मस्क-ट्रंप विवाद ने बढ़ाई टेस्ला की मुश्किलें, शेयर 29 फीसदी गिरे, डूब गए 32.68 लाख करोड़ रुपये

2025 में टेस्ला को अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है. इलेक्ट्रिक वाहन मांग में गिरावट, एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच विवाद, और राजनीतिक बयानबाजी के चलते कंपनी की मार्केट कैप 29.3 फीसदी घटकर 917 बिलियन डॉलर रह गई. यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है.

2025 में टेस्ला को अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है. Image Credit: Beata Zawrzel/NurPhoto via Getty Images

Tesla: टेस्ला 2025 में दुनिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली बड़ी कंपनियों में शामिल हो गई है. कंपनी की मार्केट वैल्यू में अब तक 380 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है. इस गिरावट के पीछे इलेक्ट्रिक वाहनों की कम होती मांग, सीईओ एलन मस्क के राजनीतिक विवाद और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ चल रही तनातनी को अहम वजह माना जा रहा है. ट्रंप ने हाल ही में मस्क की कंपनियों के साथ सरकारी कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने की धमकी दी है. इसका सीधा असर टेस्ला के शेयरों पर पड़ा है.

शेयरों में 29 फीसदी की भारी गिरावट

टेस्ला के शेयरों में साल की शुरुआत से अब तक 29.3 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. कंपनी का मार्केट कैप घटकर 917 बिलियन डॉलर रह गया है. यह किसी भी बड़ी वैश्विक कंपनी में इस साल की सबसे बड़ी गिरावट है. टेस्ला जो साल की शुरुआत में मार्केट वैल्यू के हिसाब से आठवें स्थान पर थी, अब 5 जून तक दसवें स्थान पर पहुंच गई है.

ट्रंप और मस्क के बीच बढ़ा विवाद

टेस्ला के शेयरों में गिरावट की एक बड़ी वजह मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच का सार्वजनिक विवाद है. मस्क ने ट्रंप के टैक्स और खर्च से जुड़े बिल की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आलोचना की थी, जिसके जवाब में ट्रंप ने मस्क की कंपनियों के सभी सरकारी कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने की धमकी दी. हालांकि बाद में व्हाइट हाउस की ओर से दोनों पक्षों में सुलह की कोशिश की गई और मस्क के साथ बातचीत तय हुई. इससे शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में टेस्ला के शेयर थोड़े बढ़े.

एप्पल भी फिसला, माइक्रोसॉफ्ट टॉप पर

टेस्ला के साथ-साथ एप्पल को भी 2025 में झटका लगा है. चीन में कमजोर डिमांड, ट्रंप के टैरिफ की धमकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में धीमी प्रगति के कारण एप्पल की मार्केट वैल्यू 20 प्रतिशत से ज्यादा घट गई है और अब यह 2.99 ट्रिलियन डॉलर पर है. साल की शुरुआत में दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी रही एप्पल अब तीसरे स्थान पर आ गई है.

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माइक्रोसॉफ्ट बनी सबसे वैल्युएबल कंपनी

दूसरी तरफ, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मांग के चलते माइक्रोसॉफ्ट को बड़ा फायदा हुआ है. ओपनएआई के साथ साझेदारी और माइक्रोसॉफ्ट 365 कोपायलट जैसे टूल्स के कारण कंपनी की वैल्यू तेजी से बढ़ी है और वह अब दुनिया की सबसे वैल्युएबल कंपनी बन गई है.