2025 में Nifty ने कराया इंतजार, गोल्ड-सिल्वर ने किया धमाल! 2026 में कैसे करें निवेश? Sanjay Kathuria ने बताई स्ट्रैटेजी

फाइनेंशियल कोच संजय कथूरिया ने मनी 9 की एडिटर प्रियंका संभव को बताया कि किस तरह उन्होंने गिरावट में खरीदारी की और 7-8 फीसदी तक का रिटर्न कमाया, जबकि आम निवेशकों को लगभग जीरो रिटर्न मिला. ऐसे में आइए संजय कथूरिया और प्रियंका संभव की पूरी बातचीत पर नजर डालते है.

Sanjay Kathuria ने बताई स्ट्रैटेजी Image Credit: Money 9 Live

Sanjay Kathuria Podcast: साल 2025 इक्विटी मार्केट्स के लिए उम्मीदों जैसा नहीं रहा. निफ्टी पूरे साल लगभग वहीं का वहीं रहा और विदेशी निवेशकों ने भी पैसा निकाला. इस बीच सोना और चांदी ने जबरदस्त रिटर्न दिया, जिससे बाकी निवेशक निराश हो गए. इसी माहौल में फाइनेंशियल कोच संजय कथूरिया ने मनी 9 की एडिटर प्रियंका संभव को बताया कि किस तरह उन्होंने गिरावट में खरीदारी की और 7-8 फीसदी तक का रिटर्न कमाया, जबकि आम निवेशकों को लगभग जीरो रिटर्न मिला. ऐसे में आइए संजय कथूरिया और प्रियंका संभव की पूरी बातचीत पर नजर डालते है.

गिरावट में खरीदना क्यों जरूरी?

संजय कथूरिया के अनुसार जब भी मार्केट गिरता है, निवेशक डर जाते हैं, जबकि असली मौका वहीं होता है. उन्होंने कहा कि वे हर बार बाजार के 1-1.5 फीसदी गिरने पर ETF खरीदते रहे और इसी रणनीति से उन्हें फायदा हुआ. उनका कहना है कि SIP तो चलती रहनी चाहिए, लेकिन “सिप ऑन डिप” यानी गिरावट पर खरीदारी भी जरूरी है.

डाइवर्सिफिकेशन ही सबसे बड़ा हथियार

संजय के मुताबिक साल 2025 ने सबसे बड़ा सबक यही दिया कि डाइवर्सिफिकेशन बेहद जरूरी है. उन्होंने ‘थाली अप्रोच’ का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह थाली में सब कुछ मिलता है, उसी तरह निवेश में भी अलग–अलग एसेट होने चाहिए. इसके लिए मल्टी एसेट एलोकेशन फंड एक आसान विकल्प है, जिसमें इक्विटी, डेट, गोल्ड, सिल्वर और अंतरराष्ट्रीय निवेश सब शामिल होते हैं. उन्होंने कहा कि आम निवेशक के पोर्टफोलियो का लगभग 30 फीसदी हिस्सा ऐसे फंड में होना चाहिए.

रियल एस्टेट का सच

रियल एस्टेट पर संजय ने कहा कि घर खरीदना गलत नहीं है, लेकिन पहले यह तय होना चाहिए कि उद्देश्य सेल्फ यूज है या निवेश. सेल्फ यूज के लिए घर मूल्य बढ़ने के हिसाब से नहीं खरीदा जाता. वहीं निवेश के लिए उन्हें कमर्शियल प्रॉपर्टी या प्लॉट बेहतर विकल्प लगते हैं, क्योंकि इनमें रेंटल यील्ड ज्यादा होती है. उन्होंने यह भी बताया कि रियल एस्टेट में प्राइस करेक्शन बहुत कम होता है, वहां ‘टाइम करेक्शन’ ज्यादा देखने को मिलता है.

रिटायरमेंट का फॉर्मूला

संजय कथूरिया ने दोबारा जोर देकर कहा कि रिटायरमेंट के लिए SWP यानी सिस्टमेटिक विदड्रॉल प्लान सबसे अच्छा तरीका है. उनके अनुसार अगर किसी वरिष्ठ नागरिक के पास करोड़ों का घर है, तो उसे किराए पर देने से बेहतर है कि रकम निवेश कर SWP ली जाए. इससे कम झंझट में हर महीने स्थिर आमदनी मिलती है. उन्होंने इसे देश के हर रिटायर निवेशक के लिए एक जरूरी विकल्प बताया.

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2026 में निवेश का रास्ता क्या होगा?

संजय के अनुसार साल 2026 में बाजार के लिए सबसे बड़ा जोखिम ग्लोबल टेंशन है. अगर हालात खराब हुए तो धातुओं जैसे स्टील, कॉपर, जिंक, गोल्ड और सिल्वर में तेज उछाल दिख सकता है. अगर हालात शांत रहे तो ऑटो और कंज्यूमर सेक्टर मजबूत प्रदर्शन कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि बजट से बड़ी उम्मीदें नहीं हैं, बस लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स में कोई बढ़ोतरी न की जाए. 2025 भले ही कमजोर रहा हो, लेकिन यह निवेशकों के लिए सस्ता खरीदारी वर्ष साबित होगा. ज्यादा यूनिटें इकट्ठी करने का फायदा आने वाले वर्षों में मिलेगा.