HAL, BEL जैसी डिफेंस कंपनियों में लगाना चाहते हैं पैसा, निवेश से पहले देख लें ऑर्डर बुक, हो गया है भारी उछाल
भारत-पाकिस्तान संघर्ष में 'मेड इन इंडिया' हथियारों ने देश की रक्षा आत्मनिर्भरता को साबित किया. HAL, BEL, MDL, BDL और पारस डिफेंस जैसी कंपनियां स्वदेशी फाइटर जेट्स, मिसाइल्स और नेवल सिस्टम्स विकसित कर रही हैं. आत्मनिर्भर भारत के तहत इन कंपनियों के स्टॉक्स में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है.

Indian defence stocks: हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष में ‘मेड इन इंडिया’ हथियारों की ताकत देखने को मिली. इस संघर्ष ने दुनिया को यह दिखा दिया कि भारत अब हथियारों के मामले में केवल आयात पर निर्भर नहीं है, बल्कि घरेलू स्तर पर भी एडवांस हथियारों का निर्माण करने में सक्षम है. भारत सरकार आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए रक्षा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. देश में अब फाइटर जेट्स से लेकर मिसाइलों तक कई हथियार पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बनाए जा रहे हैं. इस पहल में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियां सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. आत्मनिर्भर भारत योजना के चलते इन कंपनियों की ऑर्डर बुक में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है, जिससे निवेशकों का रुझान भी इन कंपनियों की ओर बढ़ा है और वे इनमें तेजी से निवेश कर रहे हैं.
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)
हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भारत की अग्रणी एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनियों में से एक है, जो विमानों और हेलीकॉप्टरों के निर्माण, मरम्मत और रखरखाव में सक्रिय भूमिका निभाती है. वित्त वर्ष 2025 के अंत में HAL का ऑर्डर बुक 1,893 बिलियन रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2024 के 941.27 बिलियन रुपये से काफी अधिक है और इसे देश की सबसे बड़ी ऑर्डर बुक वाली रक्षा कंपनी बनाता है. कंपनी ने अगले पांच वर्षों में हेलीकॉप्टर, फाइटर जेट, ट्रेनर एयरक्राफ्ट और एयरो इंजन के निर्माण तथा ROH सुविधाओं के विस्तार के लिए 140-150 बिलियन रुपये के कैपेक्स की योजना बनाई है.
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL)
1 अप्रैल 2025 तक कंपनी का ऑर्डर बुक 716.5 बिलियन रुपये था, जो HAL के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी ऑर्डर बुक है. BEL को वित्त वर्ष 2026 में क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM) से लगभग 300 बिलियन रुपये के बड़े ऑर्डर की उम्मीद है. वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो FY22 से FY24 के दौरान BEL का रेवेन्यू क्रमशः 153,682 मिलियन, 177,344 मिलियन और 202,682 मिलियन रुपये रहा, जिसमें 8.9 , 15.4 और 14.3 फीसदी की वार्षिक बढ़ोतरी दर्ज की गई.
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (MDL)
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) भारत का प्रमुख शिपयार्ड है और देश की एकमात्र नवरत्न दर्जा प्राप्त शिपबिल्डिंग कंपनी है. 31 मार्च 2025 तक कंपनी का ऑर्डर बुक 322.6 बिलियन रुपये रहा, जो इसके मजबूत ऑर्डर इनफ्लो को दिखाता है. हाल ही में, MDL ने एक यूरोपीय ग्राहक के साथ तीन हाइब्रिड पावर्ड जहाजों के निर्माण के लिए 43 मिलियन डॉलर का अंतरराष्ट्रीय कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया है. कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन भी लगातार बेहतर होता गया है. FY22 से FY24 के बीच कंपनी का रेवेन्यू क्रमशः 57,333 मिलियन, 78,272 मिलियन और 94,666 मिलियन रुपये रहा, जबकि नेट प्रॉफिट 5,631 मिलियन रुपये से बढ़कर 18,089 मिलियन रुपये हो गया.
भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL)
भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) भारत सरकार का एक प्रमुख उपक्रम है, जो मिसाइलों और रक्षा उपकरणों के निर्माण में एक्सपर्टीज रखती है. FY24 के अंत तक कंपनी का ऑर्डर बुक 194.34 बिलियन रुपये था, जिसमें लगभग 12 फीसदी हिस्सेदारी निर्यात ऑर्डर की रही. अगले 2-3 वर्षों में कंपनी को 200 बिलियन रुपये तक के नए ऑर्डर मिलने की संभावना है. BDL का वित्तीय प्रदर्शन मिला-जुला रहा है. FY22 से FY24 के बीच रेवेन्यू क्रमशः 28,174 मिलियन, 24,894 मिलियन और 23,693 मिलियन रुपये रहा, जबकि नेट प्रॉफिट 4,999 मिलियन से घटकर FY23 में 3,522 मिलियन रुपये हुआ, लेकिन FY24 में बढ़कर 6,127 मिलियन रुपये तक पहुंच गया.
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पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज (PDST)
पीएसडीटी (PDST) एक निजी क्षेत्र की कंपनी है, जो रक्षा और अंतरिक्ष इंजीनियरिंग से जुड़े उच्च तकनीक उत्पादों का निर्माण करती है. 31 मार्च 2025 तक कंपनी का ऑर्डर बुक 9 बिलियन रुपये रहा, जबकि FY26 में 10 बिलियन रुपये से अधिक के ऑर्डर मिलने की संभावना है. कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन भी स्थिर रूप से सुधर रहा है. FY22 से FY24 के बीच PDST का रेवेन्यू क्रमशः 1,826 मिलियन, 2,224 मिलियन और 2,535 मिलियन रुपये रहा, वहीं नेट प्रॉफिट 271 मिलियन से बढ़कर 359 मिलियन रुपये हुआ, हालांकि FY24 में यह 300 मिलियन रुपये पर आ गया.
डिसक्लेमर: यह सामग्री केवल सूचना के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है और इसे निवेश सलाह या सिफारिश के रूप में न माना जाए. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें. बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन होता है.
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