे, वैल्यूएशन और ग्रोथ के राज...
Best Shipyard Stock: देश की सुरक्षा से लेकर व्यापारिक जहाजों तक, भारत के तीन बड़े शिपयार्ड – Mazagon Dock Shipbuilders Ltd, Garden Reach Shipbuilders & Engineers Ltd (GRSE) और Cochin Shipyard Ltd – समंदर की दुनिया में अपना दमखम दिखा रहे हैं. दिलचस्प बात है कि ये तीनों कंपनियां सरकारी हैं. लेकिन सवाल ये है कि इन तीनों में असली बादशाह कौन है? किसके पास सबसे ज्यादा ऑर्डर हैं, किसकी कमाई सबसे जबरदस्त है और किसका भविष्य सबसे उज्जवल दिखता है? इस रिपोर्ट में हम तीनों कंपनियों को हर पैमाने पर मापेंगे ताकि निवेशक भी समझ सकें कि “पानी का सरताज” आखिर कौन है.
कंपनी की पहचान और ताकत
पैमाना | Mazagon Dock | GRSE | Cochin Shipyard |
---|---|---|---|
मुख्य काम | वॉरशिप और सबमरीन बनाना | वॉरशिप, इंजन असेंबली | वॉरशिप, कमर्शियल जहाज, शिप रिपेयर |
यूनिक पॉइंट | डेस्ट्रॉयर और सबमरीन बनाने वाला इकलौता भारतीय यार्ड | भारत का पहला वॉरशिप एक्सपोर्टर | US Navy के साथ रिपेयर करार, ग्रीन शिप्स में फोकस |
डाइवर्सिफिकेशन | हेलिकॉप्टर MRO, ऑफशोर प्रोजेक्ट्स | इंजन असेंबली, वेस्ट बंगाल इलेक्ट्रिक बोट | ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिक कैटामरान |
ऑर्डर बुक पर मुकाबला
Mazagon Dock का ऑर्डर बुक 39,872 करोड़ रुपये के साथ सबसे बड़ा है, जो उसकी निरंतर रक्षा परियोजनाओं की बिसात का परिचायक है. 37 जहाजों की डिलीवरी लाइन‑अप से कंपनी का प्रोडक्शन सर्किल भी बेहतर दिखाई देता है. GRSE का 23,592 करोड़ रुपये का ऑर्डर बुक भले ही MDL से कम हो, लेकिन P17A फ्रिगेट, सर्वे वेसल और एंटी‑सबमरीन शैलो वाटर क्राफ्ट जैसे चार बड़े प्रोजेक्ट इसकी डाइवर्सिफिकेशन कैपेसिटी को दिखाते हैं. Cochin Shipyard का ऑर्डर बुक 21,500 करोड़ रुपये है, जिसमें 52 फीसदी ग्रीन शिप हैं, जो ग्लोबल मर्किट में मॉर्डन टेक्नोलॉजी इक्विपमेंट जहाजों की डिमांड को भुनाने की उसकी रणनीति बताता है.
- Mazagon: नेवी के लिए सबसे एडवांस वॉरशिप्स बनाता है, TKMS के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर बड़ा प्लस है.
- GRSE: पब्लिक सेक्टर के साथ-साथ एक्सपोर्ट पर फोकस बढ़ा रहा है. प्रोजेक्ट्स की टाइमलाइन क्लीयर है.
- Cochin: ग्रीन एनर्जी और ग्लोबल क्लाइंट्स की ओर झुकाव है. US Navy के साथ करार एक बड़ा कदम है.
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वैल्यूएशन और फाइनेंशियल हेल्थ
पैमाना | Mazagon Dock | GRSE | Cochin Shipyard |
---|---|---|---|
5 साल का प्रॉफिट CAGR | 38.3% | 25.9% | 5.76% |
बुक वैल्यू पर प्राइस | 16.7x | 17.5x | 10x |
ROE (3 साल) | 32.4% | 28.1% | 13.5% |
P/E रेशियो | 54.6 | 68.4 | 64.8 |
ROCE | 43.2% | 37.3% | 20.1% |
डिविडेंड यील्ड | 0.45% | 0.29% | 0.45% |
प्रमोटर होल्डिंग | स्थिर | स्थिर | -4.95% घटा |
कर्ज | लगभग शून्य | लगभग शून्य | लगभग शून्य |
अन्य इनकम | ₹1,121 Cr | ₹335 Cr | ₹380 Cr |
तीनों कंपनियों के डेटा के मुताबिक, मुनाफे में Mazagon सबसे आगे है. GRSE भी मजबूत है, जबकि Cochin की ग्रोथ धीमी रही है. Cochin का वैल्यूएशन सबसे किफायती दिखता है लेकिन प्रमोटर होल्डिंग में गिरावट चिंता का विषय हो सकती है. बाकी दोनों कंपनियां थोड़ा महंगी दिख रही हैं लेकिन फाइनेंशियली मजबूत हैं.
डिस्क्लेमर: यह सामग्री केवल सूचना के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है और इसे निवेश सलाह या सिफारिश के रूप में न माना जाए. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें. बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन होता है.