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सोना, रुपया, महंगाई समेत ये 5 संकेत अगले हफ्ते तय करेंगे बाजार, पहले से रहें तैयार
भारतीय शेयर बाजार ने दिसंबर के दूसरे हफ्ते का अंत मजबूती के साथ किया है. वैश्विक संकेतों से मिले सपोर्ट और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती के फैसले के बाद निवेशकों का भरोसा लौटा नजर आया. शुक्रवार, 12 दिसंबर को लगातार दूसरे सत्र में बाजार में तेजी दिखी और सेंसेक्स-निफ्टी दोनों मजबूत बढ़त के साथ बंद हुए. हालांकि, अगले हफ्ते बाजार की चाल पूरी तरह कुछ बड़े आर्थिक और वैश्विक ट्रिगर्स पर निर्भर रहने वाली है.
शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 450 अंक यानी 0.53% की बढ़त के साथ 85,267.66 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं एनएसई निफ्टी 50 ने 148 अंकों या 0.57% की तेजी के साथ 26,046.95 पर क्लोजिंग दी. खास बात यह रही कि इस बार ब्रॉडर मार्केट ने फ्रंटलाइन इंडेक्स को भी पीछे छोड़ दिया. बीएसई मिडकैप इंडेक्स 1.14% और स्मॉलकैप इंडेक्स 0.65% चढ़ा. एक ही सत्र में बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप बढ़कर 470 लाख करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया, जिससे निवेशकों की संपत्ति में करीब 3 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ.
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WPI महंगाई के आंकड़े रहेंगे अहम अगले हफ्ते बाजार की नजर 15 दिसंबर को जारी होने वाले नवंबर महीने के WPI महंगाई आंकड़ों पर रहेगी. अक्टूबर में थोक महंगाई दर घटकर –1.21% पर आ गई थी. इसकी बड़ी वजह दालों, सब्जियों, ईंधन और मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की कीमतों में गिरावट रही. अगर नवंबर में भी महंगाई दबाव में रहती है, तो इससे बाजार को सपोर्ट मिल सकता है.
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इंडिया–यूएस ट्रेड डील पर अपडेट भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर बातचीत एक बार फिर चर्चा में है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर सकारात्मक और रचनात्मक बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई है. निवेशक इस बात पर नजर रखेंगे कि आने वाले दिनों में इस दिशा में कोई ठोस प्रगति होती है या नहीं.
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रुपये की कमजोरी चिंता का कारण शुक्रवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 17 पैसे कमजोर होकर रिकॉर्ड निचले स्तर 90.49 पर बंद हुआ. विदेशी निवेशकों की बिकवाली, मजबूत डॉलर और आयातकों की बढ़ती डॉलर मांग से रुपये पर दबाव बना हुआ है. कमजोर रुपया बाजार की धारणा पर असर डाल सकता है, खासकर आयात पर निर्भर सेक्टर्स में.
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FII बिकवाली और सोने की ओर झुकाव 2025 में अब तक विदेशी संस्थागत निवेशक 234 में से 141 ट्रेडिंग सेशंस में नेट सेलर रहे हैं. यह आंकड़ा 2022 के करीब पहुंचता दिख रहा है. वहीं दूसरी ओर, वैश्विक अनिश्चितता के बीच सोने-चांदी की कीमतों में तेज उछाल आया है. सोना सात हफ्ते के उच्च स्तर पर पहुंच गया है, जबकि चांदी ने रिकॉर्ड हाई छुआ है. यह संकेत देता है कि निवेशक अभी भी सुरक्षित विकल्पों को तरजीह दे रहे हैं.