दिवालिया होने के कगार पर ये अमेरिकी मल्टीनेशनल कंपनी, 57 फीसदी टूट गए शेयर
लगातार घाटे में जा रहे बिजनेस को देखते हुए कंपनी अब जल्द ही खुद को दिवालिया घोषित करने वाली है. इसके लिए फाइलिंग की प्रक्रिया भी तेज हो गई है. जानकारों के मुताबिक कंपनी इस हफ्ते दिवालियापन के लिए आवेदन कर सकती है.
प्लास्टिक के डिब्बे और दूसरे प्रोडक्ट बनाने वाली नामी अमेरिकी मल्टीनेशनल कंपनी टपरवेयर ब्रांड्स (Tupperware) के हालात इनदिनों कुछ ठीक नहीं है. खराब आर्थिक स्थिति और लगातार घाटे में जा रहे बिजनेस को देखते हुए कंपनी अब जल्द ही खुद को दिवालिया घोषित करने वाली है. इसके लिए फाइलिंग की प्रक्रिया भी तेज हो गई है. इस घटना के खुलासे से कंपनी के स्टॉक धड़ाम हो गए हैं. इसके शेयर करीब 57 फीसदी तक टूट गए हैं.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक मामले से परिचित कुछ लोगों का कहना है कि फ्लोरिडा स्थित कंपनी अपने ऋण शर्तों का उल्लंघन करने के बाद अदालती सुरक्षा की मांग करने की योजना बना रही है. टपरवेयर ने कार्यवाही के दौरान सलाहकारों से सलाह ली है. हालांकि अंतिम निर्णय क्या होगा ये अभी भी अस्थायी हैं, जिसमें बदलाव हो सकता है. फिलहाल कंपनी ने यह फैसला 700 मिलियन डॉलर के ऋण के प्रबंधन पर उधारदाताओं के साथ बातचीत के बाद लिया.
कंपनी करेगी छंटनी
घरेलू सामान बनाने वाली कंपनी टपरवेयर ने कहा कि वह जनवरी 2025 तक अमेरिका में अपनी आखिरी सुविधा बंद कर देगी और 28 सितंबर से 140 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी करेगी. कंपनी ने छंटनी को लेकर कर्मचारियों को पहले ही आगाह किया था. इसे लेकर टपरवेयर ने अप्रैल 2023 में यह चेतावनी दी थी कि वह व्यवसाय से बाहर जा सकती है. बता दें पिछले साल अक्टूबर में टपरवेयर ने अपने नेतृत्व में बदलाव किया था. कंपनी ने सीईओ मिगुएल फर्नांडीज की जगह अंडरवियर निर्माता स्पैनक्स की पूर्व मुख्य कार्यकारी लॉरी एन गोल्डमैन को इस पद पर नियुक्त किया था.
जानें कब हुई थी कंपनी की स्थापना?
रसायनशास्त्री अर्ल टपर ने साल 1946 में टपरवेयर कंपनी की स्थापना की थी. इस कंपनी की लोकप्रियता 1950 के दशक में सबसे ज्यादा थी. उस समय महिलाएं सशक्तीकरण और स्वतंत्रता की चाह में अपने घरों में “टपरवेयर पार्टियां” आयोजित करती थीं और फूड स्टोरेज कंटेनर बेचने लगीं. कोविड-19 महामारी के दौरान टपरवेयर की बिक्री में सुधार देखने को मिला था क्योंकि ज्यादातर परिवार घर पर ही रहे और उन्होंने खाने को स्टोर करने के लिए ये डिब्बे खरीदे थे. मगर हालात के सामान्य होने पर कंपनी की हालत दोबारा खराब हो गई. हाल की तिमाहियों में बिक्री में गिरावट दर्ज की गई.