क्या है शेयर बेचने का सही समय और कब करें होल्ड, ये 8 गोल्डन रूल्स बचाएंगे आपके लाखों का नुकसान
शेयर खरीदना तो ठीक लेकिन शेयर बाजार में सफल निवेश के लिए सही समय पर शेयर बेचना भी महत्वपूर्ण है. ये समझना भी जरूरी है कि शेयर कब होल्ड करना है. कुछ ऐसे फैक्टर्स हैं जिनकी मदद से आप सही फैसला ले सकते हैं. यहां पढ़ें और समझें.
When to Sell Stocks: शेयर को सही समय पर बाजार में बेचना ही सफल निवेश की कुंजी है, क्योंकि एक तो ये फैसला लेना इतना आसान नहीं है और दूसरा सही समय पर शेयर बेचकर ही आप या तो पैसा कमाते हैं या और गंवाने से बचते हैं. अक्सर हमें ये सिखाया जाता है कि शेयर खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए लेकिन अगर बेचना हो तब? इसका जवाब हम आपको देंगे, यहां आपको कुछ गोल्डन रूल्स बताएंगो जो आपको यह समझने में मदद करेंगे कि शेयर कब होल्ड करना है और कब बेचकर मुनाफा कमाना है.
फैक्टर्स बताएंगे कब बेचा है
1. कंपनी के बिजनेस को करते रहें ट्रैक
कभी-कभी समस्या शेयर में नहीं, बल्कि हमारे अनुमान में होती है. मान लीजिए आपने सोचा कि आप किसी तेजी से बढ़ती कंपनी में निवेश कर रहे हैं, लेकिन असल में वो कंपनी अगर उस स्पीड से ग्रो नहीं कर रही जिस स्पीड की आपको अपेक्षा थी या उसका मैनेजमेंट कमजोर निकल जाए. ऐसे संकेतों से समझ जाना चाहिए कि स्टॉक का रिटर्न कैसा होगा और आपको अगला कदम उठाना चाहिए.
2. जब कंपनी का मैनेजमेंट भरोसे के काबिल न रहे
मैनेजमेंट की तस्वीर भी कंपनी के बारे में कई चीजें बता देती है. कई बार हम खबरों में RBI या सेबी के हवाले से मैनेजमेंट में गड़बड़ियों की खबरें सुनते हैं. जैसे अगर मैनेजमेंट शेयरधारकों के हित के खिलाफ जाए, बेहिसाब उधार लेने लगे, गलत सौदे करे या खुद को जरूरत से ज्यादा फायदा पहुंचाने लगे. ऐसी स्थिति से वहां से निकल जाना ही बेहतर होता है.
3. जब शेयर की कीमत उसके असली मूल्य से ऊपर निकल जाए
अगर किसी शेयर की कीमत इतनी बढ़ जाए कि वो उसके बेस मूल्य से काफी ऊपर ट्रेड कर रहा हो, तो मुनाफा बुक करना समझदारी है. इसके लिए इंडस्ट्री पीई रेशियो की स्टडी जरूरी है.
4. जब बेहतर ऑप्शन मिल जाएं
जरूरी नहीं कि कोई शेयर तभी बेचना है जब उसमें दिक्कत है. अगर आपको निवेश का कहीं और बेहतर विकल्प मिल रहा हो तो ऐसे में आप पुराने स्टॉक को बेचकर नए अवसर में लगा सकते हैं ताकि आपका पोर्टफोलियो मजबूत बन सके.
कब स्टॉक को होल्ड करें
1. सिर्फ इसलिए कि शेयर गिर रहा है
हर गिरावट का मतलब गड़बड़ी नहीं होता. अगर कंपनी की बुनियादी सेहत सही है तो यह बेचने का नहीं, बल्कि खरीदने का मौका हो सकता है. डर के बजाय तथ्यों पर ध्यान दें.
2. सिर्फ इसलिए कि शेयर ऊपर चला गया है
तेज मुनाफा देखकर हम जल्दी बेचने की सोचते हैं. लेकिन अगर कंपनी की कहानी अब भी दमदार है, तो जल्दबाजी में बाहर निकलना आगे के बड़े मुनाफे से आपको दूर कर सकता है. थोड़े से फायदे के लिए लंबे टर्म फायदा ना गंवाएं.
3. दिग्गज बिकवाली से घबराना
जब कंपनी से जुड़े दिग्गज लोग अपने शेयर बेचते हैं, तो निवेशक घबरा जाते हैं. लेकिन ये हमेशा कारोबार की कमजोरी नहीं दर्शाता. एक्सपर्ट बताते हैं कि इंसाइडर सेलिंग उतना भरोसेमंद संकेत नहीं होता जितना इंसाइडर बायिंग होता है. बिना पूरी जानकारी के घबरा कर बेचना सही नहीं है.
4. डाउनग्रेडिंग
अक्सर हम किसी खबर या रिपोर्ट पढ़ते ही बेचने की जल्दी में आ जाते हैं. लेकिन ये शॉर्ट-टर्म हलचल होती है. असली फोकस कंपनी की लंबी अवधि की बुनियादी स्थिति पर होना चाहिए. बाजार शोर मचाता है, लेकिन असली मूल्य समय के साथ सामने आता है. हर हलचल पर प्रतिक्रिया देना जरूरी नहीं है.