EPFO से आई कॉल और इस सरकारी अफसर के लुट गए 1.4 करोड़; इस शातिर पैंतरे से रहें सावधान

सरकारी फॉर्मेट में भेजा गया WhatsApp मैसेज, EPFO अधिकारी की पहचान, और CBI जांच की धमकी- सुनने में सब असली लगे, लेकिन कहानी असल में कुछ और ही निकली. एक रिटायर्ड अधिकारी के साथ हुआ ऐसा छल, जिसे जानकर आप भी चौक जाएंगे. पूरी सच्चाई जानने के लिए पढ़ें ये रिपोर्ट.

सरकारी मुहर और CBI नाम… और फंस गया रिटायर्ड अधिकारी! Image Credit: Canva

Cyber Fraud: अगर आपके पास EPFO से जुड़ी कोई कॉल या सरकारी दस्तावेज जैसी दिखने वाली वॉट्सऐप फाइल आए, तो सतर्क हो जाइए. दिल्ली के एक रिटायर्ड सरकारी अधिकारी के साथ जो हुआ, वह आपके साथ भी हो सकता है. एक फोन कॉल से शुरू हुआ यह जालसाजी का सिलसिला दस महीने तक चलता रहा और अंत में पीड़ित अपने जीवन भर की कमाई, करीब 1.4 करोड़ रुपये से हाथ धो बैठा.

एक फोन कॉल, और शुरू हुआ झांसे का खेल

मई 2023 में पीड़ित को एक कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को आलोक मेहता बताया, जो दिल्ली स्थित EPFO ऑफिस का अधिकारी होने का दावा कर रहा था. उसने कहा कि पीड़ित के PF के 63 लाख रुपये से अधिक की राशि अटकी है, लेकिन उसे रिलीज कराने के लिए पहले 7,230 रुपये “सिक्योरिटी चार्ज” देने होंगे. जब पीड़ित ने यह राशि भेजी, तो उसे सरकारी मुहर वाले नकली दस्तावेज Whatsapp पर भेजे गए. क्योंकि दस्तावेज पर मुहर असली से दिखें पीड़ित को किसी गलती का आभास तक नहीं हुआ.

इसके बाद फर्जी दस्तावेज और भरोसेमंद लहजे में बात कर के उसे धीरे-धीरे और अधिक पैसे भेजने को कहा गया. फीस, टैक्स क्लियरेंस और वेरिफिकेशन चार्ज के नाम पर, दाम वसूले जाने लगें. इस तरह पीड़ित ने ठग को अगले दस महीनों में वह 60 लाख रुपये और भेज दिए. लेकिन सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ, आने वाले दिनों में पीड़ित के डर फायदा उठाया गया और उसके लिए एक और नया जाल तैयार किया गया, और वह था CBI का.

CBI जांच का डर और नकली चेक का चक्र

मार्च 2024 में एक महिला ने खुद को माही शर्मा बताया और कहा कि वह मुंबई स्थित CBI ऑफिस से बोल रही है. उसने बताया कि आलोक मेहता को गिरफ्तार कर लिया गया है और अब PF केस की जांच CBI कर रही है. पीड़ित को एक नकली चेक भी भेजा गया, लेकिन टैक्स और NOC चार्ज देने के लिए और पैसे मांगे गए.

पीड़ित ने नवंबर 2024 तक ट्रांजैक्शन जारी रखे, लेकिन जब चेक को इनकैश कराने गया तो पता चला कि वह फर्जी था.

पुलिस में शिकायत और जांच शुरू

28 मई 2025 को पीड़ित ने वेस्ट साइबर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई. पुलिस अब इस रैकेट से जुड़े बैंक खातों और डिजिटल ट्रेल्स की जांच कर रही है. शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपियों ने सरकारी संस्थानों की विश्वसनीयता को हथियार बनाकर यह फर्जीवाड़ा किया. पुलिस का कहना है कि ये गिरोह बड़ा हो सकता है और इसके शिकार अन्य लोग भी हो सकते हैं.

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कैसे बचें ऐसे EPFO फ्रॉड से?

गर आपको लगे कि आप ठगी का शिकार हो चुके हैं, तो तुरंत 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं. सिर्फ एक क्लिक या कॉल आपको लाखों की चपत लगा सकता है. इसलिए सचेत रहें, सतर्क रहें.