इस आइलैंड पर अटैक कर ईरान की कमर तोड़ सकता है इजरायल, लेकिन नहीं कर रहा हमला, जानें- किस बात का डर
Israel-Iran Kharg Island: इजरायल ने साउथ पारस गैस फील्ड पर भी हमला किया है, जो दुनिया के सबसे बड़े और ईरान के एनर्जी प्रोडक्शन के लिए काफी अहम है. हालांकि, ईरान की सबसे संवेदनशील एनर्जी साइट खर्ग आइलैंड को इजरायल ने अभी तक निशाना नहीं बनाया है.

Israel-Iran Kharg Island: इजरायल, ईरान में एक अहम एनर्जी साइट पर हमला करके उसकी इकोनॉमी की कमर तोड़ सकता है. लेकिन अभी तक इजरायल ने इस टारगेट से दूरी बना रखी है. इजरायल पहले ही ईरान की कई एनर्जी साइट- जैसे शाहरान फ्यूल और गैसोलीन डिपो, जिसमें कम से कम 11 स्टोरज टैंक हैं और शाहर रे, जो देश की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरियों में से एक है, पर हमला कर चुका है. इजरायल ने साउथ पारस गैस फील्ड पर भी हमला किया है, जो दुनिया के सबसे बड़े और ईरान के एनर्जी प्रोडक्शन के लिए काफी अहम है. हालांकि, ईरान की सबसे संवेदनशील एनर्जी साइट खर्ग आइलैंड को इजरायल ने अभी तक निशाना नहीं बनाया है. यहीं से ईरान सबसे अधिक तेल एक्सपोर्ट करता है.
तेल-लोडिंग टर्मिनल
पिछले साल अक्टूबर में ईरान-इजराइल संघर्ष के दौरान इस बात की चर्चा थी कि इजराइल खर्ग आइलैंड पर हमला करने की योजना बना रहा है, जिसके चलते खर्ग द्वीप पर तेल-लोडिंग टर्मिनल के आस-पास के पानी को कई तेल टैंकरों ने खाली कर दिया था.
ट्रैकिंग फर्म केप्लर में कच्चे तेल के एनालिसिस प्रमुख होमायूं फलकशाई ने रॉयटर्स को बताया कि पिछले सप्ताह खर्ग द्वीप से सारा माल साइट के पूर्वी जेटी पर लाया गया था. फलकशाई ने ईरान की सरकारी तेल कंपनी नेशनल ईरानी ऑयल कंपनी का हवाला देते हुए कहा कि एनआईओसी का मानना है कि पश्चिमी किनारे पर खुले पानी में स्थित दूसरी मुख्य जेटी की तुलना में यह कम जोखिम भरा है. बड़े तेल टैंकर एक-एक करके खर्ग द्वीप की ओर बढ़ रहे थे, जिससे द्वीप के पश्चिमी हिस्से में स्थित दूसरा जेटी कई दिनों तक इस्तेमाल नहीं हो पाया, जबकि 15-16 और ईरानी टैंकर फारस की खाड़ी के व्यापक क्षेत्र में फैले हुए थे.
खर्ग में मची हुई है हलचल
ईरान जितना संभव हो सके उतना तेल प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है. इसलिए खर्ग आइलैंड पर हलचल मची हुई है, ताकि अगर शिपमेंट बाधित होती है, तो कम से कम कुछ समय के लिए रेवेन्यू प्रभावित न हो. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, कई तेल टैंकर अब खर्ग द्वीप से दूर लंगर डाल रहे हैं, जो सामान्य समय के उलट है और तेल लोड करने के लिए केवल कुछ समय के लिए रुक रहे हैं और फिर जल्दी से इस इलाके से निकल जा रहे हैं.
इजरायल के अटैक के बाद ईरान के निर्यात में उछाल आया है. जंग के पहले पांच दिनों में ईरान ने औसतन 2.23 मिलियन बैरल प्रतिदिन तेल निर्यात किया, जो पिछले लेवल्स से 44 फीसदी अधिक है. अगर इस बार खर्ग द्वीप को निशाना बनाया जाता, तो ईरान अपने रेवेन्यू का एक प्रमुख सोर्स गंवा देगा.
कहां है खर्ग द्वीप?
