CDSL, NSDL, CAMS, या KFin, Toll Booth मॉडल का साइलेंट विनर कौन; बाजार गिरे या उठें नहीं पड़ता फर्क, जानें कैसे

शेयर बाजार में कुछ कंपनियां ऐसी होती हैं जिनकी कमाई शेयर की कीमतों से नहीं, बल्कि हर लेनदेन से जुड़ी होती है. इसे Toll Booth मॉडल कहा जाता है. जैसे हाईवे पर हर गाड़ी से टोल लिया जाता है, वैसे ही CDSL, NSDL, CAMS और KFin Technologies हर ट्रेड और निवेश प्रक्रिया से फीस कमाती हैं.

CDSL, NSDL, CAMS और KFin Technologies हर ट्रेड से फीस कमाती हैं. Image Credit: money9live

Toll Booth Model: शेयर बाजार में ज्यादातर निवेशक शेयर की कीमत बढ़ने या गिरने पर ध्यान देते हैं. लेकिन बाजार में कुछ ऐसी कंपनियां भी होती हैं जिनकी कमाई शेयर के भाव से नहीं, बल्कि हर लेनदेन से जुड़ी होती है. इन्हें आसान भाषा में Toll Booth मॉडल पर काम करने वाली कंपनियां कहा जाता है. जैसे हाईवे पर टोल बूथ से हर गाड़ी गुजरने पर फीस ली जाती है, वैसे ही ये कंपनियां हर ट्रेड पर कमाई करती हैं. CDSL, NSDL, CAMS और KFin Technologies ऐसी ही कंपनियां हैं, जो बिना ज्यादा सुर्खियों में आए मार्केट ग्रोथ की साइलेंट बेनिफिशियरी बनी हुई हैं.

क्या है Toll Booth मॉडल

हाईवे पर ट्रैफिक कम या ज्यादा हो सकता है, लेकिन जब तक गाड़ियां चलती रहेंगी, टोल बूथ की कमाई जारी रहती है. शेयर बाजार में भी यही लॉजिक लागू होता है. निवेशक शेयर खरीदें या बेचें, हर लेनदेन को पूरा करने के लिए कुछ जरूरी सिस्टम काम करते हैं. ये सिस्टम चलाने वाली कंपनियां हर ट्रांजैक्शन पर फीस कमाती हैं.

कौन सी कंपनियां इस मॉडल पर काम करती हैं

भारत में डिपॉजिटरी, रजिस्ट्रार और मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियां इस मॉडल का हिस्सा हैं. CDSL और NSDL डिमैट अकाउंट संभालती हैं. CAMS और KFin Technologies म्यूचुअल फंड और निवेशकों के लेनदेन को प्रोसेस करती हैं. इनके बिना ट्रेड सेटलमेंट और रिकॉर्ड मैनेजमेंट संभव नहीं है.

क्यों पसंद करते हैं निवेशक Toll Booth मॉडल

निवेशकों को यह मॉडल इसलिए आकर्षक लगता है क्योंकि इसमें कम जोखिम और स्थिर कमाई की संभावना होती है. इन कंपनियों का खर्च सीमित होता है और जैसे जैसे वॉल्यूम बढ़ता है, मुनाफा तेजी से बढ़ता है. यही कारण है कि इनके मार्जिन और रिटर्न ऑन कैपिटल आमतौर पर ऊंचे रहते हैं.

CDSL को सबसे ज्यादा फायदा

CDSL देश की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी बन चुकी है. सितंबर तिमाही FY26 में इसके डिमैट अकाउंट्स की संख्या बढ़कर करीब 16.5 करोड़ पहुंच गई. कंपनी की मार्केट हिस्सेदारी लगभग 80 फीसदी है. Q2 FY26 में CDSL ने करीब 65 लाख नए डिमैट अकाउंट जोड़े. हालांकि इस तिमाही में कुल आय घटकर 290 करोड़ रुपये और मुनाफा 128 करोड़ रुपये रहा, लेकिन कोर बिजनेस मजबूत बना हुआ है. कंपनी के शेयर 15 दिसंबर को 0.51 फीसदी की तेजी के साथ 1486 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. इसने अपने निवेशकों को पिछले 5 साल में 464 फीसदी की रिटर्न दिया है.

NSDL की रिटेल रेस में वापसी

NSDL देश की पहली डिपॉजिटरी है. FY26 की सितंबर तिमाही में इसके डिमैट अकाउंट्स बढ़कर 4.2 करोड़ हो गए. खास बात यह है कि नए अकाउंट्स में इसकी हिस्सेदारी बढ़कर 17.6 फीसदी पहुंच गई है. Q2 FY26 में NSDL की कुल आय 250.6 करोड़ रुपये रही, जबकि मुनाफा 120.4 करोड़ रुपये दर्ज किया गया. अनलिस्टेड कंपनियों के सेगमेंट में NSDL की पकड़ काफी मजबूत है, जहां इसकी मार्केट शेयर करीब 73 फीसदी है. कंपनी के शेयर 15 दिसंबर को 0.33 फीसदी की तेजी के साथ 1055 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. इसने अपने निवेशकों को पिछले 5 साल में 19 फीसदी की रिटर्न दिया है.

म्यूचुअल फंड निवेश का सीधा फायदा CAMS को

जैसे जैसे म्यूचुअल फंड निवेश बढ़ा है, वैसे ही CAMS का बिजनेस भी मजबूत हुआ है. सितंबर तिमाही FY26 में CAMS के पास सर्विस किए जा रहे एसेट्स 52 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गए. Q2 FY26 में कंपनी की कुल आय 377 करोड़ रुपये रही. हालांकि मुनाफा घटकर 115 करोड़ रुपये रहा, लेकिन SIP रजिस्ट्रेशन और इक्विटी निवेश में मजबूती बनी रही. कंपनी के शेयर 15 दिसंबर को 2.65 फीसदी की तेजी के साथ रुपये पर ट्रेड कर रहा था. इसने अपने निवेशकों को पिछले 5 साल में 148 फीसदी की रिटर्न दिया है.

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KFin Technologies की तेज ग्रोथ कहानी

KFin Technologies ने म्यूचुअल फंड के साथ साथ IPO और AIF सेगमेंट में भी अपनी मौजूदगी बढ़ाई है. Q2 FY26 में कंपनी की आय 309 करोड़ रुपये रही और मुनाफा 93 करोड़ रुपये दर्ज किया गया. AIF सेगमेंट में इसके पास 1.8 ट्रिलियन रुपये से ज्यादा के एसेट्स हैं और मार्केट शेयर करीब 40 फीसदी है. विदेशों में भी कंपनी का बिजनेस धीरे धीरे बढ़ रहा है. कंपनी के शेयर 15 दिसंबर को 2.15 फीसदी की तेजी के साथ 1051 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. इसने अपने निवेशकों को पिछले 5 साल में 185 फीसदी की रिटर्न दिया है.

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