मैक्सिको ने भी फोड़ा टैरिफ बम, भारत-चीन सहित एशियाई देशों पर अब 50%, इन कारोबार पर सीधा असर

मैक्सिको ने एशियाई देशों से इंपोर्ट होने वाले 1400 से ज्यादा उत्पादों पर 5 से 50 फीसदी तक के नए टैरिफ की मंजूरी दे दी है. इससे चीन सबसे ज्यादा प्रभावित होगा क्योंकि चीनी कारों पर 50 फीसदी शुल्क लगेगा. यह फैसला अमेरिका की चीन विरोधी व्यापार नीति से मेल खाता है.

मैक्सिको ने नए टैरिफ नीति की मंजूरी दे दी है.

Mexico Tariff: मैक्सिको ने एशियाई देशों से होने वाले इंपोर्ट पर नए टैरिफ लगाने का बड़ा फैसला लिया है. खासतौर पर भारत- चीन से आने वाली सस्ती उत्पादों की बढ़ती आमद को रोकने और अपनी घरेलू इंडस्ट्री को सुरक्षा देने के लिए यह कदम उठाया गया है. मैक्सिको की सीनेट ने 1400 से ज्यादा प्रोडक्ट्स पर 5 से 50 फीसदी तक के टैरिफ को मंजूरी दे दी है. यह फैसला अमेरिका की चीन के खिलाफ सख्त नीति से काफी हद तक मेल खाता है. नए नियम के तहत 2026 से कुछ प्रोडक्ट्स जैसे ऑटो, ऑटो पार्ट्स, टेक्सटाइल, कपड़े, प्लास्टिक और स्टील पर 50% तक टैरिफ लगेगा, जबकि बाकी ज्यादातर प्रोडक्ट्स पर रेट 35% तक सीमित रहेंगे. राष्ट्रपति क्लाउडिया शेनबाम इस कदम के जरिए स्थानीय प्रोडक्शन को बढ़ावा देना और अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव को कम करना चाहती हैं. नए टैरिफ अगले साल से लागू होंगे और इसके जरिए सरकार को बड़ी अतिरिक्त कमाई की उम्मीद है.

मैक्सिको में एशियाई इंपोर्ट पर नए टैरिफ लागू

मैक्सिको की सीनेट ने एशियाई देशों से आने वाले 1400 से ज्यादा उत्पादों पर 5 से 50 फीसदी तक के नए टैरिफ को मंजूरी दे दी है. यह टैरिफ उन देशों पर लागू होगा जिनका मैक्सिको के साथ कोई व्यापार समझौता नहीं है. सरकार के अनुसार यह कदम घरेलू उद्योग की सुरक्षा और इंटरनेशनल कंपटीशन के दबाव को कम करने के लिए उठाया गया है.

चीन बनेगा सबसे ज्यादा प्रभाव

नए कानून का सबसे बड़ा असर चीन से आने वाले प्रोडक्ट्स पर होगा. चीन की फैक्ट्रियों से आने वाले कपड़ों से लेकर ऑटो पार्ट्स तक कई उत्पादों पर अब भारी टैरिफ देना होगा. खासकर चीनी कारों पर 50 फीसदी का सबसे ऊंचा टैरिफ लगाया गया है. चीन वर्तमान में मैक्सिको के ऑटो मार्केट का लगभग 20 फीसदी हिस्सा रखता है.

अमेरिका से सहमती की तरफ बड़ा कदम

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब मैक्सिको और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच ट्रेड डील चल रही हैं. माना जा रहा है कि मैक्सिको की यह नीति अमेरिका की चीन विरोधी व्यापार रणनीति से मेल खाती है. इससे उम्मीद जताई जा रही है कि अमेरिका मैक्सिको के स्टील और एल्युमिनियम पर लगाए गए भारी टैरिफ में राहत दे सकता है.

ये भी पढ़ें- भारत को एक और झटका देने की तैयारी में ट्रंप, सस्ते चावल का इंपोर्ट रोकेगा अमेरिका, कनाडाई फर्टिलाइजर पर भी टेढ़ी नजर

डोमेस्टिक इंडस्ट्री को मिलेगी मजबूती

मैक्सिको के लोकल इंडस्ट्री, खासकर कार मैन्युफैक्चरर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, नए टैरिफ के पक्ष में हैं. उनका कहना है कि एशियाई देशों से आने वाले सस्ते इंपोर्ट उनकी कंपटीशन को कमजोर कर रहे थे. नए शुल्क से स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और घरेलू रोजगार के अवसर भी मजबूत होंगे.

आलोचना और बढ़ती महंगाई की आशंका

हालांकि इस फैसले की आलोचना भी हो रही है. चीन, भारत और दक्षिण कोरिया से इंपोर्टपर निर्भर कई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने चेतावनी दी है कि इससे उत्पादन लागत बढ़ेगी और महंगाई का दबाव बढ़ सकता है. कई सांसदों ने भी आशंका जताई कि इससे एशियाई देशों के साथ व्यापारिक तनाव बढ़ सकता है.

अतिरिक्त कमाई की उम्मीद

मैक्सिको के वित्त मंत्रालय के अनुसार नए टैरिफ से अगले साल सरकार को लगभग 52 अरब पेसो यानी लगभग 2.8 अरब डॉलर की अतिरिक्त कमाई होगी. सरकार ने यह भी बताया कि इन टैरिफ को जरूरत के अनुसार बढ़ाने या घटाने का अधिकार अब अर्थव्यवस्था मंत्रालय को दिया गया है. यह कदम भविष्य में USMCA व्यापार समझौते की समीक्षा के समय भी काम आ सकता है.