खर्ग द्वीप एक महाद्वीपीय द्वीप है जो बुशहर के पास ईरान के तट पर स्थित है. यह होर्मुज स्ट्रैट के एंट्री गेट के करीब है. यह ईरान के प्रमुख ऑफशोर तेल निर्यात टर्मिनल के रूप में काम करता है. 1950 के दशक में निर्मित और ईरान-इराक युद्ध के दौरान भारी क्षति के बाद दोबारा बना यह टर्मिनल आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर लैस है.
यह बहुत बड़े कच्चे माल वाहक (VLCCs) और अल्ट्रा बड़े कच्चे माल वाहक (ULCCs) को संभालने में सक्षम है. टर्मिनल में कई बर्थ शामिल हैं, जो एक साथ 8-9 सुपरटैंकर लोड करने में सक्षम हैं और इसकी स्टोरेज कैपिसिटी लगभग 28 मिलियन बैरल है.
ईरान के प्रमुख प्रोडक्शन एरिया से क्रूड ऑयल को बड़े पाइपलाइन नेटवर्क के जरिए खर्ग तक पहुंचाया जाता है. यह टर्मिनल ईरान के कच्चे तेल के निर्यात का 90 फीसदी से अधिक हिस्से को संभालता है, जिससे यह देश की सबसे महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट्स बन जाता है.
ईरान के लिए कितना जरूर खर्ग टर्मिनल?
ईरान की अर्थव्यवस्था के लिए खर्ग टर्मिनल बहुत जरूरी है. अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण ईरान की पहुंच ग्लोबल मार्केट तक सीमित हो गई है. इसलिए तेल निर्यात देश के लिए मुद्रा के कुछ प्रमुख स्रोतों में से एक है. खर्ग के संचालन से होने वाले राजस्व से ईरान के राष्ट्रीय बजट का एक बड़ा हिस्सा फंडेड होता है, जिसेसे इसके जियो-पॉलिटिकल महत्वाकांक्षाओं को समर्थन मिलता है.
ईरान के लिए स्ट्रैटजिक बेनिफिट
दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण तेल चोकपॉइंट होर्मुज जलडमरूमध्य के पास यह जगह ईरान को काफी रणनीतिक लाभ देती है. इस क्षेत्र के जरिए एनर्जी फ्लो को नियंत्रित या बाधित करने की क्षमता खर्ग को न केवल एक आर्थिक संपत्ति बनाती है, बल्कि एक जियो-पॉलिटिकल संपत्ति भी बनाती है.
हालांकि, ईरान का तेल उत्पादन प्रतिबंधों के कारण सीमित है, लेकिन खर्ग में व्यवधान से वैश्विक तेल बाजारों पर बहुत अधिक असर पड़ सकता है. टर्मिनल पर कोई भी बड़ा हमला या बंद होने से फारस की खाड़ी से तेल सप्लाई की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ेंगी, जिससे वैश्विक ऊर्जा की कीमतें बढ़ेंगी.
पिछले साल थी हमले की थी आशंका
अक्टूबर 2024 में ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के दौरान इस बात की गंभीर अटकलें लगाई जा रही थीं कि इजराइल खड़ग को निशाना बना सकता है. ईरान के टॉप तेल अधिकारियों ने द्वीप का सार्वजनिक दौरा किया और बढ़ते अलर्ट के बीच कई टैंकरों को क्षेत्र खाली करते देखा गया. जबकि सीधे हमले के बिना तनाव कम हो गया. इस घटना से पता चला कि ईरान के लिए खर्ग कितना अहम है.
ईरान क्यों नहीं कर रहा अटैक?
खर्ग टर्मिनल केवल तेल निर्यात सुविधा नहीं है, बल्कि यह ईरान की इकोनॉमी की सांस है. इजराइल ने ईरान के परमाणु और एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाने की कोशिश की है. लेकिन अगर इजराय खर्ग पर हमला करता है, तो होर्मुज स्ट्रैट बंद हो सकता है, जिसके जरिए भारी मात्रा में ग्लोबल लेवल पर तेल की सप्लाई होती है. इजरायल के हमले के बाद खाड़ी में जवाबी हमले हो सकते हैं और वैश्विक एनर्जी सप्लाई को झटका लग सकता है. इससे आर्थिक व्यवधान पैदा हो सकते हैं, जिससे संघर्ष का दायरा भी बढ़ सकता है. इसलिए फिलहाल खर्ग एक रेड लाइन बनी हुई है जिसे इजरायल पार करने को तैयार नहीं है.
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