टाटा संस को लग सकता है झटका! 9 साल में पहली बार डिविडेंड इनकम में गिरावट, TCS बनेगी वजह

9 साल से लगातार बढ़ रही थी टाटा संस की कमाई, लेकिन इस बार कुछ बदलता नजर आ रहा है. एक ऐसी ग्रुप कंपनी, जो आमतौर पर सबसे बड़ी इनकम देती थी, उसने कुछ ऐसा किया जिससे टाटा संस की कमाई पर असर पड़ा सकता है. जानिए क्या है ये बदलाव और इसका क्या असर हो सकता है.

टाटा संस की इनकम पर असर Image Credit: TV9 Bharatvarsh, canva

देश के सबसे बड़े बिजनेस समूहों में से एक टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस को वित्त वर्ष 2025 (FY25) की शुरुआत में डिविडेंड के रूप में मिलने वाली आमदनी में गिरावट के संकेत मिल रहे हैं. बीते कई वर्षों से लगातार बढ़ रही डिविडेंड इनकम इस बार सुस्त नजर आ रही है, खासकर TCS से मिलने वाले डिविडेंड की तुलना में. कंपनी को ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों से मिलने वाली डिविडेंड आय में इस बार करीब 3.5 फीसदी की गिरावट दर्ज होते दिख रही है. बीते 9 सालों में यह पहला मौका है जब टाटा संस की डिविडेंड कमाई में गिरावट आई है.

वित्त वर्ष 2023-24 में टाटा संस को अपनी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों से कुल 37,832 करोड़ रुपये का डिविडेंड मिला था, लेकिन FY25 में यह घटकर 36,154 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. यह गिरावट मुख्य रूप से टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) से मिली कम रकम की वजह से है, जो टाटा संस की सबसे बड़ी इनकम सोर्स भी है.

TCS पर सबसे ज्यादा निर्भर टाटा संस

TCS हर साल टाटा संस को सबसे ज्यादा डिविडेंड देती है. बिजनेस स्टैनडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, FY24 में टाटा संस को TCS से 34,053 करोड़ रुपये मिले थे, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि FY25 में यह आंकड़ा घटकर 32,727 करोड़ रुपये पर आ सकता है. इसकी बड़ी वजह यह है कि FY25 में TCS ने शेयर बायबैक नहीं किया, जबकि पिछले वित्त वर्ष में 21,000 करोड़ रुपये का बायबैक हुआ था.

टाटा संस को अपने ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों से जो कुल डिविडेंड मिलता है, उसमें से करीब 89.6 फीसदी अकेले TCS से आता है. FY24 में यह हिस्सा करीब 90% था. FY25 में भले ही यह आंकड़ा थोड़ा घटा हो, लेकिन फिर भी कंपनी की आमदनी में TCS की भूमिका सबसे बड़ी बनी रहेगी.

निवेशकों के लिए संकेत क्या हैं?

TCS के अलावा अन्य टाटा कंपनियों जैसे टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाइटन और टाटा पावर से मिलने वाली डिविडेंड इनकम भी अस्थिर और अपेक्षाकृत कम रह सकती है. खासतौर पर ई-कॉमर्स, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और एविएशन जैसे सेक्टर जहां ग्रुप लगातार विस्तार कर रहा है, वहां फंडिंग की चुनौती बढ़ सकती है.

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हालांकि FY24 में टाटा संस की स्टैंडअलोन ऑपरेटिंग इनकम 43,767 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले से 25 फीसदी से ज्यादा है. लेकिन जिस तरह कंपनी की इनकम में डिविडेंड की हिस्सेदारी करीब 95 फीसदी है, उसमें गिरावट लंबे समय में ग्रुप की ग्रोथ प्लानिंग पर असर डाल सकती है.

डिसक्लेमर: यह सामग्री केवल सूचना के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है और इसे निवेश सलाह या सिफारिश के रूप में न माना जाए. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें. बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन होता है.