रेयर अर्थ को लेकर सरकार का बड़ा प्लान, NMDC से लेकर Vedanta; इन 5 कंपनियों को मिलेगा सीधा फायदा!

भारत सरकार रेयर अर्थ मैटेरियल्स के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 1000 करोड़ की इंसेंटिव स्कीम लाने जा रही है. इससे हर साल 1,500 टन रेयर अर्थ मैग्नेट्स का उत्पादन किया जा सकेगा. इस सेक्टर में निवेश बढ़ने से कुछ कंपनियों को फायदा होगा, जिनमें से 5 प्रमुख कंपनियों के बारे में हम आपको बताएंगे.

रेयर अर्थ मैग्नेट्स Image Credit: Money9live/Canva

Rare Earth Materials Stocks: रेयर अर्थ मटेरियल्स या रेयर अर्थ मैग्नेट्स ये ऐसे तत्व हैं जो चुपचाप मगर सबसे ज्यादा और जरूरी काम कर रहे हैं. इसे लेकर दुनियाभर में फिलहाल तेहलका मचा हुआ है. इलेक्ट्रिक इकोसिस्टम को चलाने का काम यही करते हैं. भारत फिलहाल इन मैग्नेट्स के लिए इंपोर्ट पर निर्भर है वो भी चीन पर, जो चिंता वाली बात है. इसी चिंता को कम करने के लिए सरकार अब खुद इसका प्रोडक्शन शुरू करने जा रही है. इसके लिए 1000 करोड़ की इंसेंटिव स्कीम भी जल्द आ सकती है, जिसके तहत हर साल 1,500 टन रेयर अर्थ मैग्नेट्स का घरेलू उत्पादन किया जाना है, यानी इस सेक्टर में निवेश बढ़ने वाला है जिससे जाहिर तौर पर कुछ कंपनियों को सीधा फायदा पहुंचेगा. चलिए ऐसी 5 प्रमुख कंपनियों के बारे में जानते हैं.

1. Samvardhana Motherson International

ये भारत की सबसे ग्लोबलाइज्ड ऑटो पार्ट्स कंपनियों में से एक है. वायरिंग हार्नेस, कैमरा सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक्स, पीसीबी असेंबलियों से लेकर एयरस्पेस और सेमीकंडक्टर इक्विपमेंट तक, यह कंपनी अब हर जगह नजर आ रही है. रेयर अर्थ मैग्नेट्स जैसे नेओडाइमियम इसके कई प्रोडक्ट्स में जरूरी हैं.

2. Hindustan Zinc

ये भारत की नंबर वन जिंक-लेड प्रोड्यूसर है, जो अब क्रिटिकल मिनरल्स की तरफ बढ़ रही है. जिंक स्मेल्टिंग के दौरान निकलने वाला जर्मेनियम अब एक कमर्शियल स्ट्रीम बन चुका है.

3. Vedanta

वेदांता अब खुद को भारत के क्रिटिकल मिनरल्स गेटवे के रूप में स्थापित करने की ओर है. इसका पोर्टफोलियो जिंक, एल्युमिनियम, कॉपर, ऑयल एंड गैस, आयरन ore और पावर तक फैला हुआ है. रेयर अर्थ्स इसकी रणनीति का हिस्सा बन चुके हैं.

4. NMDC

भारत की सबसे बड़ी आयरन ore बनाने वाली कंपनी अब क्रिटिकल मिनरल्स के क्षेत्र में उतर रही है. इसकी ऑस्ट्रेलिया की कंपनी Legacy Iron Ore और मोजांबिक में ICVL JV इसे एक इंटरनेशनल प्लेयर बनाते हैं. रेयर अर्थ्स अभी इसके डायरेक्ट पोर्टफोलियो में नहीं हैं, लेकिन इसकी माइनिंग स्केल, सरकारी स्वामित्व और भौगोलिक पहुंच इसे इस क्षेत्र में लीडर बना सकते हैं. FY25 में 44.1 करोड़ टन प्रोडक्शन, 236.7 अरब रेवेन्यू, और 66.9 अरब का नेट प्रॉफिट रहा है.

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5. GMDC

गुजरात की ये सरकारी कंपनी पहले लिग्नाइट और बॉक्साइट के लिए जानी जाती थी. अब ये क्रिटिकल मिनरल्स जैसे लिथियम, रेयर अर्थ्स, कॉपर और फॉस्फेट की ओर रुख कर रही है.

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